पीसीओएस में डायट
पीसीओएस में डायट कैसी होनी चाहिए और पेशेंट को किस बात का ध्यान रखना चाहिए यह जानने के लिए हमने भोपाल की आयुर्वेदिक एक्सपर्ट एवं डायटीशियन गीतांजलि शर्मा से बात की। लंदन से डॉक्टरेट करने वाली डॉक्टर गीतांजलि ने बताया कि, ‘पीसीओएस की समस्या मोटापे की वजह से होती है। जो महिलाएं फैटी होते हैं उन्हें अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री भी होती है। फेमिली हिस्ट्री के अलावा इस बीमारी का कारण फैटी भोजन भी होता है।
जो महिलाएं पीसीओएस से ग्रसित होती हैं उन्हें अपनी डायट में हरी सब्जियां जिनमें पालक, टमाटर, मेथी, स्प्राउट्स, सोयावड़ी, सोया मिल्क आदि शामिल करना चाहिए। साथ ही उन्हें फैटी और आयली फूड एवं कैफीन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। पीसीओएस के मरीजों के लिए ग्रीन टी बहुत फायदेमंद होती है। ये सभी चीजें इस्ट्रोजेन के लेवल को बढ़ाती है जिससे पीसीओएस की समस्या में राहत मिलती है।’
वे आगे कहती हैं कि, ‘पीसीओएस के मरीजों को हम शाम को 7 बजे के बाद खाने की थाली नीचे रख देने के लिए कहते हैं। यानी शाम 7 बजे के बाद उन्हें खाना नहीं खाना है। साथ ही 7-9 के बीच वॉक करने को कहा जाता है। पीसीओएस के मरीजों के शरीर में मैग्नीशियम का लेवल भी अच्छा होना जरूरी है। जो कि केले और बादाम और पनीर से बढ़ सकता है। इन तीनों को भी उन्हें अपनी डायट में शामिल करना चाहिए।’