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पुरुषों में ही नहीं महिलाओं में भी होती है हाई सेक्स ड्राइव, जानें क्या होती हैं उनकी चुनौतियां

पुरुषों में ही नहीं महिलाओं में भी होती है हाई सेक्स ड्राइव, जानें क्या होती हैं उनकी चुनौतियां

अगर सेक्स ड्राइव की बात की जाए तो लंबे समय से एक स्टीरियोटाइप सोच चली आ रही है कि पुरुषों की सेक्स ड्राइव हाई होती है और वे हमेशा सेक्स करने के इच्छुक रहते हैं। वहीं महिलाओं का इंट्रेस्ट सेक्स में कम रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस स्टीरियोटाइप सोच का काउंटर करने वाली रिसर्चेस की कमी है। पुरुषों की हाई सेक्स ड्राइव के बारे में बताने वाले शोध कई हैं, लेकिन महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है। महिलाओं पर की गई रिसर्च उनकी लो सेक्स ड्राइव के बारे में उनके अनुभवों और लो सेक्शुअल डिजायर से होने वाली परेशानियों पर फोकस्ड है।

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महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव को लेकर हुई रिसर्च में सामने आई ये बात

हालांकि महिलाओं की सेक्शुअल डिजायर अलग-अलग होती है। कुछ महिलाओं का सेक्शुअल इंटरेस्ट हाई होता है। 2002 में जनरल ऑफ सेक्स रिसर्च में हायली सेक्शुअल महिलाओं पर हुई एक स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 44 महिलाओं के इंटरव्यू किए। जिनकी उम्र 20-82 के बीच थी। इन महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव थी।

अध्ययन में महिलाओं ने अपनी सेक्शुआलिटी को जीवन के एक मुख्य भाग के रूप में डिस्क्राइब किया था। जिसका उनके जीवन जीने के तरीके पर एक मजबूत प्रभाव था। विशेष रूप से, महिलाओं ने संकेत दिया कि उनकी सेक्शुअल डिजायर और सेक्शुअल एक्साइटमेंट की फीलिंग काफी इंटेंस थी जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था। उन्होंने अपने सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन के लिए पार्टनर्स ढूंढने के साथ ही मास्टरबेशन आदि का सहारा लिया

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ये होती हैं चुनौतियां

इसके साथ ही स्टडी में ये बात भी सामने आई कि हाई सेक्शुअल डिजायर या कहे कि जिन महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव होती हैं  उनके प्रति समाज का रवैया ठीक नहीं होता। इन महिलाओं को अपनी सेक्शुआलिटी के चलते जीवन के अधिकांश क्षेत्रों में संघर्ष और चुनौतियों का अनुभव करना पड़ा। इसके चलते उन्हें कई बार खुद पर डाउट होता था तो कभी इसका असर पार्टनर के साथ रिश्ते पर भी पड़ा। उन्हें हमेशा ये चिंता रही कि उन्हें अपनी फीमेल फ्रेंड्स के द्वारा जज किया जाएगा।

कनाडियन जर्नल ऑफ ह्यूमन सेक्शुआलिटी की एक स्टडी के अनुसार जिन महिलाओं ने हाई सेक्शुअल डिजायर के बारे में बताया था उन्होंने एंगेजिंग सेक्शुअल कम्युनिकेशन, सेक्स के बारे में सोचना और फैंटसीज को लेकर भी विचार व्यक्त किए थे। हायली सेक्शुअल महिलाओं ने ये भी बताया कि हाई सेक्स ड्राइव से उनका व्यवहार सकारात्मक रहता था। वे कैजुअल सेक्स को एंजॉय करती थीं और सेक्सी कपड़े पहनती थीं।  वे मास्टरबेशन और पोनोग्राफी को भी एंजॉय करती थीं।

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महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव और सेक्स हॉर्मोन

महिलाओं में तीन सेक्स हॉर्मोन एस्ट्रोजन,प्रोजेस्ट्रोन और टेस्टोस्टेरॉन (टेस्टोस्टेरॉन कम मात्रा शामिल होता है) सेक्शुअल डिजायर और सेक्शुअल एक्साइटमेंट को प्रभावित करते हैं। बॉडी में एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा वजायनल लुब्रिकेशन (ल्युब्रिकेशन) को बढ़ावा देती है और सेक्शुअल डिजायर को बढ़ाती है। यानि ऐसा कहा जा सकता है कि एस्ट्रोजन महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव के लिए जिम्मेदार है। वहीं बॉडी में प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा बढ़ने से सेक्स ड्राइव में कमी आती है।

इस बात पर बहस जारी है कि टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कैसे महिलाओं की सेक्स ड्राइव को प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरॉन का लो लेवल कुछ महिलाओं में लो सेक्स ड्राइव का कारण बनता है। एनसीबीआई के अनुसार टेस्टोस्टेरोन थेरिपी एस्ट्रोजन के इफेक्ट को बढ़ा सकती है, लेकिन ऐसा तभी होता है जब डॉक्टर टेस्टोस्टेरॉन का लेवल को मॉनिटर कर रहा हो। इसकी वजह से कुछ अनचाहे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

