साइलेंट हार्ट अटैक (Silent heart attack) के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते। सीने में तेज दर्द, सांस की कमी और पसीना आना, यह कुछ ऐसे लक्षण हैं जो हार्ट अटैक की ओर इशारा करते हैं लेकिन हर बार यह लक्षण नजर नहीं आते हैं। असल में, हार्ट अटैक बिना किसी लक्षण के भी आ सकता है। इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहते हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक रिसर्च के अनुसार साइलेंट हार्ट अटैक (Silent heart attack) ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आती है। इसे मेडिकल टर्म में साइलेंट मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (SMI) भी कहते हैं। महिलाओं की तुलना में 45 प्रतिशत पुरुष इसके शिकार होते हैं। इसे साइलेंट हार्ट अटैक इसलिए भी कहते हैं क्योंकि हार्ट अटैक के दौरान सीने में दर्द होता है। इसके साथ ही हाथों, गले और जबड़े में दर्द होता है। यही नहीं इस दौरान पेशेंट को सांस लेने में परेशानी, पसीना आना और चक्कर भी आ सकता है। जबकि साइलेंट हार्ट अटैक (Silent heart attack) के दौरान ऐसा नहीं होता है।
और पढ़े : Prazosin : प्राजोसिन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां
साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) के लक्षण क्या हैं?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, साइलेंट हार्ट अटैक खामोशी से दबे पांव आता है। इसके कोई लक्षण नहीं सामने आते हैं या फिर अगर कोई लक्षण सामने भी आए तो हो भी तो बहुत कम और समझ में न आने वाले लक्षण होते हैं लेकिन यह भी आम हार्ट अटैक की तरह ही होता है जिसमें दिल के हिस्से तक खून का बहाव स्थायी तौर पर रुक जाता है। जो कि दिल को बुरी तरह जोखिम में डाल सकता है। अक्सर लोगों को पता भी नहीं चल पाता कि उन्हें दिल का दौरा पड़ चुका है इसके बावजूद कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिसे लोग समझ नहीं पाते हैं।
[mc4wp_form id=”183492″]