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पैंक्रियाटायटिस डायट: जानिए क्या खाना है और क्या नहीं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/09/2021

    पैंक्रियाटायटिस डायट: जानिए क्या खाना है और क्या नहीं?

    पैंक्रियाज (Pancreas) बॉडी के शुगर प्रॉसेस के तरीकों को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही यह एंजाइम को रिलीज करके भोजन को पचाने में मदद करता है, लेकिन जब पैंक्रियाज पर सूजन आ जाती है, तो यह अपना काम नहीं कर पाता। यह फैट को तोड़ने और खाने से पोषण को एब्जॉर्ब करने में सक्षम नहीं रहता। इस स्थिति को पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis ) कहते हैं। चूंकि पैंक्रियाज हमारी डायजेस्टिव प्रॉसेस से संबंध रखता है इसलिए हम जो भी खाते हैं, उसका प्रभाव इस पर पड़ता है। पैंक्रियाटायटिस होने पर पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) फॉलो करना जरूरी होता है ताकि पैंक्रियाज को हील किया जा सके और स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके। इस आर्टिकल में हम पैंक्रियाटायटिस डायट के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet)

    क्रोनिक पैंक्रियाटायटिस (Chronic pancreatitis) में बॉडी पर्याप्त मात्रा में डायजेस्टिव एंजाइम्स (Digestive enzymes) को प्रोड्यूस नहीं कर पाती जो खाने से पोषण को ग्रहण करते हैं। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर मरीज कुपोषित हो सकता है और उसका वजन काफी कम हो सकता है। पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) इस स्थिति से लड़ने में मदद कर सकती है। माइल्ड पैंक्रियाटायटिस होने पर डायट और लाइफस्टाइल चेंजेंस के फायदे होते हैं। मॉडरेट या सीवियर मामलों में सिर्फ पैंक्रियाटायटिस डायट के साथ ही अन्य सावधानियां रखना जरूरी होता है। पैंक्रियाटायटिस डायट में निम्न चीजों को शामिल करना जरूरी है।

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    पैंक्रियाटायटिस डायट में शामिल करें ये चीजें (Pancreatitis Diet tips)

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet)

    पैंक्रियाटायटिस डायट में सब्जियों, फलों और साबुत अनाज का उपयोग कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के इंटेक को कम करने के साथ ही फायबर इंटेक (Fiber intake) को बढ़ाने का काम करता है। इससे गाॅलस्टोन्स और ट्रायग्लिसराइड्स (Gallstones and triglycerides) के बढ़ने का रिस्क कम हो जाता है जो कि एक्यूट पैंक्रियाटायटिस (Acute pancreatitis) का कारण बनते हैं। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स (Free Radicals) से लड़कर सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

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    पैंक्रियाटायटिस डायट से इन चीजों को हटा दें (Pancreatitis Diet tips)

    अगर आप पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis) का सामना कर रहे हैं, तो जरूरी है कि तले हुए एवं फुल फैट वाले फूड्स और ऐसे फूड्स जिनमें शुगर का अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। उनको ना खाएं। निम्न फूड आयटम्स को अपनी डायट से हटा दें।

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet)

    •  पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis) में ट्रांस फैटी एसिड्स (Trans fatty acids) का सेवन न करें। तेल में तले हुए और प्रोसेस्ड फूड्स (Processed foods) जैसे कि बगर्स को अवॉयड करें।

    हमारा पैंक्रियाज हम जो भी फैट खाते हैं उसे प्रॉसेस करता है। इसलिए अगर आप ज्यादा फैट का सेवन करते हो तो पैंक्रियाज को ज्यादा काम करना पड़ेगा। शुगर के साथ हाय फैट फूड्स ट्रायग्लिसराइड के लेवल को बढ़ाने का भी काम करते हैं, जो ब्लड में फैट के अमाउंट को बढ़ाने का काम करता है जिससे एक्यूट पैंक्रियाटायटिस ( Acute Pancreatitis) का रिस्क बढ़ जाता है।

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    पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis) को मैनेज करने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

    एंजाइम सप्लिमेंट्स का उपयोग करें  (Use Enzyme supplements)

