दरअसल सिंगल पेरेंट चाइल्ड की सोच सामान्य बच्चों से अलग होती है। उसे तौहफा, महंगी चीजें या महंगे रेस्टोरेंट जाने से ज्यादा खुशी आपके प्यार और अटेंशन से मिलती है। ऐसे बच्चों को अकेला महसूस न हो इसके लिए आप हर समय उसका ध्यान रखें और उनकी हर बात को सुनें।
बच्चे को खुश रखने के लिए उसके साथ वॉक पर जाएं, उसकी मनपसंद खाने की डिश बनाएं और जब कभी आपका बच्चा कोई अच्छा कार्य करे तो उसकी सराहना करें।
आभार प्रकट करना सिखाएं
सिंगल पेरेंटिंग में पले चाइल्ड अक्सर गुसैल या बुरे व्यवहार वाले व्यक्ति हो जाते हैं। ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि आपकी परवरिश में कोई कमी हो बल्कि ऐसा अधिक प्यार दिखाने या दूसरे पेरेंट की कमी के कारण होता है।
बच्चा खुद को हर समय अकेला महसूस करने लगता है जिसकी वजह से वह समाज के साथ घुल मिल नहीं पाता है। सभी बच्चे अपने माता -पिता से पैसों या घूमने की डिमांड करते हैं, लेकिन सिंगल पेरेंट चाइल्ड के अकेलेपन के कारण उसका घूमने या खर्चा करने का अधिक मन कर सकता है। ऐसा वह अपना मन बहलाने के लिए भी कर सकते हैं।
बच्चों को इस बात का एहसास दिलाना बेहद जरूरी होता है कि उनके पास जो कुछ है उन्हें उसका आभारी होना चाहिए। क्योंकि दुनियाभर में ऐसे कई बच्चे हैं जिनके पास न तो रहने के लिए घर है, खाने के लिए खाना और न ही माता-पिता हैं।
बच्चे को सिखाएं की वह जीवन में कितना खुशनसीब है जो उसके पास ये सब है। जीवन में मिली वस्तुओं के प्रति आभारी होना बेहद आवश्यक होता है नहीं तो बच्चा अहंकारी बन सकता है।