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एलएडीए डायबिटीज क्या है, टाइप-1 और टाइप-2 से कैसे है अलग

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    एलएडीए डायबिटीज क्या है, टाइप-1 और टाइप-2 से कैसे है अलग

    मधुमेह (डायबिटीज) एक क्रॉनिक बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर में पनपने लगती है। अगर डायबिटीज (Diabetes) को समय रहते नियंत्रित नहीं किया जाता तो यह विभिन्न दिल की समस्याओं, स्ट्रोक, नर्व डैमेज आदि जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती है। आमतौर पर, लोग मधुमेह के सिर्फ दो प्रकार जानते हैं, पहला टाइप-1 डायबिटीज और दूसरा टाइप-2 डायबिटीज। लेकिन, सच सिर्फ इतना ही नहीं है, बल्कि मधुमेह अन्य प्रकार का भी हो सकता है, जैसे- एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) मतलब लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स (Latent Autoimmune Diabetes in Adults)। इसे टाइप-1.5 डायबिटीज भी कहा जाता है। आइए, जानते हैं कि आखिर यह बाकी प्रकारों से किस तरह अलग है और इसका ट्रीटमेंट क्या है?

    एलएडीए डायबिटीज को टाइप-1.5 डायबिटीज क्यों कहा जाता है? (LADA Diabetes or Type 1.5 Diabetes)

    एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) यानी लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स एक वयस्कों में होने वाला मधुमेह है, जिसके लक्षण टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज से काफी मिलते-जुलते ही हैं। लेकिन, टाइप-2 की तरह इसे ठीक नहीं किया जा सकता, हालांकि नियंत्रित किया जा सकता है। यह आमतौर पर 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र वाले लोगों में देखने को मिलती है। टाइप-1 मधुमेह की तरह इस बीमारी में आपके पैंक्रियाज में मौजूद इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं के खराब हो जाने की वजह से शरीर में इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा का उत्पादन नहीं होता है और आपको टाइप-1 के मुकाबले यह धीरे-धीरे विकसित होती है और आपको देर से इंसुलिन शॉट की जरूरत होती है।

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    टाइप-2 डायबिटीज से कैसे अलग है लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स (Latent Autoimmune diabetes in adults)

    इसमें आपके शरीर की बीटा सेल्स टाइप-2 मधुमेह से जल्दी कार्य करना बंद कर देती है और मधुमेह से पीड़ित करीब 10 प्रतिशत लोगों को एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) होती है। मधुमेह के इस प्रकार को कई बार टाइप-2 मधुमेह मानने की गलती की जाती है, लेकिन अगर आपका शारीरिक वजन संतुलित है व आप सक्रिय जीवनशैली रखते हैं और आपको टाइप-2 डायबिटीज बताई गई है, तो आपको इसकी जगह टाइप-1.5 यानी एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) होने की आशंका हो सकती है।

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    क्या एलएडीए डायबिटीज के लक्षण अलग होते हैं? (lada diabetes)

    टाइप-1.5 डायबिटीज के लक्षण इस बीमारी की शुरुआत में नहीं विकसित होते और लक्षण दिखने में मधुमेह के बाकी प्रकारों की तरह ही होते हैं। जैसे-

    • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात को
    • अचानक वजन घटना
    • बार-बार प्यास लगना
    • नजर कमजोर होना
    • नसों में झुनझुनाहट होना
    • हर समय थकावट होना
    • खाने के बाद जल्दी ही भूख लगना

    हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। अगर, एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) के लक्षणों को पहचानकर इसे जल्दी नियंत्रित नहीं किया जाता, तो वह डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) का कारण बन सकती है। इस समस्या में आपका शरीर इंसुलिन की अनुपस्थिति में एनर्जी के लिए शुगर का इस्तेमाल नहीं कर पाती और फैट बर्न करने लगती हैं। इससे शरीर में कीटोन पैदा होते हैं, जो कि शरीर के लिए खतरनाक होते हैं।

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    एलएडीए डायबिटीज किन कारणों की वजह से होती है? (Causes of LADA diabetes)

    एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) और दूसरे प्रकार के मधुमेह में अंतर होता है, जिस वजह से इन्हें अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है। आपको बता दें कि, टाइप-1.5 डायबिटीज का कारण पैंक्रियाज द्वारा इंसुलिन का उत्पादन करने वाले सेल्स का उत्पादन बाधित होना होता है। इसके पीछे का कारण आपके घर-परिवार में किसी को ऑटोइम्यून कंडीशन की हिस्ट्री होना जैसे जेनेटिक फैक्टर हो सकते हैं। जब आपके शरीर में पैंक्रियाज इंसुलिन उत्पादित करने वाले बीटा सेल्स का उत्पादन नहीं करता है, तो शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। अगर टाइप-1.5 मधुमेह वाले व्यक्ति में ओवरवेट या मोटापे की समस्या भी है, तो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस भी हो सकता है।

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    दूसरी तरफ, टाइप-1 मधुमेह भी एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जो शरीर में पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स के नष्ट होने के कारण होती है। यह सेल्स शरीर में इंसुलिन के निर्माण में मदद करती हैं, जो कि शरीर में ग्लूकोज स्टोर करने में भूमिका निभाता है। वहीं, टाइप-2 मधुमेह में आपके शरीर में इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इसके पीछे कई जेनेटिक व पर्यावरणीय फैक्टर होते हैं, जैसे- कार्बोहाइड्रेट्स से युक्त डायट, असक्रियता और मोटापा आदि। हालांकि, इसे जीवनशैली में सुधार व दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है। वहीं, कुछ लोगों को ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए इसमें इंसुलिन की जरूरत भी होती है।

    टाइप-1.5 मधुमेह की पहचान कैसे होती है? (Diagnose of type-1.5 diabetes)

    एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) की पहचान करने में थोड़ी देरी हो सकती है, क्योंकि पहला कारण इसका धीरे-धीरे विकसित होना है और दूसरा कारण इसे टाइप-2 डायबिटीज मान लेने की गलती है। हालांकि, जब मरीज 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र का हो और मोटापे से ग्रसित न हो और जीवनशैली में बदलाव व ओरल दवाइयों से मधुमेह में सुधार न हो रहा हो, तो लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स का टेस्ट किया जाता है। जिसमें फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट शामिल होता है, जो कि आठ घंटे फास्ट रखने के बाद किया जाता है।

    इसके अलावा, ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस और रेंडम प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। जीएडी एंटीबॉडीज टेस्ट की मदद से आपके खून में उन एंटीबॉडीज की उपस्थिति भी जांची जा सकती है, जो कि टाइप- 1.5 डायबिटीज जैसी ऑटोइम्यून रिएक्शन के समय शरीर में मौजूद होती हैं।

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    लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स का ट्रीटमेंट कैसे होता है? (LADA Diabetes Treatment)

    एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) को शुरुआत में इसे टाइप-2 मानने की गलती की जाती है, तो अधिकतर बार इसे टाइप-2 मधुमेह के इलाज के तरीकों की मदद से नियंत्रित किया जाता है। चूंकि, यह धीरे-धीरे विकसित होती है, तो इस ट्रीटमेंट से नियंत्रित किया जा सकता है। जो लोग टाइप-1.5 डायबिटीज से ग्रसित होते हैं, उनमें टाइप-1 मधुमेह से ग्रसित मरीजों के शरीर में होने वाली कम से कम एक एंटीबॉडीज हो सकती है। इस प्रकार के मधुमेह के मरीजों को जांच के बाद पांच साल के भीतर इंसुलिन की जरूरत हो सकती है।

    इंसुलिन ट्रीटमेंट मरीज और गंभीरता के मुताबिक अलग-अलग हो सकता है। जो कि आपके शरीर में मौजूद ग्लूकोज के स्तर पर निर्भर करता है। इसके लिए शरीर में मौजूद ब्लड ग्लूकोज की मॉनिटरिंग करने के लिए नियमित स्तर पर ब्लड शुगर टेस्टिंग करवाते रहें, ताकि भविष्य में किसी भी खतरनाक स्थिति से समय रहते हुए बचा जा सके। इसके अलावा, आपको मधुमेह के रोग को नियंत्रित रखने के लिए डायट, एक्सरसाइज और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने होते हैं, जिससे आपके शरीर में मौजूद ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहे।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको एलएडीए डायबिटीज (LADA Diabetes) से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा।  अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो, तो डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

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