बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder)
मानसिक स्वास्थ्य समस्या (Mental Health Issues) मनुष्य को निराशा से भर देती हैं। इन्हीं में से अगला है बायपोलर डिसऑर्डर। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमे रोगी कई हफ़्तों या महीनों तक बहुत अधिक दुःख या खुशी महसूस कर सकते हैं। यह बीमारी सौ में से एक व्यक्ति में जीवन में कभी न कभी देखी जा सकती है। इस डिप्रेशन को बायपोलर अफेक्टेड डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस समय से पीड़ित व्यक्ति अपने एनर्जी लेवल, एक्टिविटीज के लेवल आदि में अचानक फर्क महसूस करता है। बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के भी कई प्रकार होते हैं जैसे:
बायपोलर I (Bipolar Disorder I)– यह एक तरह का गंभीर बायपोलर डिसऑर्डर है। इसमें रोगी को अस्पताल जाने की भी जरूरत हो सकती है। इसमें कभी कभी मेनिया (Mania) और डिप्रेशन (Depression ) दोनों के लक्षण एक साथ देखने को मिलते हैं।
बायपोलर II डिसऑर्डर (Bipolar Disorder II) – इस डिसऑर्डर में बायपोलर I के जैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं I यह कम गंभीर बायपोलर डिसऑर्डर्स में से एक है। इसमें कम से कम एक डिप्रेसिव एपिसोड शामिल होता है, जो कम से कम दो सप्ताह तक चलता है और कम से कम एक हाइपोमोनिक एपिसोड कम से कम चार दिन तक रहता है।
साइक्लोथाइमिया डिसऑर्डर (Cyclothymia Disorder) – यह डिसऑर्डर बायपोलर डिप्रेशन का गंभीर रूप है। इस दौरान पीड़ित लोग मूड स्विंग का अनुभव करते हैं।
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सिजोफ्रेनिया विकार (Schizophrenia disorder)
डॉक्टर अभी इस बात का शोध कर रहे हैं कि सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक अकेला विकार है या बीमारियों का समूह है। माना जाता है कि इस समस्या के लक्षण आमतौर पर 16 से 30 साल की उम्र के बीच दिखाई देते हैं। इसके नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे सकारात्मक लक्षणों में भ्रम, थॉट डिसऑर्डर और वजन। नकारात्मक लक्षणों में मोटिवेशन की कमी या अनुचित मूड शामिल है।
स्ट्रेस रिस्पांस सिंड्रोम (Stress Response Syndrome):
स्ट्रेस रिस्पांस सिंड्रोम को एडजस्टमेंट डिसऑर्डर्स (adjustment disorders) भी कहा जाता है यह सिंड्रोम तब होता है जब किसी व्यक्ति में किसी तनावपूर्ण घटना या स्थिति के जवाब में भावनात्मक या व्यवहार संबंधी लक्षण विकसित होते हैं। इन तनावों में प्राकृतिक आपदाएं शामिल हो सकती हैं, जैसे भूकंप या बवंडर; घटनाएं या संकट, जैसे कार दुर्घटना या बड़ी बीमारी का निदान; या पारस्परिक समस्याएं, जैसे तलाक, किसी प्रियजन की मृत्यु, नौकरी छूट जाना या मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या आदि। इसका कोई खास उपचार नहीं है, लेकिन यह समस्या होने पर आपको अपने तनाव को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाने चाहिए। डॉक्टर आपको थेरेपी और कंसल्टेशन की सलाह भी दे सकते हैं।
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इटिंग डिसऑर्डर्स (Eating Disorders)
इटिंग डिसऑर्डर्स वो बीमारियां हैं जिसमें लोग अपने ईटिंग बेहेवियर और संबंधित विचारों और भावनाओं में गंभीर गड़बड़ी का अनुभव करते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है जो आपके स्वास्थ्य, भावनाओं और अन्य चीजों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। सबसे सामान्य इटिंग विकार हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa), बुलिमिया नर्वोसा (bulimia nervosa) आदि।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (Mental Health Issues) से बचने और राहत पाने के उपाय
मानसिक स्वास्थ्य समस्या (Mental Health Issues) या मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम क्या होती है। यह तो आप जान ही गए होंगे, लेकिन इनसे बचने और जल्दी स्वस्थ होने के लिए आपको सबसे पहले इनके लक्ष्यों को पहचानना जरूरी है। अगर आप इन लक्षणों को या लक्षणों में बदलाव महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इनसे राहत पाने के टिप्स इस प्रकार हैं: