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इन टेस्ट के जरिए चलता है ब्रेन ट्यूमर का पता, संकेत दिखाई देने पर डॉक्टर करते हैं रिकमंड

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/06/2021

    इन टेस्ट के जरिए चलता है ब्रेन ट्यूमर का पता, संकेत दिखाई देने पर डॉक्टर करते हैं रिकमंड

    ब्रेन ट्यूमर मतिष्क में असामान्य कोशिकाओं की होने वाली वृद्धि है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर्स नॉनकैंसरस (Benign) और कुछ कैंसरस (Malignant) होते हैं। नॉनकैंसरस ट्यूमर्स मष्तिष्क में ही रहते हैं जबकि कैंसरस बॉडी के दूसरे हिस्सों से शुरू होकर दिमाग तक फैल सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) कितनी जल्दी बढ़ेगा यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। ब्रेन ट्यूमर की ग्रोथ रेट और लोकेशन यह निर्धारित करती है कि यह आपके नर्वस सिस्टम (Nervous system) के कार्य को कैसे प्रभावित करेगा। ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) ट्यूमर को पहचाने में मददगार साबित होते हैं। ब्रेन ट्यूमर टेस्ट के बाद ब्रेन ट्यूमर के टाइप, साइज और लोकेशन के आधार पर ट्रीटमेंट किया जाता है।

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain tumor test)

    इस बारे में जब हमने मुंबई के वाशी स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एवं न्यूरोसर्जन हरीश नायक से बात की, तो उन्होंने बताया कि, ‘अगर मरीज को ब्रेन ट्यूमर है, तो कुछ ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) रिकमंड किए जाते हैं। जिससे ट्यूमर की स्थिति और उसकी वृद्धि के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके। जिसमें प्रमुख रूप से तीन टेस्ट एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन और बायोप्सी को शामिल किया जाता है। बायोप्सी किए जाने के बाद उसका मूल्यांकन करना जरूरी होता है। ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के बाद भी मरीज को डॉक्टर के पास फॉलो अप के लिए आना चाहिए और उनके गाइडेंस भी आगे की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए।’

    आइए ब्रेन ट्यूमर टेस्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    न्यूरोलॉजिकल एग्जाम (Neurological exam)

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) की शुरुआत न्यूरोलॉजिकल एग्जाम (Neurological exam) से हो सकती है। जिसमें मरीज के देखने और सुनने की क्षमता, संतुलन और समन्वय की जांच की जाती है। इसके साथ ही डॉक्टर मरीज के स्ट्रेंथ और बैलेंस का भी परीक्षण करता है। किसी एक या एक से अधिक एरियाज में किसी प्रकार की समस्या का पता चलने पर डॉक्टर्स को क्लू मिल जाता है कि ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) की वजह से ब्रेन का कोई हिस्सा प्रभावित हो रहा है या नहीं। इसके बाद डॉक्टर आगे के टेस्ट रिकमंड करता है।

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट/(Brain Tumor test)

    इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging tests)

    ब्रेन और स्पाइनल कोर्ड ट्यूमर्स (Brain and spinal cord tumors) के बारे में पता लगाने के लिए मेग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging) का उपयोग ज्यादा किया जाता है। जिसे एमआरआई (MRI) भी कहा जाता है। क्योंकि इसे उचित जानकारी प्राप्त होती है। हालांकि बोन और स्कल (Bone and skull) के लिए एमआरआई (MRI) उतनी अच्छी इमेज क्वालिटी प्रदान नहीं करती जितनी सीटी स्कैन (CT Scan) में आती है। इसलिए कई बार इसके लिए ट्यूमर (Tumor) का स्कल (Skull) पर प्रभाव के बारे में पता नहीं चलता है। कुछ मामलों एमआरआई स्टडी में डाय (Dye) आर्म के वेन्स (Veins) में इंजेक्ट की जाती है। एमआरआई के जरिए डॉक्टर ट्यूमर का मूल्यांकन करके ट्रीटमेंट प्लान करते हैं। ब्रेन के थ्री डायमेंशनल (Brain three dimensional) एवैल्यूशन के लिए (Magnetic Resonance Angiography) मेग्नेटिक रिजोनेंस एंजियोग्राफी का उपयोग किया जाता है।

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    सीटी स्कैन CT (computed tomography) scan

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में सीटी स्कैन का भी उपयोग किया जाता है। सीटी स्कैन यानी कंप्यूटेड टोमोग्राफी। इसका उपयोग बॉडी के सॉफ्ट टिशूज (Soft tissues) की डिटेल्ड इमेज लेने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब एमआरआई का ऑप्शन नहीं होता है। ओवरवेट या क्लस्ट्रोफोबिक (Claustrophobic) मरीज के लिए सीटी स्कैन का सहारा लिया जाता है। सीटी स्कैन (CT scan) ट्यूमर के पास के बोन स्ट्रक्चर की विस्तृत जानकारी देता है।

