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Japanese Encephalitis: जैपनीज इंसेफेलाइटिस क्या हैं? जानिए इसके लक्षण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/01/2022

    Japanese Encephalitis: जैपनीज इंसेफेलाइटिस क्या हैं? जानिए इसके लक्षण और इलाज

    बीते साल कोरोना वायरस के फैलने के साथ-साथ देख में एक और वायरल इंफेक्शन की समस्या से लोग परेशान थें, जिसका नाम है जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)। जैपनीज इंसेफेलाइटिस को जापानी बुखार या जापानी इन्सेफेलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। भारत में जैपनीज इंसेफेलाइटिस का सबसे पहला मामला साल 1955 में देखा गया था। वहीं अपने देश में मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2016 में 283 लोगों की मौत इसी वायरल इंफेक्शन की वजह से हुई थी। आज इस आर्टिकल में जैपनीज इंसेफेलाइटिस एवं जैपनीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण के साथ-साथ इससे जुड़े कई अन्य सवालों का जवाब जानेंगे।

    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस क्या है?
    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस के स्टेजेस कौन-कौन से हैं?
    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण क्या हैं?
    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस के कारण क्या हैं?
    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
    • जैपनीज इंसेफेलाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
    • जापानी बुखार से बचाव कैसे करें?
    • जापानी इंसेफ्लाइटिस वैक्सीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी 

    जापानी बुखार (Japanese Encephalitis) से जुड़े इन सवालों का जवाब आर्टिकल में आगे समझेंगे।

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    जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) क्या है?

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका मुख्य कारण वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) माना जाता है। यह विशेष रूप से वायरल मच्छर या सूअर से फैलने वाला संक्रमण है। जापानी इन्सेफेलाइटिस गंदगी के वजह से भी फैलने वाली बीमारी है, जो अलग-अलग स्टेज में हो सकती है।  

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस के स्टेजेस कौन-कौन से हैं? (Stages of Japanese Encephalitis)

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जैपनीज इंसेफेलाइटिस के 3 स्टेजेस हैं, जो इस प्रकार हैं-

    1. प्रोड्रोमल स्टेज (Prodromal stage) 

    जापानी इंसेफ्लाइटिस का यह पहला स्टेज है, जो ब्रेन एवं स्पाइनल बोन को अपना शिकार बनाता है। यह इंफेक्शन 2 से 3 दिनों तक रहता है और ज्यादातर लोगों लोगों में सिरदर्द (Headache) और ठंड लगने की समस्या होती है।

    2. तीव्र एन्सेफलिटिक स्टेज (Fast Encephalitis stage) 

    प्रोड्रोमल स्टेज की तरह तीव्र एन्सेफलिटिक स्टेज भी है। इस स्टेज में भी ब्रेन (Brain) एवं स्पाइनल बोन में इंफेक्शन (Infection in spine bone) की समस्या होती है, लेकिन इस स्टेज में बुखार तेज हो जाता है। वैसे इस स्टेज में तकलीफ सिर्फ यहीं तक सिमित नहीं होती है, बल्कि मांसपेशियों में ऐंठन (Muscles cramp), डिहाइड्रेशन (Dehydration), वेट लॉस (Weight loss) एवं बॉडी एक्टिविटी जैसी अन्य परेशानी भी शुरू हो सकती है। यह स्टेज 3 से 4 दिनों तक रहता है।

    3. रिकवरी स्टेज (Recovery stage) 

    जापानी इंसेफ्लाइटिस की समस्या अगर रिकवरी स्टेज में हो तो इस दौरान मरीज को ठीक होने में 4 से 7 हफ्ते का वक्त लग सकता है। इस स्टेज में बॉडी टेम्प्रेचर (Body temperature) कम होने के साथ ही अन्य शारीरिक परेशानी भी कम होने लगती है।

    ये रहें जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के तीन अलग-अलग स्टेज और अब आर्टिकल में आगे समझेंगे इसके लक्षणों को।   

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    जैपनीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Japanese Encephalitis)

    प्रायः जैपनीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण लक्षण शुरुआती दिनों में नजर नहीं आते हैं और इंफेक्शन होने के 5 से 15 दिनों के बाद इंफेक्शन फैलना शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में जापानी इंसेफ्लाइटिस के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • सिरदर्द (Headache) की समस्या होना।
    • हाई फीवर (High fever) होना।
    • झटके (Tremors) लगना।
    • जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना।
    • उल्टी (Vomiting) होना।
    • गर्दन में अकड़न (Stiff neck) होना।
    • एस्पेसटिक पैरालिसिस (Spastic paralysis) होना।

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के ऊपर बताये लक्षणों के अलावा कुछ लक्षण और भी देखे जा सकते हैं, जो ब्रेन से जुड़े हुए हैं। जैसे:  

    • स्टूपर (Stupor) की समस्या होना।
    • ठीक तरह से नहीं सोचपाना।  
    • कोमा (Coma) में रहना।
    • टेस्टिकल्स (Testicles) में सूजन आना।

    जापानी इंसेफेलाइटिस के मस्तिष्क के लक्षण आजीवन जटिलताएं पैदा कर सकते हैं, जैसे बहरापन (Deafness), अनियंत्रित भावनाएं (Uncontrollable emotions) और शरीर के एक तरफ कमजोरी (Weakness)। इस इंफेक्शन से लड़ना कठिन होता है और बच्चों में इस इंफेक्शन का इलाज वक्त पर नहीं करवाने पर गंभीर परिणाम देखे जा सकते हैं।

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    जैपनीज इंसेफेलाइटिस के कारण क्या हैं? (Cause of Japanese Encephalitis

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस का मुख्य कारण है संक्रमण (Infection)। दरअसल संक्रमित मच्छर के पशुओं को काटने से मनुष्यों तक आसानी से पहुंच सकता है। वहीं इसके अलावा गंदगी की वजह से भी जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) होने की संभावना बढ़ सकती है।

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Japanese Encephalitis)

    जापानी इंसेफेलाइटिस का निदान निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    • डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट से बात कर या उनकी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देते हैं। इस दौरान जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों को भी समझने की कोशिश करते हैं। 
    • मरीज में अगर जैपनीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण की जानकारी मिलती है, तो डॉक्टर सीटी स्कैन (CT Scan) या ब्रेन का एमआरआई (MRI) करवाने की सलाह देते हैं।
    • आवश्यकता पड़ने पर स्पाइनल कॉर्ड से इंजेक्शन की सहायता से फ्लूइड निकाली जाती है। 
    • बॉडी में एंटीबॉडी की जानकारी के लिए इम्मुनोफ्लुओरेसेंस टेस्ट (Immunofluorescence test) की जा सकती है। 

    इन अलग-अलग टेस्ट के रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर पेशेंट का इलाज शुरू करते हैं। 

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    जैपनीज इंसेफेलाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Japanese Encephalitis)

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस का इलाज नहीं है। डॉक्टर उन दवाओं को प्रिस्क्राइब करते हैं जिससे लक्षणों में धीरे-धीरे सुधार हो सके और पेशेंट बेहतर महसूस करें। जापानी इंसेफेलाइटिस का इलाज मुख्य रूप से मरीज की देखभाल है। इंफेक्शन से ब्रेन में आये सूजन (Swelling) को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। 

    नोट: जैपनीज इंसेफेलाइटिस का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic medicine) से नहीं की जाती है।   

    नैशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Program) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पिछले 7 सालों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले में कमी आई है। साल 2014 में जैपनीज इंसेफेलाइटिस मरीजों की संख्या 12,528 थी, वहीं साल 2020 में 6199 पेशेंट जैपनीज इंसेफेलाइटिस के देखें गयें और अगर बात बीते साल यानी 2021 की करें तो 869 पेशेंट जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के रजिस्टर किये गयें। वैसे इन आंकड़ों को देखकर यह समझा जा सकता है कि अब इस वायरल इंफेक्शन के संख्या कमी आ गई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप लापरवाही बरतें। इसलिए अपने आसपास साफ-सफाई का पूरा ध्यान दें और बच्चे एवं खुद को स्वस्थ्य रखें। 

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    जापानी बुखार से बचाव कैसे करें? (Prevention from Japanese Encephalitis)

    जापानी बुखार से बचाव निम्नलिखित तरह से की जा सकती है। जैसे:

    • अपने आसपास की जगहों को साफ रखें। 
    • कीटनाशक का छिड़काव करें। 
    • कीट निवारक क्रीम (Antiviral cream) का इस्तेमाल करें। 
    • जापानी इंसेफ्लाइटिस वैक्सीन (Vaccine) लें। 

    जापानी इंसेफ्लाइटिस वैक्सीन (Japanese Encephalitis Vaccine) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी- 

    जैपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)

    नैशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Program) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जापानी इंसेफ्लाइटिस वैक्सीन की 3 डोज है। पहली डोज के बाद दूसरी डोज 7 से 14 दिनों के बीच दी जाती है। वहीं तीसरी डोज दूसरी डोज के एक महीने के बाद दी जाती है। आवश्यकता पड़ने पर वैक्सिनेशन के 3 साल बाद बूस्टर डोज (Booster dose) दी जा सकती है।

    जापानी इंसेफ्लाइटिस के लक्षण (Japanese Encephalitis Symptoms) नजर आने पर इलाज में देरी ना करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें और उनके द्वारा प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन पेशेंट को और उनके हेल्थ पर नजर बनाये रखें। अगर आप जापानी इंसेफ्लाइटिस (Japanese Encephalitis) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानने चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे। 

    बच्चों के विकास के साथ-साथ मां को अपना ख्याल रखना भी जरूरी है। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर एक्सपर्ट से जानें न्यू मॉम अपना ध्यान कैसे रख सकती हैं और यह उनके लिए क्यों जरूरी है।

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