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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर (Implantable Cardioverter-Defibrillators )
इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर पेसमेकर के जैसा ही एक डिवाइस है जिसे छाती में त्वचा के नीचे इम्प्लीमेंट किया जाता है। इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर हार्ट रिदम को मॉनिटर करता है। अगर हार्ट रिदम में कुछ समस्या होती है या हार्ट रुक जाता है तो यह डिवाइस हार्ट को पेस करने कि कोशिश करता है या इसे सामान्य रिदम में वापस ले आता है।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (Ventricular Assist Devices)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में अगला है वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस। इस डिवाइस को मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट डिवाइस (Mechanical Circulatory Support Device) भी कहा जाता है। यह एक ऐसा मैकेनिकल पंप है, जो हार्ट के लोअर चैम्बर्स से खून को पूरे शरीर में पंप करने में मदद करता है। इसे पेट या छाती में इम्प्लांट किया जाता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant)
कुछ लोगों में गंभीर हार्ट फेलियर की स्थिति में सर्जरी और दवाइयां दोनों काम नहीं करती हैं। ऐसे में इनके हार्ट को किसी हेल्दी डोनर हार्ट के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है। हार्ट ट्रांसप्लांट से न केवल मरीज की जान बच सकती है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी सुधरती है। हालांकि, यह तरीका सभी मरीजों के लिए सही नहीं है। डॉक्टर इस बात को निर्धारित करते हैं कि यह तरीका किसी मरीज के लिए सही रहेगा और किस के लिए नहीं। यह तो थी सर्जरी, अब जानिए किसी तरह से रखना चाहिए मरीज का ध्यान।
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देखभाल और जीवनशैली में बदलाव (Care and Change in Lifestyle)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में डॉक्टर आपको जीवन में कुछ खास बदलाव लाने और पूरी देखभाल के लिए कहेंगे। ताकि न केवल आपके लक्षणों में सुधार हो बल्कि आप पहले की तरह ही जीवन जी पाएं। जानिए क्या हैं यह तरीके:
- स्मोकिंग छोड़ दें (Avoid Smoking) : स्मोकिंग करने से आपके ब्लड वेसल्स को नुकसान हो सकता है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है, जिससे हार्ट बीट तेज हो सकती है। स्मोकिंग छोड़ने के लिए आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं।
- अपने वजन को संतुलित रखें (Maintain Right Weight) : अगर आपका वजन बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। क्योंकि, इस रोग के साथ वजन के बढ़ने का अर्थ है कि आप फ्लूइड रिटेंन (Fluid Retaining) कर रहे हैं। ऐसे में उपचार में बदलाव की जरूरत हो सकती है।
- सूजन की जांच करें (Check for Swelling) : अपनी टांगों, पैरों और एड़ियों को रोजाना जांचे कि उनमें कहीं सूजन तो नहीं है। अगर सूजन है तो डॉक्टर को बताएं।
- हमेशा हेल्दी डायट लें (Healthy Diet) : अपने आहार में अधिक फल, साबुत अनाज और सब्जियों को शामिल करें।
- सोडियम को अपने आहार में जगह न दें (Don’t Take Sodium) : सोडियम का सेवन न करें क्योंकि इसका सेवन करने से हार्ट के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। जिससे सांस लेने में समस्या और टांगों, एड़ियों या पैरों में सूजन हो सकती है।
- एल्कोहॉल के सेवन से बचें (Avoid Alcohol) : एल्कोहॉल हार्ट की समस्याओं को बढ़ा सकता है। यही नहीं, आपकी दवाईयों से इंटरेक्ट कर के यह दिल की मसल्स को कमजोर कर सकता है और एब्नार्मल हार्ट रिदम के जोखिम भी इससे बढ़ सकता है।
- एक्टिव रहें (Be Active) : स्वस्थ रहने के लिए और दिल को भी हेल्दी रखने के लिए सबसे जरूरी है एक्टिव रहना। दिन में कुछ समय शारीरिक गतिविधियों के लिए अवश्य निकालें। लेकिन व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य जान लें कि आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
द यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (The University of California) के अनुसार जब हम तनाव में या दुखी होते हैं तो हमारा हार्ट तेजी से धड़कता है। इससे हम अधिक गहरी सांस लेते हैं और ब्लड प्रेशर भी हमारा बढ़ जाता है। इससे हार्ट फेलियर बदतर हो सकता है। ऐसे में अगर आप दिल की परेशानियों से बचना चाहते हैं तो पहले तनाव से दूर रहें। तनाव से बचने के तरीके ढूढें। अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं, योग और मैडिटेशन का सहारा लें। इसके साथ ही आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं।
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यह तो थी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) के बारे में पूरी जानकारी। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर एक गंभीर समस्या है जिसका सही और तुरंत उपचार जरूरी है। लेकिन, इसका उपचार हर मरीज के मुताबिक अलग हो सकता है। ऐसे में सबसे जरूरी है इसके लक्षणों को समझ कर तुरंत सही ट्रीटमेंट की शुरुआत। डॉक्टर की सलाह का पालन करने के साथ ही रोगी के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। ताकि, वो न केवल जल्दी रिकवर हो सके बल्कि भविष्य में भी वो इस तरह की मेडिकल स्थिति से बच सके।