डॉकटर्स अपने मरीजों में हार्ट अटैक के खतरे को समझ सकते हैं। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज। प्री-एक्लेम्पसिया का मेडिकल इतिहास रखने वाली महिलाओं में भी हार्ट अटैक के खतरे होते हैं। यह बहुत जरुरी है कि जिन रोगियों को पहले से ही हृदय रोग है या दिल का दौरा पड़ चुका है, वे अपने दिल की देखभाल के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) से नियमित रूप से मिलते रहें। जिन मरीजों को दिल का दौरा पड़ चुका होता है, उन्हें दूसरा दौरा पड़ने का भी बहुत खतरा होता है, कार्डियोलॉजिस्ट मरीज के लक्षणों को देखते हुए उसके हार्ट अटैक के खतरे को नियंत्रण कर सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है?
इस हार्ट अटैक का इलाज डॉक्टर दवा से कर सकते हैं। इन दवाओं में शामिल है –
साइलेंट हार्ट अटैक के लिए ऊपर बताई गई दवाओं से इलाज की जा सकती है। इन दवाओं से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, ब्लड क्लॉट नहीं हो सकता है और हार्ट अटैक की संभावना कम हो सकती है।
हार्ट अटैक होने से पेशेंट डॉक्टर से क्या सवाल कर सकते हैं?
हार्ट अटैक के पेशेंट को निम्नलिखित सवाल अपने हेल्थ एक्सपर्ट से पूछना चाहिए, जैसे-
- अगर आप बेचैनी महसूस करते हैं तो क्या ये साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं?
- बीमारी कौन सी स्टेज में है?
- क्या मुझे लाइफटाइम दवा खाने की जरूरत पड़ेगी?
- मुझे अपने जीवनशैली में क्या बदलाव करना चाहिए?
इन सवालों के अलावा अगर आप साइलेंट हार्ट अटैक से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उम्मीद करते हैं कि ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित होगा। अपनी राय हमें कमेंट कर के जरूर बताएं। आपके सुझावों का भी हैलो स्वास्थ्य स्वागत करेगा। अपना ध्यान रखें और स्वस्थ रहें।
किसी भी बीमारी से लड़ना आसान होता है अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज को मात दी है।