सच को अपने हिसाब से घूमा-फिरा कर बोलना
कभी-कभी आपका बच्चा चाहता है कि एक चीज के बजाय दूसरी चीज होती तो वह सच को घूमा फिरा कर बोलता है। जैसे कि उसकी बहन उसे उसके धक्का देने से नहीं गिरी बल्कि तेज दौड़ने की वजह से गिरी। हालांकि, सच उसे भी पता है। लेकिन, सच बोलने के परिणाम से बचने के लिए वह झूठ बोलता है और उस झूठ को थोड़ा बदल कर बोलता है। वह जैसा चाहता है वैसे उस सच को अपने घरवालों के सामने दिखाता है। बच्चों का सच न बोलना उन्हें कई बार आसान काम लगने लगता है।
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अटेंशन डेफेसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (एचडीएचडी)
अटेंशन डेफेसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (एचडीएचडी) भी बच्चों का झूठ बोलना (Children’s lying) का कारण होता है जिस वजह से वह झूठ बोलते हैं। इस बीमारी में बच्चा छोटी-छोटी बातों पर भी झूठ बोलता है। यही नहीं इस बीमारी से जूझ रहे बच्चों को हर बात सच बोलने की भी आदत होती है। वक्त के साथ उनमें यह आदत बढ़ती ही चली जाती है। इन बच्चों का झूठ बोलना जब पकड़ा जाता है तब भी ये लोग कभी सच नहीं बोलते। भारत में करीबन एक करोड़ से ज्यादा बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं।
यदि आपका बच्चा भी इस बीमारी के चलते झूठ बोल रहा है तो उसे ऐसे डील करें:
बच्चे का झूठ बोलना किसी मां बाप को पसंद नहीं होता लेकिन कभी भी बच्चे के झूठ को व्यक्तिगत न लें। यह समझने की कोशिश करें कि उसने यह झूठ आपका अनादर करने के लिए नहीं बोला है। यह एक बीमारी की वजह से है। बच्चा आपसे जितनी बार झूठ बोले उसके झूठ के पैटर्न को याद रखें। इस बात के बारे में पता लगाएं कि क्या सारे पैटर्न में झूठ बोलने की वजह एक ही थी या अलग-अलग। इसके अलावा कोशिश करें कि बच्चे के लिए ऐसी परिस्थिती ही न हो जिसमें उसे झूठ बोलना पड़े। उसे प्यार से हैंडल करें।
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बच्चों का झूठ बोलना इस तरह करें हैंडल
जब इस तरह के मामलों से निपटने की बात आती है, तो बच्चों को झूठ बोलने के लिए सजा देने की बजाय उन्हें सच्चाई का महत्व सिखाएं। बच्चों के लिए झूठ बोलने की अवधारणा नई है और उनके हिसाब से इसमें कुछ गलत नहीं है। इसलिए अपने बच्चों को यह समझाने पर जोर डालें कि वो अपनी गलतियां बताएं और उन्हें बताएं कि माता-पिता उनके सच बोलने पर ज्यादा खुश होंगे।
बच्चों का झूठ बोलना (Children’s lying) एक मानव स्वभाव का उदाहरण है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे अपने को समझाएं कि झूठ बोलना एक गलत आदत है और इससे सिर्फ भविष्य के लिए परेशानियां ही खड़ी होती हैं। अगर आप बच्चे को झूठ बोलने पर मारते रहेंगे, तो उन्हें सही और गलत के बीच अंतर समझ में नहीं आएगा। बच्चों को मार के समझाने से बेहतर है कि आप उन्हें प्यार से समझाएं। बच्चों को मारने पर वो जिद्दी हो जाते हैं और फिर बात भी नहीं मानते हैं। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है इसलिए हमेशा प्यार से व्यवहार करना चाहिए। अगर आपको फिर भी समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों की इस आदत को कैसे छुड़ाएं, तो आप एक्सपर्ट की हेल्प ले सकते हैं।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बच्चों का झूठ बोलना (Children’s lying) और उसे हैंडल करने को लेकर जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।