4. डायबिटीज के लिए योगासन – अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
डायबिटीज के लिए योगासन में अपने पैरों को सीधा करके फर्श पर बैठ जाएं। घुटनों को मोड़ें, अपने पैरों को जमीन पर रखें और फिर अपने बाएं पैर को अपने दाहिने पैर के नीचे स्लाइड करें। बाएं पैर को फर्श पर रखें। दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर ले जाएं और इसे अपने बाएं कूल्हे के बाहर जमीन पर रखें। दाहिने हाथ को अपने दाहिने कूल्हे के ठीक पीछे फर्श पर दबाएं, और अपनी बाईं जांघ को दाहिनी जांघ के बाहर घुटने के पास सेट करें। दाहिना घुटना छत की ओर रुख करेगा यहां, आपको सांस छोड़ते हुए अपनी दाहिनी जांघ के अंदरूनी हिस्से की ओर झुकना होगा। लगभग 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में बने रहें और फिर छोड़ दें। इसे दूसरी तरफ से भी करने की कोशिश करें।
5. डायबिटीज के लिए योगासन – वक्रासन (Vakrasana)
डायबिटीज के लिए योगासन में आपको एक आरामदायक क्रॉस-लेग की स्थिति में बैठना होगा। अब, अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं घुटने पर अपने बाएं हाथ पर रखें। अपने शरीर को बाईं दिशा में मोड़ने का प्रयास करें। अपनी पीठ को सीधा रखना न भूलें। दाहिनी दिशा में भी ऐसा करने का प्रयास करें।
डायबिटीज के लिए योगासन के साथ आप मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए अपने हिसाब से घरेलू इलाज भी कर सकते हैं।
दालचीनी (Cinnamon)
दालचीनी डायबिटीज के घरेलू उपाय के लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है। यह शरीर में नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और खून में मधुमेह शर्करा (DIABETIC शुगर) को कम करती है। चुटकी भर दालचीनी पाउडर को उबाल कर उसकी चाय बना कर पीने से डायबिटीज को नियंत्रण में रखा जा सकता है। दरअसल दालचीनी में मौजूद 11 प्रतिशत पानी, 81 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 4 प्रतिशत प्रोटीन और 1 प्रतिशत फैट शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है।
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करेला (Bitter gourd)
करेला में मौजूद पोषक तत्व रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करने की खूबी रखता है। करेला पूरे शरीर में न केवल ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को कम करता है बल्कि यह इंसुलिन को भी बढ़ाता है। रोजाना सुबह एक गिलास करेला का जूस पीना चाहिए। इसके अलावा अपने खाने में करेले से बनी सब्जी शामिल करके आप उसके ज्यादा से ज्यादा फायदे हासिल कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार करेले के सेवन से खून भी साफ होता है।
मेथी (Fenugreek)
मेथी भारतीय रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल होती है जिसके कई फायदे हैं। यह मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार लाने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और ग्लूकोज पर निर्भर इंसुलिन के स्राव को प्रोत्साहित करने में मदद करती है। शरीर में मौजूद ग्लूकोस लेवल को कम करने के लिए 2 चम्मच मेथी के दाने रात में भिगो कर रख दें और सुबह खली पेट उस पानी को बीज के साथ पी लें। मेथी के दानों एक पाउडर बना कर उसे ठंडे या गरम पानी के अलावा दूध के साथ भी पिया जा सकता है। दरअसल इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। कुछ अध्ययन में पाया गया है कि मेथी का सेवन करने से पेट में शुगर का अवशोषण कम हो जाता है और इंसुलिन उत्तेजित हो जाती है, जिससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। मेथी की खास बात यह है कि यह डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 दोनों में काम आती है।
और पढ़ें: सेहत के लिए शुगर या शहद के फायदे?
अलसी के बीज (Flax seeds)
अलसी का बीज फाइबर (Fiber) से भरपूर होता है। फाइबर पाचन में तो मदद करता ही है साथ ही फैट(Fat) और शुगर (Sugar) के अवशोषण में भी सहायक सिद्ध होता है। कहा जाता है कि, अलसी के बीज के आटे का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों में शुगर की स्तर लगभग 28 प्रतिशत तक कम हो सकती है। रिसर्च के अनुसार यह शाकाहारी लोगों के लिए वरदान है, क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) अलसी में मौजूद होता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और अल्फा लिनोलिक एसिड (Alpha linoleic acid) भी मौजूद होता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।
किसी भी बीमारी से लड़ना आसान होता है अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज को दी है मात।