आलू (Potatoes) बीन्स (Beans) दालें (Lentils) ओटमील (Oatmeal) ब्राउन राइस (Brown Rice) ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी में पॉलीफेनोल्स होता है, जिसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं। यानी, ग्रीन टी भी इस समस्या से राहत पाने मदद कर सकती है। पैंक्रियाटिक कैंसर डायट (Pancreatic Cancer Diet) में इसे शामिल करना न भूलें।
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हेल्दी फैट्स (Healthy fats)
फैट्स संपूर्ण हेल्थ के लिए जरूरी है। इनसे हमें एनर्जी मिलती है और शरीर के तापमान को सही रखने में भी यह मददगार है। हेल्दी फैट्स में मोनोअनसेचुरेटेड (Monounsaturated) और पॉलीअनसेचुरेटेड (Polyunsaturated) फैट्स शामिल हैं, जैसे :
पैंक्रियाटिक कैंसर, पैंक्रियास की ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन बनाने की क्षमता को कम कर सकता है, जिससे डायबिटीज हो सकती है। डायबिटीज पैंक्रियाटिक कैंसर के होने का एक रिस्क फैक्टर भी हो सकता है। अगर आपको पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज की समस्या है, तो आपको ऐसे आहार की जरूरत होगी, जो आपकी ब्लड शुगर लेवल को कम रखे। इसके लिए ऐसे विकल्पों को चुनें जो शुगर में कम हों और फायबर अधिक हो। जैसे प्लांट बेस्ड फूड फल, सब्जियां आदि। इसे साथ ही आपको कुछ चीजों से बिलकुल दूर रहना चाहिए। जानिए पैंक्रियाटिक कैंसर डायट में किन चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए
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पैंक्रियाटिक कैंसर डायट में किन खाद्य पदार्थों को शामिल न करें?
कुछ खाद्य पदार्थों को पचाना बहुत मुश्किल होता है। यही नहीं, इनके सेवन से न केवल लक्षण गंभीर हो सकते हैं, बल्कि आपको बदतर भी महसूस हो सकता है। ऐसे में ऐसे आहार का सेवन भी नहीं करना चाहिए, जिनसे लक्षण बढ़ें जैसे डायरिया या उल्टी आदि। जानिए इस समस्या में किस आहार का सेवन करने से बचना चाहिए:
- रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट (Red Meat and Processed Meat) : इन्हें पचाना बेहद मुश्किल होता है। इसलिए इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
- फैटी, तला हुआ और ग्रीसी आहार (Fatty, Fried and Greasy Food) : फैटी, तले हुए और ग्रीसी आहार के साथ ही हाय फैट फूड का सेवन करने से भी बचना चाहिए क्योंकि यह बैचेन करने वाले लक्षणों का कारण बन सकते हैं जैसे डायरिया और गैस आदि।
- एल्कोहॉल (Alcohol) : अधिक एल्कोहॉल का सेवन करने से पैंक्रियाटिक कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है या इसके लक्षण बदतर हो सकते हैं।
- शुगर और रिफायन्ड कार्बोहाइड्रेट्स (Sugar and Refined Carbohydrates) :अगर आपको ग्लूकोज इनटॉलेरेंस या अन्य कोई समस्या तो शुगर इंटेक के बारे में डॉक्टर से बात करें। कैंसर से पीड़ित बहुत से लोगो को सिम्पल कार्बोहायड्रेट्स या चीनी वाले आहार को पचाने में समस्या होती है। इसके साथ ही पैंक्रियाटिक कैंसर की समस्या में धूम्रपान करने से भी बचें।
द नेशनल पैंक्रियास फाउंडेशन (The National Pancreas Foundation) के अनुसार इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति कई बार कुछ भी खाने में समस्या महसूस करते हैं। हालांकि, जब रोगी ठीक भी हों, तब भी उसे लौ फैट फ़ूड का सेवन ही करना चाहिए। अगर रोगी ठीक महसूस नहीं कर रहा है तो कई बार अपने पैंक्रियास को रेस्ट दें और आहार की मात्रा को सीमित कर दें। डॉक्टर आपको इसके बारे में सही सलाह दे सकते हैं कि आपको कब, क्या और कितनी मात्रा में लेना है। पैंक्रियाटिक कैंसर डायट (Pancreatic Cancer Diet) के साथ ही कुछ अन्य चीजों का ध्यान रखें भी जरूरी है। यह चीजें इस प्रकार हैं।
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पैंक्रियाटिक कैंसर की स्थिति के लिए कुछ टिप्स (Tips for Pancreatic Cancer)