    अगर एंजाइम सप्लिमेंट्स (Enzyme supplements) प्रिस्क्राइब किए गए हें तो उन्हें रोज बिना किसी गैप के लें। जब भोजन छोटी आंत में पहुंचता है, तो हेल्दी पैंक्रियाज अग्नाशयी एंजाइमों को छोड़ने के लिए प्रेरित होता है। ये एंजाइम पित्त के साथ जुड़ जाते हैं और छोटी आंत में भोजन को तोड़ने लगते हैं। चूंकि आपका अग्न्याशय ठीक से काम नहीं कर रहा है, इसलिए आपको अग्नाशयी एंजाइम नहीं मिल रहे हैं जो आपको अपने भोजन को ठीक से पचाने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में एंजाइम सप्लिमेंट्स लेना भोजन को पचाने में मदद कर सकता है। यह स्टीटोरिया (steatorrhea ) (स्टूल में अतिरिक्त फैट, फैट के कुपोषण ) के लक्षणों में सुधार करता है। साथ ही यह आपके बेहतर खाने की क्षमता में सुधार करेगा, कुपोषण के जोखिम को कम करेगा।

    एल्कोहॉल का सेवन कम से कम करें (Avoid Alcohol)

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) के अलावा पैंक्रियाटायटिस से राहत पाने के लिए आपको एल्कोहॉल के सेवन (Alcohol consumption) से भी बचना होगा। अक्सर पैंक्रियाटायटिस का कारण एल्कोहॉल का अधिक सेवन होता है। इसलिए इसे पूरी तरह अवॉयड करें। अगर आपने उपचार ले लिया है और पैंक्रियाज नॉर्मल हो चुका है तब भी आपको शराब का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए। क्रोनिक पैंक्रियाटायटिस के मामलों में इंफ्लामेशन और कुपोषण (Malnutrition) जारी रहता है और धीरे-धीरे पेशेंट का डायजेस्टिव फंक्शन और इंसुलिन फंक्शन बिगड़ जाता है। इसलिए शराब का सेवन का उपयोग करना नासमझी होगी।

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    स्मोकिंग छोड़ दें (Quit smoking)

    अग्नाशयशोथ वाले लोगों को धूम्रपान से बचना चाहिए, क्योंकि इससे अग्नाशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्मोकिंग (Smoking) वैसे भी ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छी नहीं है, लेकिन अगर आप पैंक्रियाटायटिस का सामना कर रहे हैं तो इसे छोड़ना ही सही होगा। इसके साथ ही निम्न बातों का ध्यान रखें।

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) को लेकर पूछे जाने वाले सवाल

    पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis) होने पर किस प्रकार के विटामिन्स और सप्लिमेंट्स का उपयोग करना चाहिए?

    डॉक्टर इसके लिए आर्टिफिशियल डायजेस्टिव एंजाइम्स सजेस्ट करते हैं तो बॉडी की पोषक तत्वों को ग्रहण करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही मल्टिविटामिन भी पैंक्रियाटायटिस के चलते पोषक तत्वों की कमी होने पर मददगार साबित होते हैं। इस दौरान विटामिन ए, विटामिन बी12, विटामिन डी, ई एवं के साथ ही फोलिक एसिड और जिंक उपयोगी साबित हो सकते हैं, लेकिन किसी भी सप्लिमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) में केले को शामिल किया जा सकता है?

    पैंक्रियाटायटिस डायट में पके हुए केले को शामिल किया जा सकता है क्योंकि ये पचने में आसान है। साथ ही यह फायबर का अच्छा सोर्स होता है जो गाॅलस्टोन के रिस्क को कम करने के साथ ही हाय ट्रायग्लिसराइड को भी कम करने में मददगार है। इससे एक्यूट पैंक्रियाटायटिस को रोकने में मदद मिलती है।

    पैंक्रियाटायटिस डायट (Pancreatitis Diet) में एग का सेवन किया जा सकता है?

    एग के पीले भाग में हाय फैट होता है पैंक्रियाटायटिस होने पर इसे बॉडी के लिए पचाना मुश्किल हो सकता है। पूरा अंडा खाने की जगह अंडे का सफेद भाग खाया जा सकता है। क्योंकि इसमें फैट की मात्रा कम होने के साथ ही प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पैंक्रियाटायटिस डायट से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट या डायटीशियन से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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