ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में एंजियोग्राफी की भी मदद ली जाती है। इस प्रॉसीजर में एक्सरे (X ray) की मदद से ब्रेन की ब्लड वेसल्स (Blood vessels) की कई डिटेल्ड इमेज ली जाती हैं। एंजियोग्राफी (Angiography) का उपयोग सर्जिकल प्रॉसीजर के प्लान के दौरान ब्लड वेसल्स (Blood vessels) के पास स्थिति ट्यूमर के लिए भी किया जाता है। कभी-कभी, इस परीक्षण का उपयोग सर्जरी से पहले ट्यूमर को फीड कराने वाली रक्त वाहिकाओं को बंद करने के लिए भी किया जाता है।
न्यूक्लियर मेडिसिन बोन स्कैन (Nuclear medicine bone scan)
ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में इस टेस्ट को भी शामिल किया जाता है। इसमें कंप्यूटर में हड्डियों की इमेज को कैप्चर करके न्यूक्लियर बोन स्कैन (Bone scan) की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि कैंसर क्या बोन तक फैल चुका है। इस स्कैन को परफॉर्म करने के लिए रेडियोएक्टिव मटेरियल (Radioactive Material) का छोटा डोज मरीज की ब्लड वेसल्स में इंजेक्ट किया जाता है जो ब्लडस्ट्रीम (Bloodstream) में पहुंचकर हड्डियों में इकठ्ठा होता है और न्यूक्लियर इमेजिंग (Nuclear Imaging) के जरिए स्कैनर में डिटेक्ट हो जाता है।
लैब टेस्ट्स (Lab tests)
ब्रेन ट्यूमर टेस्ट (Brain Tumor test) में किए जाने वाले लैब टेस्ट में प्रमुख टेस्ट एडवांस्ड जीनोमिक टेस्टिंग (Advanced genomic testing) है। जिसमें डीएनए (DNA) के परिवर्तनों को देखने के लिए ट्यूमर के जीनोमिक प्रोफाइल (Genomic Profile) का विश्लेषण किया जाता है। कैंसर कोशिका के जीनोम में उत्परिवर्तन की पहचान करके डॉक्टर ट्यूमर के बारे में ज्यादा समझ सकते हैं और बेहतर उपचार कर सकते हैं।