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साउंड थेरिपी (Sound Therapy) क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2020

    साउंड थेरिपी (Sound Therapy) क्या है?

    साउंड हीलिंग थेरिपी में म्यूजिक की मदद से फिजिकल और इमोशनल हेल्थ को ठीक किया जा सकता है। म्यूजिक सुनकर, गाने के साथ खुद भी गुनगुनाना, म्यूजिक की धुन पर झूमना, मेडिटेशन करना या म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजा कर किया जा सकता है। देखा जाए तो आज कल की बदलती लाइफस्टाइल ज्यादतर लोग किसी न किसी कारण तनाव में रहते हैं। नेशनल हेल्थ पोर्टल (NHP) के अनुसार तनाव से लगभग ज्यादतर लोग परेशान रहते हैं। यह गरीब, अमीर, एजुकेटेड, नॉन-एजुकेटेड, पुरुष या महिला सब इससे एफेक्टेड हैं। तनाव की वजह से लोगों के फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। देखा जाए तो चाहकर भी हमसभी तनाव से अपने आपको निकालने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। हालांकि अपने आपको फिट रखने के लिए हमसभी कई विकल्प अपनाते हैं जैसे हेल्दी फूड या फिर वर्कआउट कर इससे बचने की कोशिश करते हैं। तनाव को दूर करने के लिए साउंड थेरिपी की भी मदद ले सकते हैं।

    कुछ रिसर्च के अनुसार म्यूजिक टेंशन और डिप्रेशन जैसी अन्य समस्याओं को कम करने में काफी मददगार साबित होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार म्यूजिक थेरिपी की मदद से कई बीमारियों को कम करने में सहायक होता है।

    ये भी पढ़ें:घर पर ब्लड प्रेशर चेक करने के तरीके

    साउंड थेरिपी अलग-अलग तरह के होते हैं, इनमें वाइब्रेशन साउंडथेरिपी की मदद से लोगों में सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।

    साउंड थेरिपी के प्रकार और उनसे होने वाले लाभ:

    मल्टीडाइमेंशनल म्यूजिक थेरिपी

    माना जाता है कि वाइब्रेशन थेरिपी से शरीर में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इससे ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारी भी ठीक होती है। विब्रोकैस्टिक थेरिपी स्वास्थ्य में सुधार और तनाव को कम करने के लिए दिया जाता है। इस साउंड थेरिपी में संगीत और ध्वनि कंपन को सीधे शरीर तक पहुंचाया जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार कैंसर से पीड़ित लोगों और सर्जरी से उबरने वाले लोगों में दर्द को कम करने के लिए विब्रोकैस्टिक थेरिपी दी जाती है।

    हीलिंग विथ वॉइस

    ध्वनि के माध्यम से जैसे किसी वीडियो के माध्यम से, ऐप के माध्यम से या मेडिटेशन क्लास जा कर यह किया जा सकता है। वहीं आप ‘ॐ ‘ जैसे शब्दों के उच्चारण कर मेडिटेशन कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं- तनाव कम कर, चिंता कम कर, याददाश्त बढ़ाकर, शरीर में हो रहे दर्द को कम कर और कोलेस्ट्रॉल कम कर किया जा सकता है।

    बाइन्यूरल साउंड थेरिपी

    म्यूजिक थेरिपी तनाव को कम कर सकती है और आप ज्यादा वक्त तक आराम कर सकते हैं। यह सर्जरी से पहले चिंता (तनाव) को कम करने के लिए दिया जा सकता है।

    साइकोजयोमेट्रिक म्यूजिक

    बोनी मेथड शास्त्रीय संगीत की तरह है। इस थेरिपी में बोनी मेथड शास्त्रीय संगीत से पीड़ित व्यक्ति को ठीक किया जाता है।

    नॉर्डऑफ-रॉबिन्स

    यह थेरिपी एक्सपर्ट्स द्वारा दी जाती है। इसे बच्चों और उनके माता-पिता को दी जाती है।

