पेट में ट्यूमर- बिनाइन ट्यूमर का उपचार
पेट में बिनाइन ट्यूमर के अधिकतर मामलों में उपचार की कोई जरूरत नहीं होती है। लेकिन, डॉक्टर गंभीर या ज्यादा परेशानी की स्थिति में इसकी सर्जरी कर सकते हैं। जिसमें, इस प्रकार के पेट में ट्यूमर को टिश्यू को नुकसान पहुंचाए बिना जड़ से हटा दिया जाता है। सर्जरी के बाद इसके वापिस आने की आशंका बहुत कम होती है। बिनाइन ट्यूमर के उपचार के लिए कुछ मेडिकेशन और रेडिएशन थेरेपी भी अपनाई जा सकती हैं।
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पेट में ट्यूमर- प्रीमैलीग्नेंट ट्यूमर और उसका उपचार
पेट में प्रीमैलीग्नेंट ट्यूमर कैंसरमुक्त होता है। लेकिन, इसके भविष्य में कैंसर बनने की आशंका होती है। कैंसर बनने से पहले इसका विकास और विस्तार ज्यादा नहीं होता। लेकिन, जब यह कैंसर बनने लगता है, तो कैंसरयुक्त ट्यूमर की तरह ही तेजी से विकसित होता है और शरीर के दूसरे अंगों तक फैलता है। जब प्रीमैलीग्नेंट ट्यूमर कैंसर या मैलीग्नेंट ट्यूमर बनना शुरू होता है, उसे ही कैंसर स्टेज 0 कहा जाता है। इसके, भविष्य में मैलीग्नेंट या घातक कैंसर बनने की आशंका को देखते हुए सर्जरी या दवाई या रेडिएशन थेरेपी के द्वारा हटा दिया जाता है। सर्जरी में टिश्यू को हानि पहुंचाए बिना इस ट्यूमर को निकाला जाता है। हालांकि, यह प्रामाणिक नहीं है कि प्रीमैलीग्नेंट ट्यूमर सर्जरी के बाद वापिस आ सकता है या नहीं।
पेट में ट्यूमर- मैलीग्नेंट ट्यूमर
हमारा शरीर लगातार नयी सेल्स का उत्पादन करता रहता है। लेकिन, डीएनए में खराबी आने से जब इनका उत्पादन असामान्य रूप से होने लगता है, तो ट्यूमर बनने लगता है। जब सेल्स का उत्पादन होता है, तो नयी सेल्स पुरानी सेल्स को या तो स्थानांतरित कर देती हैं या पुरानी सेल्स अपने आप मर जाती हैं। लेकिन, असामान्य रूप से सेल्स के विकसित होने पर पुरानी सेल्स का खत्म होना भी रुक जाता है, जिससे उस जगह सेल्स का एक ढेर बनने लगता है, जिसे ट्यूमर बोला जाता है। मैलीग्नेंट ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से ज्यादा तेजी से विकसित होता है और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगता है। इसके अलावा, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर कर देता है।
पेट में ट्यूमर- मैलीग्नेंट ट्यूमर के लक्षण
जब हमारे पेट में ट्यूमर यानि मैलीग्नेंट ट्यूमर बनने लगता है, तो शरीर इस बीमारी की स्टेज के मुताबिक कई लक्षण दिखाता है। जिनके दिखने पर आपको तुरंत ही डॉक्टर के पास जाकर जांच करवानी चाहिए। क्योंकि, डॉक्टर समय रहते इसका ट्रीटमेंट शुरू करके इसे खत्म करने की संभावना को बढ़ा सकता है। याद रखिए, कि पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर यानि पेट के कैंसर की शुरुआती स्टेज के लक्षण आराम से नहीं दिखते हैं। जब यह कैंसर आखिरी स्टेज के पास पहुंचने लगता है, तब ही इसकी जांच होनी संभव है। लेकिन, अगर आप इसके लक्षणों को याद रखेंगे और शरीर में इनमें से किसी भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टर के पास जाएंगे तो इस बीमारी का निदान हो सकता है।
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पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर के लक्षण
वजन- अगर बिना किसी वजह या अचानक आपका वजन ज्यादा घटने लगा है, तो यह मैलीग्नेंट ट्यूमर का गंभीर लक्षण हो सकता है। जो कि इसके एडवांस स्टेज पर पहुंचने पर दिखता है। अगर, आपको भी अपने वजन में एकदम से कमी दिखती है, तो डॉक्टर से मिलें।