  • वजन का बढ़ना
  • चिड़चिड़ापन
  • गंजापन
  • चेहरे पर बाल
  • क्लिटोरल का साइज बढ़ना

सेक्स हॉर्मोन के असंतुलन से सेक्स ड्राइव में बदलाव हो सकता है और इसके साथ ही बालों के झड़ने, हड्डियों के टूटने और इनफर्टिलिटी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ओवरीज और एड्रिनल ग्लैंड सेक्स हॉर्मोन रिलीज करते हैं। आइए फीमेल सेक्स हॉर्मोन्स के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लें।

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एस्ट्रोजन 

एस्ट्रोजन सेक्स हॉर्मोन है जिसके बारे में लोगों को जानकारी होती है। हालांकि एस्ट्रोजन का अधिकांश प्रोडक्शन ओवरी में होता है। एड्रिनल ग्लैंड और फैट कोशिकाएं थोड़ी मात्रा में एस्ट्रोजन प्रोड्यूस करती हैं। एस्ट्रोजन रिप्रोडक्शन और सेक्शुअल डेवलपमेंट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, हालांकि यह तब शुरू होता है प्यूबर्टी की शुरुआत होती है।

प्रोजेस्टेरोन

ओवरी, एड्रिनल ग्लैंड और प्लेसेंटा प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन प्रोड्यूस करते हैं। ऑव्युलेशन और प्रेग्नेंसी के दौरान इस हॉर्मोन में स्पाइक आता है।प्रोजेस्टेरोन  पीरियड्स को नियमित रखने में मदद करता है और शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करता है। प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम होने से गर्भावस्था के दौरान अनियमित पीरियड्स, गर्भधारण में कठिनाई और दूसरी कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं।

टेस्टोस्टेरॉन

टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों का मुख्य सेक्स हार्मोन है, लेकिन कम मात्रा में यह महिलाओं में भी मौजूद रहता है।

महिलाओं में, टेस्टोस्टेरोन निम्न को प्रभावित करता है।

  • फर्टिलिटी
  • सेक्स ड्राइव
  • पीरियड्स
  • टिशू और हड्डियां
  • रेड ब्लड वेसल्स का प्रोडक्शन

सेक्स हॉर्मोन सेक्शुअल डेवलपमेंट में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेक्स हॉर्मोन बॉडी के फंक्शन और ओवरऑल हेल्थ के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिए निम्न में सेक्स हॉर्मोन की भूमिका महत्वपूर्ण है।

पार्टनर करते हैं जज

जैसा कि हमेशा से माना जाता है कि पुरुष सेक्स में ज्यादा इंटरेस्टेड होते हैं, लेकिन अगर किसी महिला की सेक्स ड्राइव हाई है और वह किसी पुरुष को डेट कर रही हैं तो ये बात उसके अगेंस्ट जा सकती है। यूरोपियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजी में छपी के स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया कि अगर रिलेशनशिप में पुरुषों की सेक्शुअल डिजायर बढ़ती है तो महिलाएं उसे पॉजिटिवली लेती हैं, लेकिन महिलाओं के केस में उल्टा होता है।

महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव को लॉयल ना रहने और रिलेशनशिप के लिए खतरे के तौर पर देखा जाता है। कुछ पुरुष हायली सेक्शुअल वीमेन से डरते हैं या कहे कि उन्हें अच्छा नहीं समझते। हालांकि सभी पुरुषों के साथ ऐसा नहीं है। इसलिए अगर आप की सेक्शुअल ड्राइव हाई है तो ऐसे पुरुष को डेट करिए जो आपकी इच्छा का आपको जज किए बिना सम्मान कर सके।

फ्रेंड्स भी नहीं करते भरोसा

जब महिला के दोस्तों और बॉयफ्रेंड को पता चल जाता है कि आप सेक्शुअली ज्यादा एक्टिव हैं तो वे आप पर भरोसा नहीं करते। यहां तक कि वे ऐसे दोस्तों को ‘स्लट’ जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं। क्योंकि हाई सेक्स ड्राइव आपको कैजुअल सेक्स, फोन सेक्स आदि में इनवॉल्व रख सकती है। इसलिए अपने आसपास ऐसे लोगों को ना रखें जो आपके ऐसे व्यवहार को पसंद ना करें और आपके प्रति जजमेंटल हो जाएं।

हालांकि, एक औसत से ज्यादा सेक्स ड्राइव होने का मतलब यह नहीं है कि वह महिला सेक्स की क्रेविंग को पूरा करने के लिए दोस्तों और बॉयफ्रेंड की फीलिंग्स को तवज्जो नहीं देगी। इसका मतलब यह भी नहीं है कि वह आपके गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड को पाने की कोशिश करेगी  और आपको धोखा देंगी। एक व्यक्ति की नैतिकता का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि वे सेक्स को कितना या कितना कम चाहता है। निश्चित रूप से, सेक्स के लिए एक महिला की बढ़ती आवश्यकता कुछ लोगों थोड़ा असहज बना सकती है, लेकिन यह उसे ऑटोमेटिकली चीटर नहीं बनाती।

महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव किसी के लिए सेक्शुअल फ्रीडम तो किसी के लिए एडिक्शन

सेक्स एडिक्शन एक गंभीर विषय है। अगर लगता है कि आपको कोई परेशानी है या हो रही है तो आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। हालांकि कुछ इसे सेक्स एडिक्शन इसलिए कहते हैं क्योंकि ये नार्मल सेक्स की सीमाओं को तोड़ता है। जबकि दूसरे इसे सेक्स फ्रीडम भी कह सकते हैं। हाई सेक्स ड्राइव वाली महिलाओं को सेक्स एडिक्ट सिर्फ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अपने सेक्शुअल प्लेजर का ध्यान विशेष तौर पर रखती हैं।

महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव कब बन सकती है मुसीबत?

महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव उस वक्त प्रॉब्लम बन जाती है जब सेक्शुअल एक्टिविटीज आउट ऑफ कंट्रोल हो जाए और यह एक सेक्शुअल कंपल्शन बन जाए। इसे हायपर सेक्शुअलिटी और आउट ऑफ कंट्रोल सेक्शुअल बिहेवियर (OCSB) भी कहते हैं। ये स्थिति खतरनाक हो सकती है।

सेक्शुअल कंपल्शन के संकेत निम्न हैं।

  • आपका सेक्शुअल बिहेवियर जीवन के दूसरे हिस्सों जैसे कि हेल्थ और रिलेशनशिप पर नेगेटिव प्रभाव डाल रहा हो।
  • आप लगातार अपने सेक्शुअल बिहेवियर को कम करने या स्टॉप करने का प्रयास कर रहे हो, लेकिन कर नहीं पा रहे।
  • आप सेक्शुअल बिहेवियर को गुप्त रखना चाहते हैं।
  • आप अपने सेक्शुअल बिहेवियर पर डिपेंडेंट हो चुके हैं।
  • जब आप सेक्शुअल बिहेवियर के सब्सिट्यूट के तौर पर दूसरी एक्टिविटीज को ट्राय करते हैं, लेकिन सैटिस्फाई नहीं होते।
  • आप सेक्शुअल एक्टिविटीज का उपयोग समस्याओं जैसे कि गुस्सा, तनाव, डिप्रेशन, अकेलापन और चिंता से दूर भागने के लिए करते हैं।
  • सेक्शुअल बिहेवियर के चलते हेल्दी रिलेशनशिप को मैंटेन करने में समस्या आ रही हो।

और पढ़ें : सेक्स के बारे में सोचते रहना नहीं है कोई बीमारी, ऐसे कंट्रोल में रख सकते हैं अपनी फीलिंग्स

डॉक्टर से संपर्क कब करें?

अगर लगता है कि आपने सेक्शुअल बिहेवियर पर कंट्रोल खो दिया है तो डॉक्टर से सलाह लेना सही होगा। सेक्शुअल बिहेवियर पर्सनल मैटर है इसलिए लोग डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं और किसी से इस बारे में बात भी नहीं करते, लेकिन याद रखें :

  • आप अकेली नहीं हैं। ऐसे बहुत से लोग है जो सेक्शुअल प्रॉब्लम्स से डील कर रहे हैं।
  • सही ट्रीटमेंट आपकी क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार कर सकता है।
  • डॉक्टर आपकी जानकारी को कॉन्फिडेंशियल रखेगा।
  • तकलीफ बढ़ने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना हमेशा सही होता है।
  • हमेशा पॉजिटिव सोच बनाए रखें और नेगेटिव विचारों को खुद पर हावी ना होने दें।
  • हाई सेक्स ड्राइव कोई बीमारी या विकार नहीं है। इसलिए इसे लेकर हीन भावना से ग्रसित न हो।
  • खुद को किसी से कम न समझें और अपना ध्यान कहीं और लगाने का प्रयास करें
  • ऐसी चीजों से दूर रहें जो आपको सेक्स के लिए उकसाती हो जैसे कि पोनोग्राफी।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और महिलाओं में हाई सेक्स ड्राइव से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी।अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

 

 

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Hypersexuality and high sexual desire: exploring the structure of problematic sexuality. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/25808900 Accessed on 29th October 2020

Increasing women’s sexual desire: The comparative effectiveness of estrogens and androgens
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4720522/Accessed on 29th October 2020

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https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/libido/Accessed on 29th October 2020

Hormones That Affect Sexual Desire/https://www.ourbodiesourselves.org/book-excerpts/health-article/hormones-affecting-sexual-desire/Accessed on 29th October 2020

Current Version

02/11/2020

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/11/2020

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