यह बात काफी आम है कि अत्यधिक मीठा खाने की वजह से दांत जल्दी सड़ने लगते हैं। हालांकि, कई बार शरीर में जरूरी कुछ कैल्शियम की कमी के कारण भी दांतों में कैविटी की समस्या (Cavity problem) शुरू हो सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो हमारे मुंह में बैक्टीरिया होते हैं जो पट्टिका बनाते हैं और जब हमारे पास शुगर युक्त भोजन और पेय होते हैं, तो पट्टिका में बैक्टीरिया चीनी को एसिड के रूप में बदल देता है, जो दांतों में कैविटी पैदा करने लगता है। एक दिन में लगभग 105 बच्चे अस्पताल में अपने खराब दांत निकलवाते हैं और इससे भी अधिक की संख्या में बच्चे नए दांत लगवाने आते हैं।
डायबिटीज की समस्या (Diabetes problem)
अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त बच्चों और वयस्कों में टाइप -2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), हृदय रोग (Heart disease) और कुछ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 10 से 11 साल के बच्चों में गंभीर मोटापे की समस्या आधुनिक दौर में सबसे अधिक देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग हर 10वां बच्चा 18 साल का होने से पहले ही अधिकतम अनुशंसित चीनी का की मात्रा का सेवन पार कर लिया होता है। इस दौरान लगभग शिशु में चीनी के सेवन की मात्रा 2,800 से भी अधिक चीनी क्यूब्स प्रति साल की दर से खा ली होती है।
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शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन को कंट्रोल करने के लिए क्या करें? (How to control sugar eating habit)
शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन की आदत को कंट्रोल करने के लिए आपको बच्चे के शुरूआती आहार के दिनों में ही चीनी से परहेज करना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकते हैंः
- बच्चे को दिन में कम के कम दो बार फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट (Fluoride toothpaste) से ब्रश कराएं।
- बच्चे को शांत कराने के लिए मीठी चीजों का सहारा न लें।
- छोटे बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ हेल्दी फ्रूट्स और भोजन खाने के लिए देते रहें। इससे बच्चा मीठी चीजें देखकर उसकी तरफ जल्दी आकर्षित नहीं होगा।
- बच्चे को हमेशा बिना चीनी मिला दूध (Milk) ही पिलाएं। इससे बच्चे की आदत भी इसी तरह का ही दूध पीने का बन सकती है।
- घर में मीठे खाद्य पदार्थ बहुत ही सीमित मात्रा में लाएं। यह बच्चे के साथ-साथ परिवार के सभी सदस्यों के लिए हेल्दी आदत हो सकती है।
- बच्चे की खाने-पीने की आदतों पर ध्यान रखें।
- कोई भी पैक्ड खाद्य पदार्थ (Packed food products) बच्चे को देने से पहले उसमें सम्मलित चीनी की मात्रा जरूर देखें।
एक बात का ख्याल रखें कि शुगर से लेकर नमक और मिर्च-मसालों की मात्रा भी बच्चों में काफी हद तक सीमित रखना चाहिए। ऐसे कई मामले भी देखें जाते हैं जिनमें शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन के कारण भी उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से हेल्दी होता है और उनके दांत भी काफी चमकदार होते हैं, लेकिन चीनी के नुकसान सिर्फ दांत (Teeth) तक की सीमित नहीं है। शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन का प्रभाव बढ़ती उम्र के लक्षणों के साथ उभरकर सामने आ सकते हैं। इसलिए बच्चे के भविष्य की चिंता करते हुए आज से ही अपने शिशु में अत्यधिक चीनी के सेवन की आदत को कंट्रोल करें।
हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल उपयोगी लगा होगा। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।