एल्कोहॉल की वजह से टेस्टोस्टेरोन को पहुंचे नुकसान को ठीक होने में कितना वक्त लग सकता है?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड चूहों पर की रिसर्च में बताया गया है कि चूहों को ठीक होने में 10 सप्ताह का वक्त लगा, लेकिन इससे ये अंदाजा लगाना की मनुष्यों में भी टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस होने में उतना ही वक्त लगेगा यह जरूरी नहीं। हालांकि अभी भी इस विषय पर रिसर्च जारी है। लेकिन एल्कोहॉल का सेवन कम से कम करना या नहीं करना ही बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है।
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डॉक्टर से कंसल्ट कब करना चाहिए?
- सेक्शुअल एक्टिविटी में इंट्रेस्ट खोना।
- पार्टनर के गर्भधारण में परेशानी आना।
- व्यक्ति का डिप्रेशन में रहना।
- किसी भी काम में ध्यान केंद्रित ना कर पाना।
इन स्थितियों के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति में ऐसी परेशानी नजर आती है या समझ आने पर इस बारे में खुलकर बात करना चाहिए।
एल्कोहॉल और टेस्टोस्टेरोन (Alcohol and testosterone) के बीच क्यों है, इतनी दूरियां ये तो आप समझ ही गए होंगे। खैर अच्छी सेहत के अगर एल्कोहॉल का साथ छूट ही जाए, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। लेकिन एल्कोहॉल के अलावा कोई और भी है, जो टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम करने में आगे है। तो चलिए जानते हैं।
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एल्कोहॉल के अलावा और कौन है, जो बिगाड़ सकता है टेस्टोस्टेरोन का लेवल?
टेस्टोस्टेरोन लेवल को बैलेंस बनाये रखने के लिए निम्नलिखित पदार्थों से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। जैसे:
कोल्ड ड्रिंक (Cold drink): कोल्ड ड्रिंक्स से कुछ वक्त के लिए अच्छा महसूस किया जा सकता है, लेकिन ये लॉन्ग टर्म के लिए सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल अगर आप रोजाना कोल्ड ड्रिंक्स के आदी हैं, तो इसे अपने लिस्ट से साइड ही कर दें, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स की वजह से बॉडी में सेरोटोनिन कम होने लगता है, जिस वजह से सेक्स की इच्छा कम हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स मिलाये जाते हैं, जो सेरोटोनिन हॉर्मोन को कम करने में सहायक होता है।
प्रोसेस्ड फूड (Processed food): प्रोसेस्ड फूड में जिंक का लेवल अत्यधिक कम हो जाता है, जो पुरुषों के सेक्शुअल हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है। प्रोसेस्ड चीज से भी दूरी बनाये रखना चाहिए।
कैन फूड (Packed food): वक्त की कमी के कारण ज्यादातर लोग कैन फूड यानी रेडी टू ईट फूड्स पर निर्भर रहने लगे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे खाद्य पदर्थों में सोडियम लेवल ज्यादा होता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना बनी रहती है, तो वहीं हाई सोडियम लेवल की वजह से मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन में ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं होता है।
इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों के सेवन से बचें और स्वस्थ्य रहें। हालांकि टेस्टोस्टेरोन लेवल को बैलेंस बनाये रखना कोई कठिन काम नहीं है। इस आर्टिक में आगे जानिए लो टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस कैसे रखें।
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टेस्टोस्टेरोन लेवल बैलेंस रखने के लिए क्या करें?
आपको अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। जैसे:
- पालक
- केल
- स्विस चार्ड
- सेम
- दाल
- नट्स
- बीज
- साबुत अनाज
- शहद
- अदरक
- अनार
- हिलसा
- साल्मन
- सार्डिन
- ट्राउट
- टूना
इन ऊपर बताई गई फूड लिस्ट को नियमित रूप से फॉलो करें।
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इन ऊपर बताई गई बातों को अगर ध्यान से समझें, तो अगर कोई कपल बेबी प्लानिंग कर रहें हैं और कंसीव करने में उन्हें परेशानी आ रही है, तो ऐसे में दोनों ही पार्टनर को अपनी फर्टिलिटी चेकअप जरूर करवानी चाहिए। इससे कंसीव के कारणों को ठीक तरह से समझने में आसानी होगी। ऐसा नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति को इनफर्टिलिटी की समस्या है, तो इसका इलाज संभव नहीं है। बढ़ती टेक्नोलॉजी और हेल्दी लाइफ स्टाइल से किसी भी शारीरिक या मानसिक परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। वहीं अगर आप टेस्टोस्टेरोन या इनफर्टिलिटी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।