पैंक्रियाटिक कैंसर डायट (Pancreatic Cancer Diet) के साथ-साथ कुछ और सावधानियां बरतने की भी जरूरत हो सकती है, ताकि मरीज जल्दी ठीक हो सके। जानिए कौन सी हैं यह चीजें:
सही वजन को मेंटेन करें (Maintain Weight)
पैंक्रियाटिक कैंसर की स्थित में इसके उपचार में कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी आदि शामिल होती हैं। जिनसे रोगी का वजन बहुत कम हो सकता है। ऐसे में अधिक वजन कम न हो, इसके लिए आपका अपने वजन को मेंटेन रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में अपने आहार का खास ध्यान रखें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें (Stay Hydrated)
सही पैंक्रियाटिक कैंसर के साथ ही कैंसर के उपचार के पर्याप्त फ्लूइड का सेवन भी जरूरी है ताकि डिहाइड्रेशन न हो। इसके साथ ही कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से भी बचें।
बॉवेल हैबिट्स में बदलाव को नोटिस करें (Notice Bowel Habits)
पैंक्रियाटिक कैंसर और उपचार के कारण बॉवेल हैबिट्स में बदलाव आ सकता है जैसे डायरिया, कब्ज, ब्लोटिंग और गैस होना आदि। ऐसे में अगर आप अपनी बॉवेल हैबिट्स में कोई भी बदलाव नोटिस करें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
रिस्क के बारे में जानें
पैंक्रियाटिक कैंसर और इसके उपचार न्यूट्रिशन इश्यूज के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिसमें कुपोषण (Malnutrition) भी शामिल है। कुपोषण तब होता है जब प्रभावित व्यक्ति को सही न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता है या उनका शरीर उसे एब्सॉर्ब नहीं कर पाता है। जिससे हेल्थ कम्प्लीकेशन का जोखिम बढ़ता है। ऐसे में आपका वजन कम हो रहा हो या आपको कोई अन्य समस्याएं हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
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खाने के बाद करें इंतजार
खाना खाने के एकदम बाद न तो लेटें और न ही सोएं। क्योंकि, ऐसा करने से आपको हार्टबर्न जैसी समस्या हो सकती है। पैंक्रियाटिक कैंसर के सामान्य साइड इफेक्ट हैं हार्टबर्न, गैस, ब्लोटिंग आदि। इनसे बचने के लिए भी आपके चिकित्सक आपको सही राय दे सकते हैं।
विटामिन या सप्लीमेंट (Vitamin or Supplements)
कोई भी विटामिन या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि, कैंसर की कुछ दवाईयां या उपचार के तरीके इन विटामिंस या सप्लीमेंट्स के साथ इंटरेक्ट कर सकते हैं।
एक्टिव रहें
कैंसर की स्थिति में जितना सही पैंक्रियाटिक कैंसर डायट (Pancreatic Cancer Diet) को लेना और आराम करना जरूरी है, उतना ही जरुरी है एक्टिव रहना। इसलिए दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए भी निकालें। आप इस कैंसर के दौरान कौन सा व्यायाम कर सकते हैं, यह राय भी आप अपने डॉक्टर से ले सकते हैं।

तनाव से बचें
तनाव किसी भी समस्या को बदतर बना सकता है। ऐसे में तनाव से बचना जरूरी है। इसके लिए आप अपने परिवार और दोस्तों का सपोर्ट लें। योग और मेडिटेशन से भी आपको लाभ हो सकता है। अधिक समस्या होने पर डॉक्टरों की मदद लेना न भूलें। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है।
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यह तो थी पैंक्रियाटिक कैंसर डायट (Pancreatic Cancer Diet) के बारे में पूरी जानकरी। याद रखें, जिस आहार को आप इस दौरान चुनते हैं, वो कई चुनौतीपूर्ण लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। हेल्दी फ़ूड से आपको ऊर्जा से भरपूर रहने में भी मदद मिल सकती है। कौन सा आहार आपके लिए बेहतर है, इसके लिए आप डॉक्टर और डायटिशन की सहायता ले सकते हैं। सही उपचार, डॉक्टर की सलाह, पोषक तत्वों से भरपूर आहार और अन्य हेल्दी आदतों से न केवल आप इस समस्या से जल्दी रिकवर हो पाएंगे, बल्कि इससे आपके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।