कैसे बनाएं
- दाल को धो कर उसमे नमक और हल्दी डाल दें।
- अब कुकर में पानी डाल कर इस दाल को उबाल लें।
- एक अन्य बरतने में घी डालें। इसमें जीरा डालने के बाद उबली हुई डाल उसमे डाल कर कुछ देर पका लें।
3) टमाटर और गाजर का सूप (Tomato and Carrots Soup)
टमाटर और गाजर का सूप से बच्चे को विटामिन (Vitamin) अच्छी मात्रा में मिलेगा।
सामग्री
- गाजर और टमाटर -1
- प्याज और लहसुन कटा हुआ- आधी कटोरी
- घी- एक चम्मच
- जीरा और नमक- स्वादानुसार
- पानी- एक कटोरी
कैसे बनाएं
- सब्जियों को धो कर छोटे टुकड़ों में काटे। टमाटर की स्किन भी निकाल दें।
- एक कुकर में घी गर्म करें और उसमे जीरा डाल दें।
- अब इसमें प्याज और लहसुन डाल कर फिर से उसे पकाएं।
- अब गाजर और टमाटर भी डाल दें। अंत में नमक डालें।
- इसे पका लें और उसके बाद छान लें। आपका सूप तैयार है।
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शिशु की देखभाल (Baby Care) करने के तरीके कौन से हैं?
मालिश (Massage)
शिशु की देखभाल (Baby Care) में मालिश का भी महत्वपूर्ण स्थान है। मालिश करने से न केवल मां और बेबी (Mother and Baby) के बीच का रिश्ता मजबूत होता है बल्कि उसको स्वस्थ्य संबंधी भी कई लाभ होते हैं, जैसे:
मालिश कैसे करें
- किसी आरामदायक जगह पर बेड पर या नीचे किसी कारपेट पर बैठ जाएं।
- बेबी (Baby) को अपने सामने एक तौलिये के ऊपर लेटा दें।
- अब बेबी (Baby) को मालिश के लिए तैयार करें। उससे बातें करें, उसे कोई कविता या गाना सुनाएं।
- तेल को अपने हाथों में लें और बेबी (Baby) के सिर पर डाल दें।
- आराम से उसकी मालिश करते हुए इस तेल को पूरे सिर पर फिला दें।
- बेबी के सिर के कोमल हिस्से पर अधिक दबाव न बनाएं।
- ऐसे ही अपने बच्चे के सिर, चेहरे, पीठ, छाती, पेट, पैरों और टांगों की मालिश करें।
नहलाना (Bathing)
यह अपने बेबी (Baby) के साथ समय बिताने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। बच्चे को नहलाते हुए बहुत ध्यान रखना पड़ता है, जैसे:
- बच्चे को नहलाने वाले पानी और जगह का तापमान एकदम सही होना चाहिए।
- बच्चे को बहुत आराम से पकड़ें क्योंकि इस दौरान बच्चे का शरीर फिसलन भरा हो जाता है।
- बेबी (Baby) की सभी जरूरी चीजें एक ही स्थान पर होनी चाहिए।
कैसे नहलाएं
- बेबी (Baby) को नहलाने से पहले अपने हाथ अच्छे से धोएं और बच्चे के टब को पानी से भर दें।
- बच्चे के कपडे उतारे और एक कुशन या मोटे तौलिये को अपनी आसपास के तल पर रख कर बच्चे को उस पर लेटा दें।
- आराम से बच्चे की आंखों, चेहरे, कान आदि को साफ करें।
- अब बच्चे को अच्छे से पकड़ कर उसके सिर को पानी से गीला करें।
- शैंपू अपने हाथों पर डालें और बच्चे के सिर पर सर्कुलर मोशन में लगा दें।
- ऐसे ही बच्चे के पूरे शरीर को साबुन लगा कर साफ कर दें और बाद में बच्चे को अच्छे से सूखा कर उसे कपडे पहना दें।

डायपर रैश (Diaper Rash)
डायपर रैश त्वचा के सूज जाने का एक सामान्य रूप है। जो बच्चे के बॉटम पर चमकदार लाल त्वचा के पैचवर्क के रूप में दिखाई देता है। डायपर रैश की समस्या अक्सर गीले डायपर, किसी चीज से इंफेक्शन या त्वचा की संवेदनशीलता से संबंधित होती है। अगर शिशु को डायपर रैश हों तो ऐसे करें शिशु की देखभाल (Baby Care)।
- बच्चे का डायपर को बार- बार बदलें
- जब भी डायपर बदलें, बेबी (Baby) के बॉटम को गर्म पानी से साफ करें।
- अल्कोहल या खुशबु वाले वाइप्स का प्रयोग न करें।
