के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (UGI) एंडोस्कोपी आंत से संबंधित अंगों की जांच के लिए किया जाता है। आंत संबंधित अंग यानी कि इसोफेगस, पेट, छोटी आंत आदि। इस टेस्ट को करने के लिए एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। एंडो स्कोप फ्लैक्सिबल और पतला सा एक उपकरण है। जिसे मुंह के होते हुए गले के जरिए पेट में डाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को इसोफेगो गैस्ट्रो ड्यूडिनोस्कोपी (EGD) कहते हैं।
अगर बात की जाए एक्स-रे की तो एंडोस्कोपी की तुलना में एक्स-रे कई बीमारियों को नहीं दिखा सकता है। इसलिए कुछ भी गंभीर मामलों में डॉक्टर एंडोस्कोपी का ही विकल्प देते हैं। जैसे- अल्सर, पेट में जलन, ट्यूमर, संक्रमण या ब्लीडिंग आदि का सैंपल इकट्ठा करने के लिए एंडोस्कोपी कराया जाता है।
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अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी निम्न लक्षणों के सामने आने पर किया जाता है :
पेट या इसोफेगस के बेहतर तस्वीरों के लिए एंडोस्कोप के साथ ही डॉक्टर अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी करते हैं। इससे पेट के उन अंगों की भी तस्वीरें ली जाती है जहां पर एंडोस्कोप का पहुंचना कठिन होता है, जैसे- अग्नाशय (pancreas)। अल्ट्रासाउंड और एंडोस्कोपी दोनों को कंबाइन कर के टेस्ट किया जाता है। इससे एचडी (HD) तस्वीरें और वीडियो सामने आते है। वीडियो और तस्वीर जितनी साफ रहेगी बीमारी को पता लगाने में उतनी ही आसानी होगी।
कई लोग अपने डॉक्टर से बैरेट एसोफेगस जैसी स्थितियों का पता लगाने के लिए नैरो बैंड इमेजिंग का उपयोग करने के लिए कहते हैं। कुछ मामालों में अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टेस्ट को कई बार करने की जरूरत पड़ती है। ये तब होता है जब समस्या कम होने के जगह और बढ़ने लगती है।
जब आपके डॉक्टर को पित्ताशय या अग्नाशय के टेस्ट (अल्ट्रासाउंड, लिवर स्कैन या एक्स-रे के द्वारा) का रिजल्ट संतुष्ट नहीं कर पाता है तो अंत में डॉक्टर एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियोपैन्क्रिआटोग्राम (ERCP) टेस्ट करने के लिए कहते है। ERCP मुख्यत: जॉन्डिस का पता लगाने के लिए किया जाता है।
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अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी टेस्ट कराने से पहले आपको डॉक्टर से अपने द्वारा ली जा रही दवाओं के बारे में बताना चाहिए। जैसे :
अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी टेस्ट कराने से लगभग आठ घंटे पहले से कुछ भी खाना-पीना नही्ं होगा। आसान शब्दों में कहा जाए तो पेट का टेस्ट होने के नाते पेट को खाली रखना पड़ेगा। जिससे बेहतर रिजल्ट आ सकता है।
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अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी होने में लगभग 15 से 30 मिनट का समय लगता है। अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी प्रक्रिया के लिए आपको रात भर हॉस्पिटल में रूकने की जरूरत नहीं है। इसलिए आप टेस्ट वाले दिन ही घर जा सकते हैं। अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी का प्रक्रिया एंडोस्कोपिस्ट के द्वारा की जाती है। सबसे पहले आपके गले को एनेस्थेटिस्ट सुन्न करते हैं। साथ ही आपके मुंह में एक स्प्रे करते हैं जिससे आपके मुंह के अंदर एक प्लास्टिक गार्ड सा बन जाता है। इसका काम आपके दांतों को सुरक्षा देना है।
इसके बाद एंडोस्कोपिस्ट आपको बाईं करवट लेटाते हैं। फिर एंडोस्कोप को आपको से होते हुए पेट में डालते हैं। इसके लिए एंडोस्कोपिस्ट आपको उसे निगलने के लिए कहते हैं। ऐसा करना आपके लिए थोड़ा अनकम्फर्टेबल हो सकता है। लेकिन एक बार एंडोस्कोप गले से पास हो गया तो अंदर तक चला जाएगा। जिसके बाद एंडोस्कोप में लगे कैमरे से एंडोस्कोपिस्ट इसोफेगस, पेट और ड्यूडनम आदि की तस्वीरें बाहर लगे मॉनिटर में भेजना शुरू करता है।
अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी के दौरान डॉक्टर निम्न चीजें भी कर सकते हैं :
आपकी टेस्ट रिपोर्ट निम्न तरह से हो सकती है :
बायोप्सी सैंपल का रिजल्ट :
वहीं, बता दें कि अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी की रिपोर्ट हॉस्पिटल और लैबोरेट्री के तरीकों पर निर्भर करती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर से टेस्ट रिपोर्ट के बारे में अच्छे से समझ लें।
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