पाइल्स में डायट: नाशपाती और केला
सेब की तरह नाशपाती और केला भी बवासीर में काफी फायदा पहुंचाते हैं। क्योंकि, नाशपाती में करीब 6 ग्राम फाइबर होता है। इससे फाइबर की पर्याप्त मात्रा शरीर को मिल पाती है। अगर आप रोजाना नाशपाती खाते तो रोजाना जरूरत का करीब 22 प्रतिशत फाइबर नाशपाती खाने में मिल जाता है। अगर आप नाशपाती यानी पियर का छिलके सहित सेवन करते हैं तो फाइबर अधिक मात्रा में मिलता है। आप पियर को सलाद के रूप में भी शामिल कर सकते हैं। वहीं खाने में रास्पबेरी भी शामिल कर सकते हैं। बेरीज को फाइबर का पावरहाउस भी कहा जाता है। एक कप कच्ची रास्पबेरी का सेवन करने से करीब सात से आठ ग्राम फाइबर मिलता है वहीं करीब 85% पानी प्राप्त होता है।
इसके अलावा, केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में काफी मदद करते हैं। एक मध्यम आकार के केले में करीब 3 ग्राम फाइबर होता है।
पाइल्स में डायट: रूट वेजिटेबल
पाइल्स में डायट के लिए आप शकरगंद, शलजम, चुकंदर, गाजर और आलू जैसी रूट वेजिटेबल को शामिल कर सकते हैं। इन सब्जियों में फाइबर होता है, जो आपकी गट हेल्थ के लिए काफी लाभदायक होता है। आपको बता दें कि, पके हुए आलू में रेजिस्टेंट स्टार्च नामक कार्बोहाइड्रेट होता है, जो आपके पाचन तंत्र से बिना पचे ही निकलते हैं, जिससे वह गट के अच्छे बैक्टीरिया के स्तर के लिए सही होते हैं। इसके अलावा, यह कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में मदद करते हैं।
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पाइल्स में डायट: दालें
बवासीर में फाइबर काफी जरूरी है, इसलिए आपको अपने डायट में पर्याप्त फाइबर की मात्रा शामिल करनी चाहिए। दालों में काफी मात्रा होती हैं, इसके साथ ही बीन्स, मटर, सोयाबीन, मूंगफली, छोले आदि भी इसी श्रेणी में आते हैं। 198 ग्राम दालों में करीब 16 ग्राम फाइबर होता है, जो कि आपके शरीर की दैनिक जरूरत का आधा होता है। इससे आपके स्टूल को इकट्ठा होने में मदद मिलती है और आप बिना किसी परेशानी के मल त्याग पाते हैं।