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शिशु रात भर सोना कब शुरू करता है?
स्लीप फाउंडेशन (Sleep Foundation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार नवजात शिशुओं के लिए नींद अत्यधिक आवश्यक है। यह ठीक वैसे ही है जैसे बड़े या बुजुर्गों के अच्छी सेहत और बीमारियों से दूर रहने के 7 से 9 घंटे की नींद आवश्यक होती है, वैसे ही शिशु के ब्रेन डेवलपमेंट एवं शारीरिक विकास के लिए शिशु के लिए सोना जरूरी है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 0 से 3 महीने के शिशु को 14 से 17 घंटे के लिए सोना चाहिए। हालांकि यह ध्यान रखें कि बच्चे कभी भी 14 से 17 घंटे लगातार नहीं सोयेंगे। एक अनुमान के तहत शिशु तकरीबन 30 से 35 बार जगता है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 2 महीने के शिशु में स्लीप पैटर्न विकसित होने लगती है और वह दिन की तुलना में रात के वक्त ज्यादा सोना शुरू कर देता है। शिशु की रात की नींद (Babies Night Sleep) लगातार होने के बावजूद लगभग 6 महीने तक वह रात के वक्त दूध पीने के लिए उठ सकता है। इसके अलावा शिशु टॉयलेट या पोट्टी करने के दौरान भी उठ सकता है। वैसे जैसे-जैसे शिशु बड़ा होगा वैसे-वैसे रात को वह कम जागेगा।
यहां अब यह सवाल उठता है कि शिशुओं को दिन या रात में सोने से जुड़ी जानकारी नहीं होती है, इसलिए शिशु की रात की नींद (Babies Night Sleep) पूरी होने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए यह अब समझने की कोशिश करेंगे।
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शिशु की रात की नींद: शिशु को रात भर कैसे सुलाएं? (How to get baby to sleep through the night)
शिशु की रात की नींद (Babies Night Sleep) पूरी हो या शिशु को रात भर सोने की आदत पेरेंट्स को ही तैयार करनी होगी। शिशु की रात की नींद के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो कर सकते हैं। जैसे:
1. डेली रूटीन बनायें (Prepare a daily routine)- जिस तरह बड़े या बुजुर्गों के लिए डेली रूटीन जरूरी है, ठीक वैसे ही नवजात शिशु के लिए दैनिक दिनचर्या बनाना जरूरी है। अगर शिशु को समय-समय पर फीड कराया जाए, मालिश, स्नान कराया जाए और उसके साथ बात या खेलने का समय तय किया जाए तो इससे शिशु की डेली रूटीन बनने लगेगी और वह घर के सदस्यों के साथ व्यस्त रहेगा। ऐसा करने से शिशु को अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी।
2. सोने के लिए समय तय करें (Bedtime for Infant)- नवजात शिशु तकरीबन 3 महीने तक ज्यादा सोते हैं, लेकिन इस दौरान उनकी नींद कई कारणों से टूटती है। शिशु के लिए सोने का समय शाम साढ़े सात से नौ बजे के बीच शुरू कर सकते हैं। इसलिए शिशु की मालिश और फीड भी इस समय तक करवाएं। ऐसा करने से शिशु 9 बजे तक सोने शुरू करेगा और सुबह फ्रेश रहेगा। कई बार आसपास के शोर की वजह से भी शिशु की नींद पूरी नहीं हो पाती है।
3. फीड करवाएं (Feed your baby)- नवजात शिशु के पेट का आकार बहुत छोटा होता है। इसलिए उसे थोड़ी-थोड़ी देर पर फीड करवाना चाहिए। इसलिए रात के वक्त भी स्तनपान करवाने के दौरान कमरे की लाइट कम रखें और आपस में बातचीत ना करें। ऐसा करने से शिशु की नींद भी नहीं टूटेगी और रात भर सो भी पाएगा।
4. स्लीप ट्रेनिंग (Sleep training)- स्लीप ट्रेनिंग शिशु की रात की नींद (Babies Night Sleep) के लिए अत्यधिक सहायक बताई गई है। इसलिए जब आपका शिशु 6 महीने का हो जाए तो आप उसे स्लीप ट्रेनिंग देना शुरू कर दें। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्लीप ट्रेनिंग को आसान शब्दों में समझें, तो जब शिशु को नींद आने लगे और वह उस दौरान रोना शुरू कर सकता है। ऐसे में अगर पेरेंट्स 2 से 5 मिनट तक इस ओर ध्यान ना दें तो देखेंगे कि बच्चा अपने आप सो गया है। हालांकि ये 2 से 5 मिनट का वक्त किसी भी पेरेंट्स के लिए आसान नहीं होता है। इसलिए आप घबराएं नहीं और तकरीबन 1 हफ्ते में बच्चा ठीक से सोना शुरू कर देगा।
ये चार तरीके शिशु को रात भर सोने में मददगार हो सकते हैं, जो शिशु के साथ-साथ पेरेंट्स के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं।