इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) के अनुसार साल 2040 तक डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित भारतीयों की संख्या 123 मिलियन हो जाएगी। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि भारत की कुल आबादी में से 5% मधुमेह से पीड़ित हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज होने के कुछ समय पहले एक छोटा सा टाइम गैप होता है, जिसमें आप इस बीमारी से बच सकते हैं? इस टाइम को बालेते प्री-डायबिटीज टाइम। दरअसल, प्री डायबिटीज डायबिटीज शुरू होने से पहली की स्थिति को कहते हैं। सामान्य भाषा में अगर इसे समझा जाए तो इसे बॉर्डरलाइन भी कहा जाता है (इस पीरियड को गोल्डन पीरियड कह सकते हैं)। एक्सपर्ट्स के अनुसार प्री डायबिटीज का इलाज आसानी से किया जा सकता है और प्री डायबिटीज से बचाव भी संभव है।
हेल्थ एक्सपेट प्री डायबिटीज की स्थिति को निम्नलिखित तरह से भी पेशेंट को समझा सकते हैं। जैसे-
- इम्पेर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (IGT)- इसका अर्थ है सामान्य से ज्यादा ब्लड शुगर होना। दरअसल IGT खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
- इम्पेर्ड फास्टिंग ग्लूकोज (IFG)- इम्पेर्ड फास्टिंग ग्लूकोज का अर्थ है सुबह में बिना कुछ खाये-पीये सुबह के दौरान चेक किया गया ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा होना दर्शाता है।
- हीमोग्लोबिन A1C का लेवल 5.7 और 6.4 प्रतिशत होना।
IGT, IFG और हीमोग्लोबिन A1C को समझकर प्री डायबिटीज से बचाव संभव है।