रोग प्रतिरक्षा प्रणाली क्या है और यह कोरोना वायरस से आपकी सुरक्षा कैसे करती है?
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
Suraj Kumar Das द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/07/2020
आपके कानों में इस समय रोग प्रतिरक्षा प्रणाली, रोग प्रतिरोधक शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता, इम्यूनिटी बूस्टर, इम्यूनिटी सिस्टम (immunity system) जैसे शब्द रोज सुनाई देते होंगे। वैसे तो इन सभी शब्दों का एक ही चीज से संबंध है, लेकिन लोग इसे अलग-अलग नामों से बोलते हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए आजकल इन शब्दों का बहुत अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी जानते हैं कि शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली अगर अच्छी होती है, तो आप कम बीमार होते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि रोग प्रतिरक्षा प्रणाली होती क्या है? यह कैसे बनती है? इसे कैसे मजबूत किया जा सकता है? आज हम आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में ही पूरी जानकारी देंगे।
रोग प्रतिरक्षा प्रणाली क्या है (What is Immune system?)
हर प्राणी के अंदर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली होती है। यह छोटी-छोटी जीवों का एक संग्रह होती है। जब आपके शरीर पर कोई बाहरी वायरस, कीटाणु या जीवाणु हमला करने लगता है, तो रोग प्रतिरक्षा प्रणाली उसकी पहचान करता है और उससे लड़ता है। उसे खत्म करके आपकी सुरक्षा करता है।
रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी दुश्मनों से आपको बचाती है
शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम (immunity system) को आप दूसरे शब्दों में इस तरह अच्छे से समझ सकते हैं। मान लीजिए कि आपके घर में कोई बाहरी दुश्मन जबरदस्ती घुसने की कोशिश करे, तो आप क्या करेंगे? वह दुश्मन है या नहीं, सबसे पहले इस बात की पहचान करेंगे। दुश्मन की पहचान होने के बाद अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए उससे लड़ने की तैयारी करेंगे। इम्यूनिटी सिस्टम (immunity system) भी यही काम करती है। यह आपके शरीर के अंदर होता है। यह रोग पैदा करने वाले कारकों, बीमार कोशिकाओं की पहचान करती है और उसे खत्म करके आपको स्वस्थ रखती है।
रोग प्रतिरोधक प्रणाली कैसे काम करती है?
आपके शरीर में रहने वाली रोग प्रतिरोधक प्रणाली इतनी सक्षम होती है कि वह स्वस्थ टिश्यू और कोशिकाओं की पहचान करके उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन अगर आपके शरीर पर किसी परजीवी कृमि या विषाणु ने हमला किया, तो इम्यूनिटी सिस्टम (immunity system) न सिर्फ उसकी पहचान करती है, बल्कि उसे खत्म भी करती है। यही कारण है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के इस समय अधिकांश लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
रोग प्रतिरोधक प्रणाली बीमारी की पहचान कैसे करती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए, रोग पैदा करने वाले कारकों की पहचान करना बहुत मुश्किल काम होता है, क्योंकि रोग पैदा करने वाले विषाणु या जीवाणु हमेशा एक ही रूप में शरीर पर आक्रमण नहीं करते। ये अपना रूप हमेशा बदलते रहते हैं, ताकि प्रतिरक्षा प्रणाली उसको पहचान न पाए।
इम्यूनोडेफिशिएंसी (Immunodeficiency) क्या होती है?
इम्यूोडेफिशिएंसी का मतलब है रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी। यह कई कारण से हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि कुछ खास दवाओं का सेवन या किसी वायरस से संक्रमित होने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। अनुवांशिक बीमारियों के कारण भी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
जब कभी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बीमारी पैदा करने वाले की पहचान नहीं कर पातीया बीमारी पैदा करने वाले बाहरी कारकों को शरीर में घुसने से नहीं रोक पाती है, तो वह आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बीमार बना देती है। इस अवस्था को इम्यूनोडेफिशिएंसी कहते हैं।
कोविड-19 के लक्षणों से बचने के लिए इम्यूनिटी बूस्टर का हो रहा इस्तेमाल
अभी विश्व के हर देश में कोरोना महामारी का प्रकोप है। यह वायरस जब किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है, तो सबसे पहले व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को ही कमजोर करता है। अगर वायरस रोग प्रतिरक्षा शक्ति को कमजोर करने में सफल हो जाता है, तो उस व्यक्ति को कोविड-19 के लक्षण महसूस होने लगते हैं। किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, कोरोना वायरस भी उसके सामने हार मान लेता है और व्यक्ति को कोरोना के सामान्य लक्षण ही महसूस होते हैं और वह बिना इलाज के अपने आप ही ठीक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऐसा ही कहा है।
रोग प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity System) हमेशा शरीर के लिए फायदेमंद ही होती है?
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है। कई बीमारियां हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण भी हो सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। अगर यह कमजोर होती है, तो व्यक्ति रोग ग्रस्त हो सकता है। इसी तरह अगर इम्यूनिटी सिस्टम (immunity system) जरूरत से ज्यादा मजबूत हो जाती है, तो वह शरीर पर ही हमला करना शुरू कर देती है। कभी-कभी रोग प्रतिरोधक प्रणाली शरीर के अंदर की टिश्यू को भी बाहरी जीव समझ लेती है और उस पर हमला करने लगती। इससे आप बीमार हो जाते हैं। ऑटो इम्यून रोग इसी को कहते हैं।
Autoimmune Diseases
पैथोजन (Pathogen) किसे कहते हैं?
रोग पैदा करने वाले कारकों को पैथोजन कहते हैं। आपकी त्वचा और म्यूकस झिल्ली ही जीवाणु या कीटाणु के घुसने का पहला रास्ता होता है। पैथोजन जब आपके शरीर पर हमला करता है, तो सबसे पहले वह आपकी त्वचा, म्यूकस झिल्ली पर ही हमला करतता है। पैथोजन जब त्वचा या म्यूकस झिल्ली को कमजोर कर देता है, तो वह शरीर के किसी भी अंग में पहुंच सकता है।
इस समय हर जगह आपको कोरोना संक्रमित लोगों से बिना मास्क बात करने, लोगों से हाथ मिलाने और किसी बाहरी चीज को छूने से मना किया जा रहा है। आप जैसे ही कोरोना वायरस संक्रमित किसी चीज को छुएंगे, वैसे ही वह वायरस आपकी त्वचा या सांसों के रास्ते आपके शरीर में पहुंच जाएगा और वहां से आपके फेफड़ों में पहुंचक आपको बीमार बना देगा।
सफेद रक्त कोशिकाएं (Phagocytes) क्या होती हैं?
शरीर में दो प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं रहती हैं, जिन्हें टी (T) कोशिका और बी (B) कोशिका कहते हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं को ल्यूकोसाइट्स (Leucocytes) भी कहा जाता है। यह खून में जीवाणु और विषाणु का पता लगाकर उसे खत्म करती है। ये दोनों कोशिकाएं ये काम करती हैंः-
बी कोशिकाएंः- यह आपके शरीर की कोशिकाओं के आसपास तरल पदार्थ में मौजूद रहती हैं, जो एंटीबॉडी पैदा करती हैं। यही एंटीबॉडी बाहरी कीटाणु या जीवाणु को खत्म करने का काम करती हैं।
टी कोशिकाएंः- जब कोई कीटाणु या जीवाणु आपकी कोशिकाओं में पहुंच जाता है, तब टी- कोशिकाएं उसे शरीर के अंदर घेर लेती हैं। अपनी संख्या बढ़ाकर टी-कोशिकाएं उस कीटाणु या जीवाणु को मार देती हैं।