    हीलिंग विथ सिंगिंग बाउल्स

    सिंगिंग बाउल थेरिपी तिब्बती संस्कृति में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। रिलैक्स करने के लिए धातु के एक बाउल (धातु का कटोरा) से उत्पन्न ध्वनि आपको सकून देती है।

    सोनिक एक्यूपंक्चर

    शरीर के अलग-अलग हिस्से में जरूरत के अनुसार वाइब्रेशन देने की प्रक्रिया को ट्यूनिंग फोर्क थेरेपी कहते हैं। इससे तनाव कम होता है और अच्छा महसूस कर सकते हैं।

    ब्रेनवेव इनट्रेनमेंट

    इस थेरिपी की मदद से मष्तिस्क को आराम मिलता है।

    ये भी पढ़ें:थेराप्यूटिक फोटोग्राफी कर सकती है आपका तनाव दूर, कुछ इस तरह

    ध्वनि उपचार (साउंड थेरिपी) कैसे किया जाता है?

    ध्वनि उपचार का उपयोग कई स्थितियों के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

    • घबराहट की बीमारी- अगर किसी व्यक्ति को घबराहट की समस्या रहती है, तो ऐसे में साउंड थेरिपी दी जा सकती है। कभी-कभी घबराहट होना सामान्य होता लेकिन, अगर यह समस्या बढ़ने लगे, तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है।
    • डिप्रेशन- डिप्रेशन, एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसे मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर और क्लिनिकल डिप्रेशन के नाम से भी जाना जाता है। आम भाषा में इसे एक मूड डिसॉर्डर भी कहा जाता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति लगातार उदास रहने लगता है। वो दुनियां, परिवार और दोस्तों से खुद को धीरे-धीरे अलग करने लगता है और उसका बाकी चीजों से दिल हटने लगता है। डिप्रेशन के कारण कई बार व्यक्ति के मन में सुसाइड करने तक के भी ख्याल आने लगते हैं। डिप्रेशन की समस्या एक कॉमन कंडिशन बन चुकी है। रिसर्च के मुताबिक, तकरीबन 80 फीसदी लोग अपने पूरे जीवन काम में कभी न कभी डिप्रेशन का शिकार होते हैं।
    • पोस्ट-ट्रोमैटिक डिसऑर्डर– यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर को की वजह से व्यक्ति के जीवन में घटी अप्रिय घटना के बारे में बार-बार याद करने लगता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में साउंड थेरिपी इस समस्या से बाहर आने में पीड़ित व्यक्ति की दद करता है।

    इन ऊपर बताई गई स्थितियों के साथ-साथ निम्नलिखित परिस्थिति में भी साउंड थेरिपी दी जाती है। इनमें शामिल है-

  • पागलपन
  • व्यवहार और मानसिक विकार
  • कैंसर
  • बिहैव्यरल और साइकेट्रिक डिसऑर्डर
  • सीखने में परेशानी महसूस होना
  • ये भी पढ़ें:चिंता VS डिप्रेशन : इन तरीकों से इसके बीच के अंतर को समझें

    साउंड थेरिपी के के लाभ हैं?

    साउंड थेरिपी के निम्नलिखित शारीरिक फायदे हैं। जैसे-

    इन ऊपर दिए गए साउंड थेरिपी से होने वाले लाभ आप में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करने में सहायक हो सकता है। शरीर में पोसिटिव एनर्जी किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहयक होता है।

    साउंड थेरिपी की मदद से आप अपने काम पर फोकस कर सकते हैं। साउंड थेरिपी की मदद से शरीर में सकारात्मक बदलाव आते हैं। अगर आपभी साउंड थेरिपी से अपने आपको रिलैक्स करना चाहते हैं तो साउंड थैरेपी एक्सपर्ट से मिलें और अपनी परेशानी बताएं।

    कई बार हमसभी तनाव या किसी भी शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए घरलू उपचार भी शुरू कर देते हैं। घरेलू उपचार करें लेकिन, इसके साथ-साथ डॉक्टर से सलाह लें और ट्रीटमेंट शुरू करें। ऐसा करने से कोई भी बीमारी जल्द ठीक हो सकती है।

    अगर आप साउंड थेरिपी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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