बच्चा खुद को हर समय अकेला महसूस करने लगता है जिसकी वजह से वह समाज के साथ घुल मिल नहीं पाता है। सभी बच्चे अपने माता -पिता से पैसों या घूमने की डिमांड करते हैं, लेकिन सिंगल पेरेंट चाइल्ड के अकेलेपन के कारण उसका घूमने या खर्चा करने का अधिक मन कर सकता है। ऐसा वह अपना मन बहलाने के लिए भी कर सकते हैं।
बच्चों को इस बात का एहसास दिलाना बेहद जरूरी होता है कि उनके पास जो कुछ है उन्हें उसका आभारी होना चाहिए। क्योंकि दुनियाभर में ऐसे कई बच्चे हैं जिनके पास न तो रहने के लिए घर है, खाने के लिए खाना और न ही माता-पिता हैं।
बच्चे को सिखाएं की वह जीवन में कितना खुशनसीब है जो उसके पास ये सब है। जीवन में मिली वस्तुओं के प्रति आभारी होना बेहद आवश्यक होता है नहीं तो बच्चा अहंकारी बन सकता है।
सिंगल पेरेंटिंग में खुद को भी दें समय
आप अपने लिए वक्त निकालें। आप जॉब या घर के कामों में ही इतना उलझे रहते हैं कि बच्चों की जरूरतें पूरी करने के चक्कर में खुद को नजरअंदाज कर देते हैं। अगर बच्चे की परवरिश मां और पिता दोनों कर रहे हो तब भी ये बात सामने आती हैं, लेकिन सिंगल पेरेंट्स के मामले में यह अधिक देखने मिलता है। बच्चों की परवरिश के बीच आप खुद का भी ध्यान रखें। बच्चों के साथ-साथ अपने भी खाने-पीने और तमाम चीजों का टाइम-टेबल बनाएं। ऐसे में खुद को समय दें और खुद की सरहाना करें की आपने जीवन में कितना कुछ किया है और आप अपने बच्चे की देखभाल के लिए जितनी हो सके उतनी कोशिश कर रहे हैं।
आप चाहें तो दूसरे सिंगल पेरेंट्स के साथ दोस्ती कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी लाइफ से कुछ समय के लिए ब्रेक भी मिल जाएगा और आप सिंगल पेरेंटिंग के बारे में भी नई चीजें सीख या सीखा पाएंगे।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सिंगल पेरेंटिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां आपको मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।