के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पेरोनी रोग पुरुषों के लिंग से संबंधित एक बीमारी है, जिसकी स्थिति में लिंग का आकार टेढ़ा हो जाता है। इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) कहा जाता है। हालांकि, लिंग का टेढ़ापन पुरुषों के प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं कर सकता है। लेकिन, लिंग का टेढ़ापन उनके निजी जीवन को प्रभावित कर सकता है। लिंग का टेढ़ापन या पेरोनी रोग लिंग के ऊतकों को किसी तरह का नुकसान होने के कारण हो सकता है। इन ऊतकों में स्कार बनने लग सकते हैं। जैसे चोट लगने या जलने के बाद त्वचा पर निशान रह जाते हैं, उसी तरह स्कार ऊतकों में एक तरह का निशान स्थायी रूप से बनाने लगता है। लिंग के ऊतकों में बनने वाले इन स्कार्स को पट्टिका या प्लेक (Plaque) भी कहा जाता है। ये निशान लिंग के अंदर बनते है।
लिंग में टेढ़ेपन की समस्या ऊपर या नीचे की तरफ यानी पेरोनी रोग होने पर किसी पुरुष का लिंग ऊपर या फिर नीचे की तरफ झुक कर टेढ़ा हो सकता है। लिंग ऊपर की तरफ मुड़ा है या नीचे की तरफ इसके अनुसार ही प्लेक का स्थान व आकार निर्धारित हो सकता है। लिंग का टेढ़ापन धीरे-धीरे बढ़ सकता है हालांकि, कुछ स्थतियों में पेरोनी रोग अचानक से भी हो सकता है। इसके शुरूआती लक्षणों में लिंग में गांठ बनने और दर्द का अनुभव हो सकता है। जो उपचार न मिलने के कारण बढ़ भी सकता है। लिंग के टेढ़ापन की समस्या लिंग के इरेक्शन को प्रभावित कर सकती है। इसकी समस्या में पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ज्यादा दर्द का अनुभव हो सकता है।
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अक्सर हॉर्मोनल प्रॉब्लम काे महिलाओं से जोड़ा जाता है,लेकिन ऐसा नहीं है। हॉर्मोनल प्रॉब्लम पुरुषों को भी होती हैं। ऐसे कई हॉर्मोन है, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है, जैसे की ईस्ट्रोजन, थायराइड प्रॉब्लम और टेस्ट्रोजन की प्रॉब्ल्म आदि। हॉर्मोन का शरीर में कई प्रकार की भूमिका होती है। अगर किसी एक हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाए, तो शरीर में कई तरह की दिक्कते हो सकती हैं। अगर देखा जाए तो पुरुषों में हॉर्मोंस के असंतुलन सबसे ज्यादा देखा जाता है। लेकिन सबसे पहले जानें की पुरुषों में हॉर्मोनल असंतुलन का क्या कारण है। जानें पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल प्रॉब्लम के बारे में-
हमारे शरीर में हॉर्मोन की अगल-अलग भूमिका होती है। ऐसे कई हॉर्मोन हैं। पुरुषों के शरीर में हाॅर्मोन की बात करें तो सबसे अच्छे हॉर्मोन उनमें 20 साल की उम्र में होते हैं। उसके बाद 40 वर्ष की आयु तक, अधिकांश पुरुषों में हॉर्मोनल प्रॉब्लम अधिक देखी जाती है। इसके बाद 80 साल की उम्र तक आते-आते शरीर के अधिकतर हॉर्मोन बिगड़ चुके होते हैं। इसके होने वाले असंतुलन के कारण पुरुषों में इस तरह की समस्या देखने को मिल सकती है।
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पुरुष हाॅर्मोनल असंतुलन तीन प्रकार के देखे जाते हैं, जोकि इस प्रकार हैं:
एंड्रोपॉज (Andropause): इसे पुरुषों में रजोनिवृत्ति यानि कि मेल मेनोपॉज के रूप में भी जाना जाता है, यह पुरुषों में हाेने वाले हार्मोनल असंतुलन का सबसे सामान्य कारण है।
हायपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism): यह स्थिति तब होती है जब थायरॉयड ग्रंथि अंडरएक्टिव हो जाती है।
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हॉर्मोंस का असंतुलन शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करता है। शरीर में होने वाले हाॅर्मोनल प्रॉबल का कारण बढ़ती उम्र और अधिक वजन होता है।पुरुषों में होने वाले हाॅर्मोनल असंतुलन के लक्षणों में शामिल हैं, जैसे कि:
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अगर पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन के कारणों की बात करें, तो ऐसे कई कारण हैं, जिनके होने पर हॉर्मोनल ग्रंथियां प्रभावित होती हैं, जैसे कि
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पुरुष विकास के शारीरिक और मानिसक विकास में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन प्रभावित होता है, तो उनमें निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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सामान्य तौर पर यौवन शुरू होने के दौरान ही लड़के और लड़कियों के शरीर में सेक्स हार्मोन का उत्पादन शुरू होता है। कुछ बच्चों में यौवन की शुरूआत जल्दी, तो कुछ बच्चों में देरी से हो सकती है। अगर उनके यौवन में देरी का कारण हार्मोन अंसतुलन है, तो उनमें हाइपोगोनाडिज्म (Hypogonadism) नामक स्वास्थ्य स्थिति की समस्या हो सकती है, हाइपोगोनाडिज्म के लक्षणों में शामिल हैं:
