- बच्चे का डायपर को बार- बार बदलें
- जब भी डायपर बदलें, बेबी (Baby) के बॉटम को गर्म पानी से साफ करें।
- अल्कोहल या खुशबु वाले वाइप्स का प्रयोग न करें।
- बच्चे की त्वचा को गीला न रखें।
- अधिक टाइट डायपर न पहनाएं।
- जितना अधिक समय हो बच्चे को बिना डायपर के ही रहने दें।
- दवाई लगाएं।
बच्चे को सुलाना (Sleeping)
छोटे बच्चे एक दिन में कम से कम दस से अठारह घंटे सोते हैं। सोना बच्चे के स्वास्थ्य और ग्रोथ (Baby Health and Growth) के लिए बहुत जरूरी है। जानिए बच्चे को सुलाते हुए कैसे करें शिशु की देखभाल (Baby Care)।
- अपने बच्चे के सोने के संकेतों को समझें।
- बच्चे के सोने की दिनचर्या बनाएं, ताकि वो रोज एक ही समय पर सोये।
- सोते हुए उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
- जिस जगह या कमरे में उसे सुला रहे हैं वो बिलकुल शांत और अंधेरा हो और वहां का तामपान भी सही हो।
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अगर बेबी प्रीमैच्योर (Premature Baby) है तो उस शिशु की देखभाल (Baby Care) कैसे करें?
प्रीमैच्योर शिशु (Premature Baby) को खास देखभाल की जरूरत होती है, जानिए इस बारे में:
स्पेशल डायट
- अगर आपका बेबी प्रीमैच्योर है, तब भी ब्रेस्ट मिल्क उसके लिए सबसे अच्छा आहार है। यदि आपका बच्चा अभी तक दूध पीने के लिए तैयार नहीं है तो आपके बेबी (Baby) को एक ट्यूब के माध्यम से फीड कराया जा सकता है।
- अभी आपका बच्चा ठीक नहीं है और बहुत छोटा है, तो आपको एकदम उसे ब्रेस्टमिल्क (Breastfeed) देने की सलाह नहीं दी जाएगी। ऐसे में एक्सप्रेसिंग मिल्क दिया जाता है।
- हालांकि, प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature baby) के लिए भी ब्रेस्ट मिल्क सबसे अच्छा है। लेकिन, उन्हें ग्रोथ के लिए विटामिन और मिनरल की भी जरूरत पड़ती है।ऐसे में प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) को सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
- यही नहीं, प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) के लिए खासतौर पर फार्मूला दूध भी बनाया गया है ताकि, उन्हें सभी पोषक तत्व मिलें।
स्पेशल केयर
प्रीमैच्योर शिशुओं (Premature Baby) को अगर इंफेक्शन हो, तो उनका ट्रीटमेंट एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। अगर उन्हें सांस लेने में समस्या हो तो उन्हें वेंटीलेटर (Ventilator) या एक्स्ट्रा ऑक्सीजन से सपोर्ट दी जाती है। इन बच्चों को निओनेटल इंटेंसिव केयर (Neonatal intensive care) में रखा जाता है।
घर पर एक प्रीमैच्योर शिशु (Premature Baby) की देखभाल (Baby Care) कैसे करें:
- जिस जगह पर बेबी (Baby) हो, उस जगह का तापमान सही होना चाहिए
- नहलाते हुए खास सुरक्षा का ख्याल रखें।
- लोगों को अपने घर आने या बच्चे को कहीं ले जाने से बचे।
- कंगारू केयर (Kangaroo Care) के साथ ब्रेस्टफीडिंग कराएं।
- किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें, कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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बेबी (Baby) के जन्म के बाद मां की जिम्मेदारियां कम नहीं होती बल्कि बढ़ जाती हैं। लेकिन, अपने शिशु की देखभाल (Baby Care) करना मां के लिए एक सुन्दर सपने की तरह होता है। ऐसे में, कुछ चीजों का ध्यान रख कर आप इन खूबसूरत पलों को हमेशा अपनी यादों में समेट का रख सकती हैं। बेबी (Baby) से जुडी कोई भी परेशानी या चिंता होने पर डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह लेना न भूलें।