- बच्चे की त्वचा को गीला न रखें।
- अधिक टाइट डायपर न पहनाएं।
- जितना अधिक समय हो बच्चे को बिना डायपर के ही रहने दें।
- दवाई लगाएं।
बच्चे को सुलाना (Sleeping)
छोटे बच्चे एक दिन में कम से कम दस से अठारह घंटे सोते हैं। सोना बच्चे के स्वास्थ्य और ग्रोथ (Baby Health and Growth) के लिए बहुत जरूरी है। जानिए बच्चे को सुलाते हुए कैसे करें शिशु की देखभाल (Baby Care)।
- अपने बच्चे के सोने के संकेतों को समझें।
- बच्चे के सोने की दिनचर्या बनाएं, ताकि वो रोज एक ही समय पर सोये।
- सोते हुए उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
- जिस जगह या कमरे में उसे सुला रहे हैं वो बिलकुल शांत और अंधेरा हो और वहां का तामपान भी सही हो।
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अगर बेबी प्रीमैच्योर (Premature Baby) है तो उस शिशु की देखभाल (Baby Care) कैसे करें?
प्रीमैच्योर शिशु (Premature Baby) को खास देखभाल की जरूरत होती है, जानिए इस बारे में:
स्पेशल डायट
- अगर आपका बेबी प्रीमैच्योर है, तब भी ब्रेस्ट मिल्क उसके लिए सबसे अच्छा आहार है। यदि आपका बच्चा अभी तक दूध पीने के लिए तैयार नहीं है तो आपके बेबी (Baby) को एक ट्यूब के माध्यम से फीड कराया जा सकता है।
- अभी आपका बच्चा ठीक नहीं है और बहुत छोटा है, तो आपको एकदम उसे ब्रेस्टमिल्क (Breastfeed) देने की सलाह नहीं दी जाएगी। ऐसे में एक्सप्रेसिंग मिल्क दिया जाता है।
- हालांकि, प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature baby) के लिए भी ब्रेस्ट मिल्क सबसे अच्छा है। लेकिन, उन्हें ग्रोथ के लिए विटामिन और मिनरल की भी जरूरत पड़ती है।ऐसे में प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) को सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
- यही नहीं, प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) के लिए खासतौर पर फार्मूला दूध भी बनाया गया है ताकि, उन्हें सभी पोषक तत्व मिलें।
स्पेशल केयर
प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) को अगर इंफेक्शन हो, तो उनका ट्रीटमेंट एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। अगर उन्हें सांस लेने में समस्या हो तो उन्हें वेंटीलेटर (Ventilator) या एक्स्ट्रा ऑक्सीजन से सपोर्ट दी जाती है। इन बच्चों को निओनेटल इंटेंसिव केयर (Neonatal intensive care) में रखा जाता है।

घर पर एक प्रीमैच्योर शिशु (Premature Baby) की देखभाल (Baby Care) कैसे करें:
- जिस जगह पर बेबी (Baby) हो, उस जगह का तापमान सही होना चाहिए
- नहलाते हुए खास सुरक्षा का ख्याल रखें।
- लोगों को अपने घर आने या बच्चे को कहीं ले जाने से बचे।
- कंगारू केयर (Kangaroo Care) के साथ ब्रेस्टफीडिंग कराएं।
- किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें, कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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बेबी (Baby) के जन्म के बाद मां की जिम्मेदारियां कम नहीं होती बल्कि बढ़ जाती हैं। लेकिन, अपने शिशु की देखभाल (Baby Care) करना मां के लिए एक सुन्दर सपने की तरह होता है। ऐसे में, कुछ चीजों का ध्यान रख कर आप इन खूबसूरत पलों को हमेशा अपनी यादों में समेट का रख सकती हैं। बेबी (Baby) से जुडी कोई भी परेशानी या चिंता होने पर डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह लेना न भूलें।