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एडिमा का आयुर्वेदिक इलाज में उपयोग की जाने वाली हर्ब (Ayurvedic herbs for edema)
एडिमा का आयुर्वेदिक इलाज कई औषधियों के द्वारा बताया गया है। ये हर्ब हैं पुनर्नवा (Punarnava), अर्जुन, शिलाजीत, सरल, सुंधि, पिप्पली, मारिचा, अमलाकाई, हरित, पाइपर छाबा, हरिदरा, विदंगना, छित्रक मूल, मंडूर भस्म आदि। इन औषधियों का उपयोग एडिमा के आयुर्वेदिक इलाज के लिए किया जाता है क्योंकि इनमें एंटी इंफ्लामेट्री और हीलिंग प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। आयुर्वेद का उद्देश्य रोग को जड़ से समाप्त करना है। हालांकि हर्ब्स धीरे-धीरे असर दिखाती हैं, लेकिन इनका असर लंबे समय तक रहता है। इनके साइड-इफेक्ट्स भी ना के बराबर रहते हैं। इन हर्ब्स का उपयोग आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह से करें। क्योंकि हर मरीज की स्वास्थ्य स्थिति अलग होती है।
क्या एडिमा (Edema) के लिए उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों सभी के लिए सेफ हैं?
एडिमा का आयुर्वेदिक इलाज हर्ब्स के माध्यम से करने से पहले बता दें कि आयुर्वेदिक दवा हमेशा सभी के लिए सुरक्षित नहीं होती है। इसलिए किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी बहुत जरूरी है। खासकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को इसके इस्तेमाल में बहुत सतर्कता रखने की आवश्यकता है।
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एडिमा का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है? (Ayurvedic treatment for edema)
एडिमा का आयुर्वेदिक उपचार तेल की मालिश, लेप और दूषित पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने वाली पद्धतियों के उपयोग से किया जाता है। जो इस बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करती है। जानते हैं इनके बारे में।
अभ्यंग (Abhyanga)
अभ्यंग एक चिकित्सकीय तकनीक है। जिसमें आयुर्वेदिक तेल का उपयोग कर पूरी बॉडी पर मसाज किया जाता है। एडिमा के आयुर्वेदिक उपचार के लिए अभ्यंग में दशमूला क्वाथ (dashamoola kwatha) का उपयोग किया जाता है। यह एक इफेक्टिव थेरिपी है।
मृदु विरेचन (Mridu Virechana)
कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए मृदु विरेचन का उपयोग किया जाता है, जिसमें से एक एडिमा भी है। इसमें औषधियों, तेल आदि का उपयोग शरीर से विषाक्त पदार्थों, वसा और पित्त को निकालने के लिए किया जाता है। यह वात दोष के असंतुलन के कारण होने वाली एडिमा के इलाज में सबसे प्रभावी उपाय है।
लेप (Lepa)
इस विधि में औषधियों से निर्मित लेप को बॉडी पर मौजूद बालों की विपरीत दिशा में लगाया जाता है। लेप अदरक, देवदार, हरिद्रा, रक्त चंदना, हरितकी और डारू हरिद्रा जैसी जड़ी बूटियों से निर्मित किया जाता है। यह पित्त दोष के कारण होने वाले एडिमा के उपचार के लिए बेस्ट है।
रक्त मोक्षण (Raktamokshana)
इस विधि में रक्तपात क्रिया के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों से विषाक्त पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं। एडिमा के अलावा यह सिर दर्द, लिवर संबंधित रोग, हाइपरटेंशन में भी यह थेरिपी राहत प्रदान करती है।