और पढ़ें : Diabetes : मधुमेह से बचने के प्राकृतिक उपाय
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज (Diabetes in Pregnancy) की वजह से मां और शिशु को होने वाले जोखिम
गर्भावस्था में मधुमेह की वजह से ये रिस्क हो सकते हैं :
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज – शिशु का आकार बड़ा होना (Increased size of foetus)
यदि किसी प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज है, तो गर्भ में शिशु का आकार सामान्य से थोड़ा ज्यादा बड़ा हो सकता है। इसकी वजह से सिजेरियन डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है।
टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होता है, उन्हें और उनके शिशु को भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज (Diabetes in Pregnancy) – मृत शिशु का जन्म
अगर गर्भावधि मधुमेह का इलाज समय पर न किया जाए, तो मृत शिशु के जन्म का खतरा रहता है।
समय पूर्व प्रसव की संभावना बढ़ना (Pre-mature delivery)
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज से जूझती महिलाओं में समय से पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, इस स्थिति में शिशु को सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
और पढ़ें : क्या होती है लीन डायबिटीज? हेल्दी वेट होने पर भी होता है इसका खतरा
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज – प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज के दौरान प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप से संबंधित स्थिति) का खतरा भी बढ़ सकता है।
जेस्टेशनल डायबिटीज का जोखिम किन्हें ज्यादा होता है? (Gestational Diabetes)
हालांकि, प्रेग्नेंसी में डायबिटीज किसी भी प्रेग्नेंट महिला को हो सकता है, लेकिन नीचे बताए गए मामलों में इसका जोखिम बढ़ सकता है।
- 25 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) होने का खतरा ज्यादा रहता है।
- अगर परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो गर्भावस्था में डायबिटीज की संभावना अधिक रहती है।
- अगर आपको पहले की गर्भावस्था में भी डायबिटीज था, तो अगली प्रेगनेंसी में भी डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है।
- यदि पहले से ही डायबिटीज है, तो इसका खतरा और भी बढ़ सकता है।
- यदि प्रेग्नेंट महिला का वजन सामान्य से अधिक है, तो जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज का इलाज (Diabetes in pregnancy treatment)
अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो इसका जल्द से जल्द इलाज करवाना जरूरी है। जेस्टेशनल डायबिटीज का सबसे पहला इलाज है, स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित खानपान अपनाना है। साथ ही गर्भावस्था बढ़ने के साथ ही आपको इंसुलिन की आवश्यकता अधिक होगी। इसके लिए डॉक्टर आपको इंसुलिन के इंजेक्शन दे सकते हैं। सामान्य डायबिटीज में दी जाने वालीं कई दवाइयां प्रेगनेंसी में लेनी सुरक्षित नहीं होती है। इसलिए, इंसुलिन के इंजेक्शन लेना आवश्यक हो जाता है। डॉक्टर की सलाह से डायबिटीज का उचित इलाज करवाएं।