अथॉरिटेरियन टाइगर – Authoritarian Tiger
अथॉरिटेरियन सबसे लोकप्रिय पेरेंटिंग का तरीका माना जाता है। इसको अथॉरिटेरियन टाइगर भी कहा जाता है। अथॉरिटेरियन पेरेंटिंग स्टाइल (Authoritarian parenting style) का मतलब होता है स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग (Strict parenting)। इस प्रकार के पेरेंट्स बच्चों से चाहते हैं कि वह बिना किसी सवालों के नियमों का पालन करें। अथॉरिटेरियन टाइगर स्टाइल वाले पेरेंट्स बच्चों को लाइफ में प्रॉब्लम साल्व नहीं करने देते हैं। इसके अलावा वह बच्चों से चाहते हैं कि उनके लिए जो गाइडलाइन बनाई गई हैं वह केवल उन्हीं का पालन करें।
स्टडी में यह पाया गया है कि जिन बच्चों के माता-पिता अथॉरिटेरियन टाइगर (Authoritarian Tiger) होते हैं उनमें आगे चल कर आत्म-समान संबंधी समस्याएं आने की आशंका होती है। इस तरह के डेवलपमेंट से बच्चे को लगता है कि उनकी ओपिनियन की कोई वैल्यू नहीं है। हालांकि, इस प्रकार का पेरेंटिंग का तरीका उन बच्चों के लिए बेहद प्रभावशाली होता है जिन्हें अधिक गाइडेंस की जरूरत होती है। कुछ बच्चों को बेहतर विकास के लिए स्ट्रिक्ट पालन-पोषण (Nutrition) की आवश्यकता होती है।
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अथॉरिटेटिव डॉलफिन – Authoritative Dolphin
अथॉरिटेटिव अथॉरिटेरियन टाइगर (Authoritative Authoritarian Tiger) के बाद दूसरा सबसे अधिक लोकप्रिय पेरेंटिंग का तरीका होता है। चाइल्ड डेवलपमेंट के लिए इस स्टाइल को आमतौर पर अथॉरिटेटिव डॉलफिन पेरेंटिंग स्टाइल (Authoritative Dolphin parenting style) कहा जाता है। इस तरह के डॉलफिन पेरेंट्स बाहर से कठोर लेकिन अंदर से नरम होते हैं। अथॉरिटेटिव का अर्थ होता है आधिकारिक। इस तरह के माता-पिता बच्चों को ठोस नियमों के साथ थोड़ी छूट भी देते हैं।
अथॉरिटेटिव पेरेंटिंग का तरीका बच्चों के विकास के लिए (Child’s growth) सबसे अधिक प्रभावशाली और लाभदायी होता है। इसमें पेरेंट्स अपने बच्चों को उनकी फीलिंग बताने का मौका देते हैं और कुछ मामलों में उनकी ओपिनियन भी पूछते हैं।
इस तरह के पेरेंट्स भले ही कुछ हद तक अथॉरिटेटिव होते हों लेकिन यह बच्चों को इंस्पायर और सीख देने के लिए डिस्कशन, तार्किक परिणाम, विचारों और रोल-मॉडल की मदद लेते हैं। अथॉरिटेटिव डॉलफिन पेरेंट्स गलत व्यवहार को सुधारने के लिए पॉजिटिव डिसिप्लिन (Positive discipline) का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा वह बच्चों के अच्छे काम की प्रशंसा या रिवॉर्ड देकर करते हैं।
स्टडी के अनुसार इस तरह के पेरेंटिंग स्टाइल में पले-बड़े बच्चे आत्मनिर्भर और जोखिमों की सही समझ लेकर बड़े होते हैं। यही कारण है कि अथॉरिटेटिव पेरेंट्स के बच्चे बड़े होकर अधिक सफल और खुश रहते हैं। इन बच्चों की मनोदशा मजबूत होती है और यह आगे चल कर एक जिम्मेदार व्यक्ति बनते हैं। यह अथॉरिटेरियन टाइगर की तरह अपनी बात बोलने में हिचकिचाते नहीं हैं और गर्व से अपनी राय रखते हैं।
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परमीसिव कंगारू – Permissive Kangaroo
परमीसिव का मतलब होता है दयालु और रिआयती। परमीसिव पेरेंट्स अपने बच्चों के प्रति बेहद दयालु होते हैं और उन्हें बेहद छूट देते हैं। यह पेरेंटिंग का तरीका फॉलो करने वाले माता-पिता अधिक नियम निर्धारित नहीं करते हैं। परमीसिव पेरेंटिंग स्टाइल वाले पेरेंट्स नरम होते हैं और केवल गंभीर स्थिति में ही आगे आते हैं। इस प्रकार के पेरेंट्स एक दोस्त की छवि बनाने पर अधिक जोर देते हैं और उनकी सभी समस्याओं के बारे में सुनते हैं। लेकिन यह अपने बच्चों के व्यवहार गलत और निर्णयों को लेकर अधिक ध्यान नहीं देते हैं।
माता-पिता बच्चों को अपनी फीलिंग्स जाहिर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस तरह के पेरेंट्स बच्चों को आसानी से माफ कर देते हैं और अक्सर सोचते हैं की बच्चे शैतानी नहीं करेंगे तो और कौन करेगा। परमीसिव कंगारू पेरेंट्स जब बच्चों के गलत व्यवहार के लिए उन्हें पनिशमेंट (Punishment) देते हैं तो वह भी बेहद आसान होती हैं।
कम नियमों और अनुशासन के कारण इस पेरेंटिंग स्टाइल (Parenting style) में पले-बड़े बच्चे अक्सर बड़े होकर अहंकारी बनते हैं। स्टडी की मानें तो पेरेंटिंग स्टाइल में फ्रेंडशिप (Friendship) होनी चाहिए लेकिन साथ ही बच्चों को उनकी सीमाओं और अनुशासन में भी रखना चाहिए, ताकि बच्चे बड़े होकर एक जिम्मेदार इंसान बनें।