
बीमारी का पता अक्सर लोगों को तब चलता है, जब उन्हें किसी प्रकार की समस्या महसूस होती है। कुछ बीमारियों की जानकारी अक्सर देर में मिलती हैं। उन्हीं में से एक है डिप्रेशन की समस्या। डिप्रेशन मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति के व्यवहार में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। अगर बीमारी के लक्षणों को समझ कर समय पर इलाज कराया जाए, तो बीमारी को दूर किया जा सकता है। डिप्रेशन से हल्के लक्षणों से निजात के लिए होम्योपैथी में कारगर ट्रीटमेंट उपलब्ध है। होम्योपैथी कॉम्प्लीमेंट्री मेडिसिन्स होती हैं। कुछ हेल्थ कंडीशन के लिए होम्योपैथी अल्टरनेटिव और नैचुरल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है। डिप्रेशन की समस्या में भी होम्योपैथी का प्रभावी असर देखने को मिलता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी देंगे। डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट जानने से पहले होम्योपैथी के बारे में जानिए।
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डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से पहले जानिए होम्योपैथी ( Homeopathy) के बारे में
होम्योपैथी का आविष्कार 18 वीं शताब्दी के अंत में हुआ था। करीब 200 साल पहले जर्मनी में होम्योापैथी दवाओं का अविष्कार हुआ था। बीमारी का कारण ही बीमारी का इलाज बन सकता है। होम्योपैथिक रेमिडीज के लिए कुछ पदार्थों को डायल्यूट किया जाता है। इनमे कुछ पदार्थ विषैले भी हो सकते हैं। इस कारण से उन्हें अधिक डायल्यूट किया जाता है। इस तरह से बीमारी के प्रभाव को कम किया जाता है। बीमारी को ठीक करने के लिए दवा को कम डोज दिया जाता है, जो प्रभावी होता है। होम्योपैथिक प्रोडक्ट प्लांट से मिलते हैं। इन्हें टैबलेट, जेल, क्रीम आदि रूपों में लिया जाता है।
डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for depression)
डिप्रेशन मूड डिसऑर्डर है, जो व्यक्ति की दिनचर्या को प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को सैडनेस, एंगर, नींद न आने की समस्या, किसी भी काम में मन न लगना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को आत्महत्या का विचार भी आ सकता है। डिप्रेशन के हल्के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथी मेडिसिन्स प्रभावी असर दिखाती हैं। जानिए कौन सी होम्योपैथी मिडिसिन्स डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं। डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए होम्योपैथी में निन्नलिखित दवाएं दी जा सकती हैं।
सेपिया (Sepia)
सेपिया का इस्तेमाल डिप्रेशन से ग्रस्त उन पेशेंट के लिए किया जाता है, जिन्हें डिप्रेशन के कारण अकेले रहने की आदत हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों को किसी के साथ रहने पर गुस्से या नराजगी का अनुभव होता है। जो पेशेंट डिप्रेशन के साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं का अनुभव करते हैं, उनके लिए भी सेपिया का सेवन लाभदायक साबित होता है।
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आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)
आर्सेनिकम एल्बम का इस्तेमाल चिंता के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। जो लोग अक्सर उदास रहते हैं और मौसम बदलने के साथ ही दर्द के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, उन्हें आर्सेनिकम एल्बम लेने की सलाह दी जाती है। ये दवा थकावट को कम करने में, बेचैनी को कम करने के काम आती है।
कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)
थकान, चिंता, भ्रम की स्थिति आदि लक्षणों को कम करने के लिए होम्योपैथी में कैल्केरिया कार्बोनिका मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है। डिप्रेशन के जिन पेशेंट्स को नींद न आने की समस्या, जल्दी पसीना आने की समस्या या सुस्ती की समस्या होती है, उनके लिए भी ये रेमिडी फायदेमंद साबित होती है।
ओरम मेटेलिकम (Aurum metallicum)
जिन लोगों को काम के दौरान अधिक निराशा या फिर जीवन में असफलता के कारण मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें ओरम मेटेलिकम दी जाती है। ऐसे व्यक्तियों को ठंडे मौसम में बीमारियों के लक्षण बढ़ने पर अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दवा का सेवन करने के बाद रिलेक्स फील हो सकता है।
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फॉस्फोरिक एसिड (Phosphoric acid)
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को भूख न लगने की समस्या भी हो सकती है। ऐसा किसी दुख के कारण हो सकता है। होम्योपैथी में रात में अधिक पसीना आना, नींद ठीक से न आना आदि लक्षणों को कम करने के लिए फॉस्फोरिक एसिड का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum muriaticum)
माइल्ड डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने के लिए नैट्रम म्यूरिएटिकम मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार पेशेंट भावुक भी हो सकते हैं और आवाज के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। जिन लोगों में स्ट्रेस के सामान्य लक्षण दिखाई पड़ते हैं, उन्हें इस मेडिसिन को लेने की सलाह दी जा सकती है।
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डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट: इन बातों का रखें ख्याल
डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन्स देने से पहले डॉक्टर पेशेंट के लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। मेडिसिन्स के साथ ही डॉक्टर पेशेंट को कुछ परहेज की सलाह भी देते हैं। अगर परहेज के साथ ही लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए, तो डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट का असर कुछ समय बाद ही दिखाई पड़ने लगता है। होम्योपैथी मेडिसिन्स लेने के दौरान हो सकता है कि आपको बीमारी के लक्षणों में तुरंत राहत न मिले, लेकिन कुछ समय बाद आपको आराम महसूस होगा। यहां हम आपको डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट और डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन्स से संबंधित जरूरी जानकारी दे रहे हैं। आपको इन बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।
- होम्योपैथिक ट्रीटमेंट लेने के दौरान हो सकता है कि पेशेंट को बीमारी के लक्षण बढ़ते हुए दिखें। अगर आपको ऐसा लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाओं के साइट इफेक्ट अधिक नहीं होते हैं।
- अगर आपका कोई ट्रीटमेंट पहले से चल रहा हो, तो होम्योपैथी दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
- होम्योपैथी दवा का सेवन करने के दौरान डॉक्टर आपको कुछ परहेज की सलाह भी दे सकता है। ऐसे में दवाओं के प्रभाव को बढ़ाने के लिए आपको परहेज जरूर करना चाहिए।
- होम्योपैथी दवा का सेवन करने से करीब आधा घंटा पहले और बाद में खाना न खाएं। ऐसा करने से दवा का प्रभाव अधिक होता है। आप इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी लें।
- डायबिटीज के पेशेंट्स को होम्योपैथी की मीठी गोलियों को लेकर यदि मन में शंका हो, तो डॉक्टर से जरूर जानकारी लेनी चाहिए।
- अगर आपको होम्योपैथी मेडिसिन्स लेने के बाद चक्कर का एहसास हो रहा है, तो डॉक्टर को इस बारे में जानकारी जरूर दें।
- दवा का सेवन कैसे करना है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
- अगर ट्रीटमेंट के दौरान किसी पुरानी बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
- दवाओं के सेवन के साथ ही आपको डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको डिप्रेशन के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी जरूर मिल गई होगी। अगर आपको डिप्रेशन की समस्या है, तो बेहतर होगा कि बीमारी को छिपाने की बजाय उसका इलाज कराएं। अगर आप ट्रीटमेंट नहीं कराएं, तो बीमारी के लक्षण अधिक बढ़ सकते हैं। होम्योपैथी ट्रीटमेंट लेने से पहले डॉक्टर से दवाओं के साइड इफेक्ट के बारे में जानकारी जरूर लें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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