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इससे जुड़े रिस्क फैक्टर कुछ इस प्रकार हैं (Risk factors of Pancreatic Neuroendocrine Tumor)
नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (National Cancer Institute) के अनुसार कोई भी ऐसी चीज, जिसके कारण बीमारी के बढ़ने का जोखिम होता है, उसे रिस्क फैक्टर कहा जाता है। रिस्क फैक्टर का यह अर्थ नहीं है कि आपको कैंसर होगा ही। लेकिन, इसका यह अर्थ भी नहीं है कि आपको कैंसर का खतरा नहीं है। अगर आपको लगता है कि आपको पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Pancreatic Neuroendocrine Tumor) का जोखिम हो सकता है, तो आप डॉक्टर से बात करें। मल्टीप्ल एंडोक्राइन नियोप्लास्टिक टाइप 1 (मेन1) सिंड्रोम पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का रिस्क फैक्टर है। पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर को बढ़ाने वाले रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- पुरुष (Male) : ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह ट्यूमर होने की संभावना अधिक होती है
- पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की पारिवारिक हिस्ट्री होना (Family History) : अगर आपके परिवार में यह समस्या है, तो आपको आपको भी यह ट्यूमर होने की संभावना अधिक होती है।
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पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Pancreatic Neuroendocrine Tumor)
पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Pancreatic Neuroendocrine Tumor) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी के लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी इस समस्या के निदान में सहायक हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
ब्लड टेस्ट (Blood Tests)
ब्लड टेस्ट से अधिक हॉर्मोन्स या पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के अन्य लक्षणों का पता चलता है।

यूरिन टेस्ट (Urine Tests)
यूरिन की जांच से उन ब्रेकडाउन प्रोडक्ट्स का पता चल सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हमारा शरीर हार्मोन प्रोसेस करता है।
इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging Tests)
इमेजिंग टेस्ट से डॉक्टर को पैंक्रियास में अब्नोर्मिलिटीज़ के बारे में पता चलता है। यह टेस्ट अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT Scan) और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) कोई भी हो सकता है। इमेजिंग, न्यूक्लीयर मेडिसिन टेस्ट्स (Nuclear Medicine Tests) से भी किए जा सकते हैं। जिसमें रोगी के शरीर में रेडियोएक्टिव ट्रेसर इंजेक्ट करना शामिल है।
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शरीर के अंदर से अपने पैंक्रियास की इमेज बनाना (Creating images of Pancreas)
इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड के दौरान एक पतली ट्यूब जिसके टिप पर कैमरा लगा होता है, उसे रोगी के गले के माध्यम से पेट और स्मॉल इंटेस्टाइन (Small Intestine) तक पास किया जाता है। पैंक्रियास की तस्वीर लेने के लिए खास अल्ट्रासाउंड टूल का भी प्रयोग किया जाता है।
टेस्टिंग के लिए सेल्स के सैंपल को कलेक्ट करने के लिए सर्जरी (Surgery)
कुछ मामलों में डॉक्टर टेस्टिंग (बायोप्सी) के लिए टिश्यू का नमूना प्राप्त करने के लिए मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (Minimally Invasive Surgery की सलाह दे सकते हैं। लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) के दौरान सर्जन पेट में कई छोटे चीरे लगाते हैं। जिसके माध्यम से छोटा और खास कमरा इंसर्ट किया जा सके। इसके बाद डॉक्टर कैंसर की जांच सकते हैं और टिश्यू सैंपल को कलेक्ट कर सकते हैं।
टेस्टिंग के लिए अन्य भागों से सेल्स कलेक्ट करना (Collecting Cells for Testing)
यदि कैंसर आपके लीवर, लिम्फ नोड्स या अन्य स्थानों में फैल गया है, तो जांच के लिए कोशिकाओं को इकट्ठा करने के लिए एक सुई का उपयोग किया जा सकता है। अब जानते हैं इसके उपचार के बारे में।
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पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का उपचार (Treatment of Pancreatic Neuroendocrine Tumor)
पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Pancreatic Neuroendocrine Tumor) का उपचार इसके प्रकार, टेस्ट रिजल्ट, क्या यह ट्यूमर कैंसर है और कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। इस उपचार का उद्देश्य रोगी को ठीक करना, ट्यूमर या कैंसर को कंट्रोल करना और ट्यूमर या कैंसर के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करना आदि है। रोगी अपने ट्रीटमेंट विकल्पों, उपचार के उद्देश्य और इससे जुड़े रिस्क्स के बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य जान ले। कैंसर के उपचार का प्रकार लोकल और सिस्टमिक हो सकते हैं। लोकल ट्रीटमेंट कैंसर सेल को रिमूव, नष्ट और कंट्रोल करना है। सर्जरी और रेडिएशन लोकल ट्रीटमेंट है।
सिस्टमिक ट्रीटमेंट का प्रयोग कैंसर सेल्स को नष्ट करना और कंट्रोल करना है, जो शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। पिल्स, इंजेक्शन,कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी सिस्टमिक ट्रीटमेंट है। रोगी को एक या अधिक ट्रीटमेंट के मेल दिया जा सकता है। अगर ट्यूमर को रिमूव किया जा सकता है, तो इसके लिए सर्जरी सबसे सामान्य उपचार है।.सर्जरी का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कितना बड़ा है और पैंक्रियास में कहां है? इससे आसपास के टिश्यूज जैसे पैंक्रियास, पेट, स्मॉल इंटेस्टाइन, लिवर के भागों को भी रिमूव करना पड़ सकता है। जो ट्यूमर सर्जरी से रिमूव नहीं किए जा सकें या जो शरीर के अन्य भागों में फैल गए हैं, तो उस ट्यूमर को शरिंक करने, नष्ट करना या लक्षणों को कंट्रोल के लिए अन्य उपचारों का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे:
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- हॉर्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)
- टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy)
- रेडियोफ्रीक्वेंसी अबलेशन (Radiofrequency Ablation)
- क्रायोसर्जरी अबलेशन (Cryosurgical Ablation)

क्या पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से बचाव संभव है? (Prevention of Pancreatic Neuroendocrine Tumor)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Pancreatic Neuroendocrine Tumor) से बचाव संभव नहीं है। इससे बचने के लिए आप यही कर सकते हैं कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अगर आपको कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। MEN1 सिंड्रोम वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। उनमें इस रोग के विकसित होने का अधिक खतरा होता है। इससे बचने के लिए सही खाएं, व्यायाम करें, तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें।
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पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Pancreatic Neuroendocrine Tumor) सामान्य पैंक्रियाटिक कैंसर से अलग है। क्योंकि, यह ट्यूमर धीरे-धीरे विकसित होता है। कई बार इन्हें विकसित होने में सालों लग जाते हैं। हालांकि, उपचार से इन ट्यूमर से बचाव संभव है। इस ट्यूमर से पूरी तरह से रिकवर होने का सबसे बेहतर तरीका है सर्जरी। सर्जरी से इसे पूरी तरह से रिमूव किया जा सकता है। इसके साथ ही रोगी को अपना पूरा ध्यान रखना होगा और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना भी जरूरी है। डॉक्टर के साथ ही अपने परिवार, दोस्तों और अन्य करीबी लोगों का सपोर्ट भी आपको जल्दी स्वस्थ होने में मदद करेगा।