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कोलिक के लक्षण
बहुत अधिक रोना, नियमति स्तनपान की आदतों में बदलाव, पेट फूलना और सूजन, नींद की कमी आदि। इसके अलावा भी अन्य लक्षण दिख सकते हैं।
कोलिक बेबी को कैसे शांत करें?
गर्भ के वातावरण से बाहर एकदम बदले माहौल में आने और लगातार स्तनपान कराने की वजह से शिशु कोलिकी हो जाते हैं। बच्चे को शांत करने के लिए उन्हें वैसा ही माहौल प्रदान करें जैसा की गर्भ के अंदर रहता है। इन पांच तरीकों को आजमाकर आप ऐसा आसानी से कर सकती हैं।
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लपेटना
बच्चे के हाथ को नीचे करें और उसे कपड़े से अच्छी तरह लपेटकर रखें, जिससे नवजात को वैसे ही स्पर्श और सपोर्ट का एहसास होगा जैसा गर्भ में होता है।
करवट या पेट के बल सुलाना
जब आपका शिशु रोने लगे तो धीरे से उसे एक तरफ या पेट के बल लिटाएं। इससे पाचन में मदद मिलती है और शिशु शांत होता है। जब वह सो जाए तो उसे सीधा करके सुलाएं।
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सरसराहट की आवाज करें
दरअसल, गर्भ की धमनियों में रक्त प्रवाह के दौरान सरसराहट की आवाज आती है, ऐसे में जब आप ऐसी आवाज निकालती हैं तो बच्चे को वही फीलिंग आएगी जो गर्भ में आती है और वह शांत हो जाएगा। शुरू में आप तेज आवाज निकालें, लेकिन शिशु के शांत हो जाने पर आप आवाज धीमी कर सकते हैं। अचानक से आई शांति शिशु को आराम देती है।
सक्लिंग (चूसना)
ब्रेस्टफीड के दौरान जब बच्चा दूध पीता है तो उसकी आवाज बहुत सुकून और शांति प्रदान करती है और इसका शिशु के नर्वस सिस्टम पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए शिशु तुरंत शांत हो जाता है। इसलिए यदि कभी आपको लगे कि शिशु पेट दर्द की वजह से रोने वाला है तो उसे उठाकर अपने ब्रेस्ट के पास ले आएं।
झुलाना
बहुत से शिशु को रॉकिंग मोशन पंसद आता है यानी उन्हें झूला झुलाना, उछालना आदि। बच्चे को शांत करने के लिए उन्हें गोद में लेकर थोड़ा उछल-कूद कराते रहें या हाथों का झूला बनाकर झुलाएं।
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नवजात शिशु का रोना कब सामान्य होता है?
सामान्य तौर पर देखा जाए, तो नवजात शिशु का रोना काफी सामान्य हो सकता है। एक नवजात बच्चा औसतन एक दिन में कम से कम दो से तीन घंटे रोता है। जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- नवजात शिशु को भूख लगना, प्यास लगना, नींद से जागना, डर जाना या फिर किसी प्रकार का शरीर में अंदरूनी या बाहरी तौर पर कोई दर्द होना। आपने गौर भी किया होगा कि जन्म के पहले हफ्ते नवजात शिशु बहुत ज्यादा रोते हैं, लेकिन, धीरे-धीरे नवजात शिशु का रोना अपने आप ही कम होने लगता है। जोकि एकदम सामान्य है। हालांकि, इन सबसे अलग अगर किसी दिन आपका नवजात बच्चा बहुत ज्यादा रोता है या उसके रोने के तरीके में कुछ बदलाव होता है, तो उसे किसी अन्य तरह की समस्या हो सकती है जिसके लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।