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इस उम्र में बच्चों को दोस्त चाहिए होते हैं। दोस्तों का साथ रहना इसलिए भी जरूरी है, ताकि वह तेजी से विकास करें। अगर आपका बच्चा इस उम्र में आपकी जगह अपने दोस्तों के साथ खेलना पसंद करता है तो इसे बेवजह न लें। हो सकता है कि आपका बच्चा किसी दिन सिर्फ यह कहे कि मां नहीं बल्कि पापा मुझको बेडटाइम स्टोरी सुनाएंगे। अगर बच्चे की मां रोजाना बेबीसिटर को बुलाती हैं और किसी दिन अचानक पापा ऐसा करते हैं तो बच्चे को थोड़ा अजीब लग सकता है। दरअसल, बच्चों को फॉलो करने की आदत हो जाती है इसलिए अगर उसका वही काम पहले मां करती थी और अचानक पापा करने लगते हैं तो बच्चा असहज हो जाता है।
मान लें, आप अपने बच्चे को छोड़कर अकेले कहीं घूमने चले जाएं तो आपके बच्चे को अकेलेपन का एहसास होगा। आपका बच्चा इस तरह से आप से कह सकता है कि “सच में मैंने आपको बहुत मिस किया और यह मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। आप दोबारा ऐसा करेंगे तो मैं डर जाऊंगा। ”
प्री-स्कूल के बच्चों में कल्पना और वास्तविकता के बीच की लाइन काफी धुंधली होती है जिसकी वजह से उनमें झूठ बोलने की प्रवृत्ति जन्म ले सकती है। अगर आपका बच्चा भी कभी झूठ बोलता है तो आपको इस बात को समझना होगा कि उसका इरादा आपसे झूठ बोलना नहीं है, बल्कि हो सकता है कि वो कुछ छुपाने के लिए ऐसा कर रहा हो।
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अगर आप बच्चे के साथ चाय पार्टी, ब्लॉक-बिल्डिंग जैसे गेम खेलकर बोर हो गए हैं तो आपको एक बार फिर से सोचने की जररूत है। यदि आप बच्चे के साथ नहीं खलेंगे तो उसे अकेले ही खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से आपके बच्चे का दिमाग ज्यादा तेजी से विकास करेगा और वह स्वतंत्र महसूस कर पाएगा। इसके अलावा विकल्पों की तलाश करें जो वो आपके बिना कर सकता है, जैसे-खाना पकाना या बागवानी करना, बाहर खेलना या सैर करना। कई बार देखा गया है कि जब आप काम करते हैं तो आपका बच्चा आपकी गतिविधियों की नकल करता है। उदाहरण के लिए, अपने स्वयं के “डेस्क” या “रसोई घर” में वो वही चीजें दोहराने की कोशिश करता है जो आप कर रहे हैं।
इस उम्र में बच्चे कुछ ऐसी गतिविधि करते हैं, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि मानो वह अपने माता-पिता को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हों। हालांकि, ऐसा होता नहीं है। इस उम्र में बच्चे अक्सर दीवार पर पेंटिंग करते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही करता है और इससे आपको परेशानी होती है तो आपको बच्चे को डांटने की जरूरत नहीं बल्कि उसे समझाने की जरूरत है कि क्रेयॉन किताबों और कागज को रंगने के लिए होते हैं। इनको दीवारों पर नहीं चलाना चाहिए।
अधिकांश बच्चे दो और तीन साल की उम्र के बीच एक तिपहिया साइकिल चलाने में मास्टर बन जाते हैं। इस उम्र में साइकिल चलाने से आपके बच्चे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह पैरों को पैडल पर कैसे मैनेज किया जाता है यह आसानी से सीख लेता है। प्लास्टिक से बने लो-स्लंग मॉडल के साथ शुरू करने से आपके बच्चे पैरों को हिलाने में मदद कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आपका बच्चा तिपहिया वाहन तो आसानी से चला सकता है लेकिन, उसे दोपहिया वाहन के लिए आवश्यक संतुलन और समन्वय नहीं होगा।
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अगर आपका बच्चा कई लोगों और खिलौनों के साथ खेलता है उसे बैक्टीरिया से दूर रखना कठिन नहीं बल्कि नामुमकिन सा काम लगता है। कई बार बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण बच्चे को पेट दर्द, खांसी, दाने, उल्टी और यहां तक कि बुखार आसानी से हो सकता है। हो सकता है कि आपको ये लक्षण मालूम हो लेकिन, इनके पीछे के कारण को नहीं जान पाते हैं। अगर बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चे की देखभाल करने वालों के लिए भी वैक्सीन लेना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा करने से बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित रह सकता है। टीका लगने के बाद हल्का बुखार होना सामान्य है लेकिन, इसके अलावा किसी अन्य तरह की परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चे की इस उम्र के पड़ाव में आपको इस बात की चिंता होनी चाहिए कि उसको सभी तरह के टीके लग गए हों। क्या फ्लू का सीजन आ गया है? अमूमन देखा जाता है कि हर साल अक्टूबर से मई के महीने में फ्लू ज्यादा बढ़ने की संभावना रहती है क्योंकि यही वो दौर होता है जब मौसम बदलता रहता है। अक्टूबर से जनवरी तक तेज सर्दी होती है और फिर गर्मी में चलने वाली लू बच्चों को परेशान करती है। अपने डॉक्टर से बच्चों को सभी तरह के फ्लू के टीके लगवा लें ताकि वह बीमार न पड़ें। निम्नलिखित बातें आपको जानने की आवश्यकता हैं-
इस उम्र में देखा जाता है कि बच्चा रात में नींद पूरी करने के दौरान बीच में कई बार जग जाता है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वह खुद इस बात को सीखें कि दोबारा कैसे सोना है। हो सकता है कि इस दौरान वह कुछ नया आजमा सके। बच्चे को अच्छी नींद लेने में ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं-
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