शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं?
शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन की आदत के कारण बच्चे के स्वास्थ्य में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
मोटापे (Obesity) की समस्या
अक्सर, कई माता-पिता सोचते हैं कि बच्चों में मोटापे (Obesity) का सबसे बड़ा कारण जंक फूड होता है, लेकिन बता दें कि शिशु में चीनी की मात्रा भी मोटापे का एक कारण बन सकती है। अक्सर बचपन में ही उम्र के मुकाबले बहुत ज्यादा वजनदार बच्चे होने से उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा रहता है। जो बढ़ती उम्र के साथ ही और भी ज्यादा गंभीर हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानें, तो जन्म के बच्चों के दांत मीठे होते हैं। यही वजह है कि बच्चे पहली बार में ही मीठी चीजों के प्रति आदी हो जाते हैं। भारत समेत अमेरिका जैसे कई बड़े विकासशील और विकसित देशों में बच्चों में मोटापे की समस्या अधिक देखी जा रही है। अगर किसी बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI 95 प्रतिशत से अधिक होता है, तो उसे मोटापे से ग्रस्त मानते हैं। अगर आप अपने बच्चे के बॉडी मास इंडेक्स के बारे में नहीं जानते हैं, तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में परामर्श कर सकते हैं। साथ ही, हमारे बॉडी माक्स इंडेक्स टूल की मदद से आप अपने बच्चे का BMI पता कर सकते हैं। अपने बच्चे का BMI पता करने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
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जानिए शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन और मोटापे की समस्या के कनेक्शन पर आंकड़ों का हाल
साल 2015 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि हर कोई, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, उन्हें अपने आहार में सभी कैलोरी का 10 फीसदी से भी कम हिस्से में चीनी का सेवन करना चाहिए। खासकर बच्चों के लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक बच्चों को एक दिन में लगभग 45 ग्राम से कम मात्रा या इससे भी कम मात्रा में चीनी का सेवन करना चाहिए। शोध में पाया गया कि अधिकतर माता-पिता चीनी के तौर पर सिर्फ कैंडी (Candy) या चॉकलेट (Chocolate) जैसे खाद्य पदार्थ ही आंकते हैं। शोध में 75 फीसदी से भी अधिक माता-पिता ने माना कि वो अपने बच्चे के खाद्य पदार्थों में कुकीज, ड्रिंक जैसे चीनी युक्त खाद्य पदार्थों की गणना नहीं करते हैं।
दांतों की समस्या (Tooth problem)
यह बात काफी आम है कि अत्यधिक मीठा खाने की वजह से दांत जल्दी सड़ने लगते हैं। हालांकि, कई बार शरीर में जरूरी कुछ कैल्शियम की कमी के कारण भी दांतों में कैविटी की समस्या (Cavity problem) शुरू हो सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो हमारे मुंह में बैक्टीरिया होते हैं जो पट्टिका बनाते हैं और जब हमारे पास शुगर युक्त भोजन और पेय होते हैं, तो पट्टिका में बैक्टीरिया चीनी को एसिड के रूप में बदल देता है, जो दांतों में कैविटी पैदा करने लगता है। एक दिन में लगभग 105 बच्चे अस्पताल में अपने खराब दांत निकलवाते हैं और इससे भी अधिक की संख्या में बच्चे नए दांत लगवाने आते हैं।
डायबिटीज की समस्या (Diabetes problem)
अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त बच्चों और वयस्कों में टाइप -2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), हृदय रोग (Heart disease) और कुछ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 10 से 11 साल के बच्चों में गंभीर मोटापे की समस्या आधुनिक दौर में सबसे अधिक देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग हर 10वां बच्चा 18 साल का होने से पहले ही अधिकतम अनुशंसित चीनी का की मात्रा का सेवन पार कर लिया होता है। इस दौरान लगभग शिशु में चीनी के सेवन की मात्रा 2,800 से भी अधिक चीनी क्यूब्स प्रति साल की दर से खा ली होती है।
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