पेट में सूजन और कब्ज- मैलीग्नेंट ट्यूमर होने की वजह से पेट में सूजन होने लगती है। इसके साथ ही आपको कब्ज की शिकायत भी हो सकती है। अगर, यह समस्या ऊपर बताए गए लक्षण के साथ है दिख रही है, तो अपनी जांच करवाएं।
पेट दर्द और जी मिचलाना- पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर होने पर आपके पेट में लगातार गंभीर दर्द होने लगता है। अगर, आपको भी पेट में तेज और गंभीर दर्द महसूस हो रहा है और आराम नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर को दिखाएं। आपको तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है। इसके अलावा, आपको जी मिचलाने की समस्या भी हो सकती है।
उल्टी व मल में खून- मैलीग्नेंट ट्यूमर के गंभीर लक्षणों में उल्टी व मल में खून आना भी शामिल है। अगर, आपको भी मल में कई दिनों से खून आ रहा है या कई दिनों से उल्टी हो रही है, तो डॉक्टर से मिलें।
ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ आपके पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर यानि पेट का कैंसर होने पर खाना या पानी निगलने में समस्या, आंखों व त्वचा में पीलापन और शारीरिक कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है।
पेट में ट्यूमर- मैलीग्नेंट ट्यूमर का इलाज
पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर का इलाज उसकी स्टेज पर निर्भर करता है। पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर की स्टेज शरीर में ट्यूमर के फैलने के स्तर के द्वारा मापी जाती है। आइए, पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर के इलाज के बारे में जानते हैं।
स्टेज 0- मैलीग्नेंट ट्यूमर की इस स्टेज पर डॉक्टर इलाज के लिए आपके पेट की इनर लाइनिंग के आसपास कैंसर के ग्रसित हो चुकी सेल्स के हिस्से या उस सेल्स को पूरी तरह हटा सकता है। आमतौर पर इस दौरान सर्जरी की मदद ली जाती है।
स्टेज 1- मैलीग्नेंट ट्यूमर की इस स्टेज में आपके पेट के अंदर ट्यूमर बड़ा होने लगता है। यह आपके लिम्फ नोड्स में फैल सकता है। इस स्टेज पर कीमोथेरेपी या कीमोरैडिशन की मदद के द्वारा इलाज किया जाता है।
स्टेज 2- इस स्टेज में ट्यूमर पेट की गहरी लेयर और लिम्फ नोड्स में फैल जाता है। इस स्टेज पर ट्रीटमेंट करने के लिए एडवांस कीमोथेरेपी की जाती है।
स्टेज 3- पेट में मैलीग्नेंट ट्यूमर की तीसरी स्टेज में कैंसर पेट की सारी लेयर्स तक फैल जाता है। इस स्टेज में भी कीमो या कीमोरैडिशन के साथ-साथ आपके पूरे पेट की सर्जरी की मदद से इलाज किया जाता है।
स्टेज 4- यह स्टेज मैलीग्नेंट ट्यूमर की अंतिम स्टेज होती है। जिसमें ट्यूमर पेट से दूसरे शारीरिक अंगों तक फैल जाता है। इसका इलाज करना बहुत कठिन होता है। डॉक्टर इस स्टेज के दौरान आपके कैंसर के लक्षणों को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।
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पेट में ट्यूमर से बचाव कैसे करें?
अगर, पेट में ट्यूमर होने के जेनेटिक और उम्र संबंधित कारण को छोड़ दिया जाए, तो इन टिप्स की मदद से पेट में ट्यूमर होने की आशंका को कम किया जा सकता है। जैसे-
- नियमित एक्सरसाइज करना।
- स्वस्थ आहार का सेवन करना।
- तम्बाकू या सेकेंडहैंड स्मोक से दूर रहें।
- शराब का सेवन बंद या कम कर दें।
- ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
- अपनी त्वचा को धूप और प्रदूषण से बचाएं।
- नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।