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पुरुषों में होने वाले हॉर्मोनल प्राॅब्लम के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इसके उपचार के लिए जरूरी है कि दवाओं के साथ अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। अच्छी लाइफस्टाइल आपको शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जोने कैसी हो आपकी लाइफ स्टाइल।
इस बारे में सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर एस के शर्मा का कहना है कि लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) के लक्षण क्या हो सकते हैं, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन, फैमिली हिस्ट्री के कारण इसका जोखिम अधिक बढ़ सकता है। सामान्य तौर पर इसके लक्षण धीरे-धीरे हो सकते हैं। हालांकि, कुछ स्थितियों में इसके लक्षण 12 से 15 घंटों के अंदर भी दिखाई दे सकते हैं। इसके निम्न लक्षणों में शामलि हो सकते हैंः
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पेरोनी रोग का मुख्य कारण क्या हो सकता है, इस बारे में विशेषज्ञों के पास सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि, ऐसे कई कारक हो सकते हैं, जो लिंग के टेढ़ापन का कारण बन सकते हैं, जैसेः
लिंग के ऊतकों को चोट लगने के कारण भी हो सकता है। जिसके कारण लिंग के अंदर रक्तस्राव हो सकता है। जिसे आमतौर पर नोटिस नहीं किया जा सकता है और धीरे-धीरे यह लिंग का टेढ़ापन बन सकता है।
पेरोनी रोग आनुवांशिक स्थिति भी हो सकती है। अगर किसी पुरुष को इसकी समस्या है, तो भविष्य में यह समस्या उसकी संतान को भी प्रभावित कर सकता है।
कुछ मामलों में दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी लिंग का टेढ़ापन हो सकता है। हालांकि, इसके लिए किस तरह की दवा जिम्मेदार हो सकती है, इसके बारे में उचित अध्ययन करने की आवश्यकता है। लेकिन कुछ दवाओं के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जैसे-
बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers): इन दवाओं का सेवन दिल से जुड़ी समस्याओं और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जा सकता है।
डिलान्टिन (Dilantin): इस दवा का इस्तेमाल मिर्गी व अन्य तरह के दौरे को रोकने के लिए किया जा सकता है।
सेक्स करते समय लिंग का अचानक से मुड़ना भी लिंग के टेढ़ेपन का कारण बन सकता है।
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निम्न स्थितियां लिंगा का टेढ़ापन के जोखिम को बढ़ाने का कारक बन सकते हैंः
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कुछ मामले में पेरोनी रोग अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि, अगर आपको ऊपर बताए गए किस भी तरह के लक्षण हफ्ते भर से अधिक बने हुए हैं, तो आप इसके बारे में पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार आपको निम्न टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसेः
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लिंग का टेढ़ापन (पेरोनी रोग) एक दुर्लभ समस्या है। इसके होने का जोखिम एक फीसदी से भी कम पुरुषों में हो सकता है। हालांकि, इसकी स्थिति से बचे रहने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
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लिंग का टेढ़ापन या पेरोनी रोग का उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर पहले कुछ महीनों के लिए आपको उचित सावधानी बरतने की सलाह दे सकते हैं। अधिकतर मामलों में इसकी समस्या अपने आप या कुछ जरूरी सावधानी बरतने के बाद ही ठीक हो सकती है। हालांकि, अगर इसके बाद भी इसकी समस्या ठीक नहीं होती है, तो आपके डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। जो निम्न हो सकते हैं, जैसेः
इसकी प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग की बड़ी साइड के तरफ ऑपरेशन करके लिंग की बड़ी साइड को छोटा कर देते हैं और स्कार या प्लेक को बाहर निकाल देते हैं। इस सर्जरी की पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर लिंग को सीधा रखते हैं, जिससे मरीज का लिंग सेक्स के दौरान इरेक्शन बना पाए। हालांकि, इससे लिंग की लंबाई कम हो सकती है।
इस सर्जरी की प्रक्रिया में डॉक्टर प्लेक या स्कार वाले ऊतकों को लिंग से निकाल देते हैं, जिससे लिंग की छोटी साइड खुल जाती है और लिंग सीधा होने लगता है। इसके बाद लिंग से प्लेक निकाले गए खाली स्थान में सर्जन ग्राफ्ट भर देते हैं। यह ग्राफ्ट व्यक्ति के ही शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकाली जा सकती है।
कुछ स्थितियों में डॉक्टर दवाओं की भी सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पेरोनी रोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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