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सुनने की क्षमता कम या बहरापन का कारण

दरअसल, हमारे कान के अंदरुनी हिस्से में छोटे सेंसरी सेल्स होते हैं, जिन्हें हेयर सेल्स कहा जाता है। इन सेल्स के डैमेज होने की वजह से होने वाले बहरेपन या सुनने की कम क्षमता को सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस कहा जाता है। यह डैमेज किसी बीमारी, उम्र, चोट, दवाइयां या तेज आवाज के कारण हो सकता है। ऐसे हियरिंग लॉस से ग्रसित व्यक्तियों के लिए हियरिंग एड या कान की मशीन काफी प्रभावशाली होती है। हियरिंग एड आवाज में मौजूद वाइब्रेशन को बढ़ा देते हैं, ताकि हेयर सेल्स तक वाइब्रेशन जा सके। हालांकि, इसकी भी एक सीमा होती है, क्योंकि ज्यादा वाइब्रेशन भी आपके कानों को खराब कर सकती हैं।
कैसे जानें कि हमें कान की मशीन की जरूरत है?
सबसे पहली बात यह है कि, अगर आपको आवाज कम सुनाई देती है या आपको टीवी या गाने सुनने के लिए दूसरे लोगों से ज्यादा आवाज रखनी पड़ती है, तो यह एक सामान्य तरीका हो सकता है कि आपको बाकी लोगों की अपेक्षा कम सुनाई देता है। इसके अलावा, अगर आपको इसकी वजह से बात करने या दैनिक जीवन जीने में दिक्कत हो रही है, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आपका डॉक्टर, ऑडियोमेट्री टेस्ट कर सकता है। यह टेस्ट आपके सुनने की क्षमता की जांच करता है, जिसमें इंटेंसिटी, आवाज की टोन, बैलेंस और कान के अंदरुनी हिस्से के अन्य कार्य की जांच की जाती है। सामान्य तौर पर इंसान कम से कम 20 डेसीबल (dB) तक की धीमी आवाज सुन सकता है। वहीं, आपको बता दें कि एक जेट इंजन की आवाज 140 से 180 डेसीबल तक हो सकती है। वहीं, आवाज की टोन को हर्ट्ज (Hertz) में जांचा जाता है। लो बेस टोन करीब 50 Hz की होती है और इंसान 20 से 20 हजार Hz तक की टोन सुन सकता है। इंसानों की आवाज 500 से 3 हजार हर्ट्ज की रेंज में आती है।