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नवजात में ब्रिदिंग डिसऑर्डर के प्रकार (Types of infant breathing disorders)
नवजात में फेफड़ों के विकास से संबंधित कई तरह के ब्रिदिंग डिसऑर्डर होते हैं। आमतौर पर यह समस्या जन्म के समय ही होती, जब बच्चे का जन्म फेफड़ों (lungs) का पूरा विकास होने के पहले ही हो जाता है। नवजात को होने वाले ब्रिदिंग डिसऑर्डर में शामिल है-
निमोनिया (Pneumonia)
यदि बच्चे का जन्म प्रीमैच्योर (premature) हुआ है और उनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हुए है तो, शिशु को निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। समय से पहले जन्मे बच्चों का इम्यून सिस्टम भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है, इसलिए वह संक्रमण के प्रति भी अधिक संवेदनशील होते हैं। सांस संबंधी समस्या के कारण उन्हें वेंटीलेटर (ventilators) या एनआईसीयू (NICU) में भी रखा जा सकता है, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
मेकोनियम एस्पीरेशन (Meconium aspiration)
मेकोनियम शिशु का पहला मल होता है, जो कभी-कभी वह गर्भ में ही हो जाता है। यह संभव है कि जन्म के तुरंत बाद मेकोनियम सांस के जरिए उसके फेफड़ों तक पहुंच जाए, जिसकी वजह से संक्रमण या फेफड़ों में सूजन (lung inflammation) की समस्या हो सकती है। मेकोनियम एस्पीरेशन (Meconium aspiration) या इंफेक्शन की वजह से निमोनिया भी हो सकता है। मेकोनियम एस्पीरेशन प्रीमैच्योर शिशुओं की तुलना में समय पर जन्में या समय के बाद जन्में बच्चों में आम होता है।
रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Respiratory distress syndrome)
इस समस्या के कारण नवजात ठीक से सांस नहीं ले पाता है। यह समस्या मुख्य रूप से फेफड़ों में चिकने पदार्थ (slippery substance) की कमी से होता है, जिसे सर्फैक्टेंट (surfactant) कहते हैं। यह पदार्थ फेफड़ों को हवा भरने में मदद करता और यह लंग्स के पूरी तरह विकसित होने के बाद ही मौजूद रहता है। इस समस्या के कारण बच्चे के सांस लेने में दिक्कत होती है। निम्न कारणों से भी यह समस्या हो सकती है-
ब्रोंकोपलमनरी डिस्प्लेसिया (Bronchopulmonary dysplasia)
समय 10 हफ्ते पहले जन्में बच्चों में ब्रोंकोपलमनरी डिस्प्लेसिया (bronchopulmonary dysplasia) का जोखिम अधिक होता है। दरअसल, प्रीमैच्योर बच्चों के लंग डेवलपमेंट (lung development) के लिए दी जाने वाली थेरेपी की वजह से यह समस्या हो सकती है।
नवजात में ब्रिदिंग डिसऑर्डर का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of infant breathing disorders)
शिशु में दिखने वाले लक्षणों और संकेतों के आधार पर डॉक्टर इसका निदान करता है। इसके अलावा कई तरह के टेस्ट भी हैं जिनके आधार पर डॉक्टर बच्चे में ब्रिदिंग डिसऑर्डर (breathing disorders) का पता लगता है। डॉक्टर आपको निम्न टेस्ट की सलाह दे सकता है-