    पीईटी स्कैन PET scan (positron emission tomography)

    यदि डॉक्टर को यह संदेह है कि ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) कैंसर का कारण बन सकता है और यह शरीर के किसी अन्य क्षेत्र से फैल गया है, तो डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए टेस्ट और प्रॉसीजर की सिफारिश कर सकता है जिससे पता चल सके कि कैंसर कहां से उत्पन्न हुआ है। इन्हीं टेस्ट में से एक पीईटी स्कैन है। इसके अलावा पीईटी स्कैन का उपयोग फास्ट ग्रोइंग हाय ग्रेड ट्यूमर्स (Fast growing high grade tumor) का पता लगाने के लिए किया जाता है। वहीं पीईटी स्कैन (PET) की मदद से यह भी पता लगाया जा सकता है कि ट्रीटमेंट के बाद ट्यूमर्स के टिशूज कहां पर बचे हुए हैं।

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    एंजियोग्राफी (Angiography)

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में एंजियोग्राफी की भी मदद ली जाती है। इस प्रॉसीजर में एक्सरे (X ray) की मदद से ब्रेन की ब्लड वेसल्स (Blood vessels) की कई डिटेल्ड इमेज ली जाती हैं। एंजियोग्राफी (Angiography) का उपयोग सर्जिकल प्रॉसीजर के प्लान के दौरान ब्लड वेसल्स (Blood vessels) के पास स्थिति ट्यूमर के लिए भी किया जाता है। कभी-कभी, इस परीक्षण का उपयोग सर्जरी से पहले ट्यूमर को फीड कराने वाली रक्त वाहिकाओं को बंद करने के लिए भी किया जाता है।

    न्यूक्लियर मेडिसिन बोन स्कैन (Nuclear medicine bone scan)

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में इस टेस्ट को भी शामिल किया जाता है। इसमें कंप्यूटर में हड्डियों की इमेज को कैप्चर करके न्यूक्लियर बोन स्कैन (Bone scan) की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि कैंसर क्या बोन तक फैल चुका है। इस स्कैन को परफॉर्म करने के लिए रेडियोएक्टिव मटेरियल (Radioactive Material) का छोटा डोज मरीज की ब्लड वेसल्स में इंजेक्ट किया जाता है जो ब्लडस्ट्रीम (Bloodstream) में पहुंचकर हड्डियों में इकठ्ठा होता है और न्यूक्लियर इमेजिंग (Nuclear Imaging) के जरिए स्कैनर में डिटेक्ट हो जाता है।

    लैब टेस्ट्स (Lab tests)

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में किए जाने वाले लैब टेस्ट में प्रमुख टेस्ट एडवांस्ड जीनोमिक टेस्टिंग (Advanced genomic testing) है। जिसमें डीएनए (DNA) के परिवर्तनों को देखने के लिए ट्यूमर के जीनोमिक प्रोफाइल (Genomic Profile) का विश्लेषण किया जाता है। कैंसर कोशिका के जीनोम में उत्परिवर्तन की पहचान करके डॉक्टर ट्यूमर के बारे में ज्यादा समझ सकते हैं और बेहतर उपचार कर सकते हैं।

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट

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    बायोप्सी (Biopsy)

    ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में महत्वपूर्ण टेस्ट है बायोप्सी (Biopsy)। इसका उपयोग एक ऑपरेशन के तौर पर ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) को हटाने के लिए किया जाता है। एक नीडल का उपयोग करके इस टेस्ट को परफॉर्म किया जाता है। ब्रेन ट्यूमर के लिए स्टीरियोटैक्टिक नीडल बायोप्सी (Stereotactic Needle Biopsy) की जाती है जो कि ब्रेन के सेंसटिव एरियाज में पहुंचने में मुश्किल होती है। बायोप्सी के नमूने को फिर एक माइक्रोस्कोप से देखा जाता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह कैंसर है या नॉन कैंसरस। यह परीक्षण आपके चिकित्सक को आपके रोग का निदान और आपके उपचार के विकल्पों के बारे में मदद कर सकता है।

    इन सभी टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर ट्रीटमेंट रिकमंड करते हैं। ब्रेन के मरीज या जिसमें ब्रेन ट्यूमर के कोई लक्षण हैं (Brain Tumor symptoms) उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ये टेस्ट करवाने चाहिए।

    उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। आपको ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) से संबंधित जानकारियां मिल गईं होगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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