के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कहते हैं फिट रहने के लिए वर्कआउट जरूर करना चाहिए। इसलिए बच्चों से लेकर बड़ों तक गर्भवती महिलाएं भी व्यायाम करती हैं। वैसे प्रेग्नेंसी की शुरुआत के साथ अक्सर गर्भवती महिलाएं इस बात को लेकर दुविधा में रहती हैं कि क्या करें और क्या नहीं। ऐसा सोचना जायज भी है क्योंकि उनकी गतिविधि, आहार और सकारात्मक विचारों का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। गर्भावस्था की हर स्टेज में गर्भवती महिला में शारीरिक बदलाव होते हैं। साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता है। ऐसे में आज जानेंगे प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज के बारे में जिसे नहीं करना चाहिए। छठे महीने में एक्सरसाइज करें, लेकिन कुछ एक्सरसाइज नहीं करने की सलाह दी जाती है।
दरअसल गर्भावस्था के दौरान बॉडी को एक्टिव रखना जरूरी है। इससे डिलिवरी के वक्त आसानी होती है और नॉर्मल डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते और 25वें हफ्ते में बेबी बंप दिखने के साथ-साथ ही शिशु का शारीरिक विकास जैसे फेफड़े सर्फैक्टेंट बनना शुरू होता है। फेफड़े सर्फैक्टेंट (फेफड़े का विकास) के कारण ही नवजात जन्म लेते ही सांस लेना शुरू कर देता है। इसलिए गर्भावस्था के छठे महीने में एक्सरसाइज करना चाहिए लेकिन कुछ ऐसे भी वर्कआउट हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
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निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर ही व्यायाम करें नहीं तो प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज न करें
गर्भधारण के बाद 11 से 16 किलो तक वजन बढ़ाने की आवश्यकता होती है। हालांकि, भावनात्मक और शारीरिक रूप से आपके लिए यह कठिन हो सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना गर्भ में पल रहे शिशु के सेहत के लिए जरूरी है। इसलिए इस समय ऐसे कोई भी वर्कआउट न करें जिनसे वजन कम हो।
गर्भावस्था के दौरान वेटलिफ्टिंग न करें या अन्य कोई भी भारी सामान न उठाएं। इससे मस्तिष्क कोशिका और कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर काफी स्ट्रेस पड़ता है, इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान वेटलिफ्टिंग न करें।
गर्भावस्था के दौरान जोड़ों में ढ़ीलापन आ जाता है जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई इम्पैक्ट एरोबिक्स, रस्सी कूदना और किकबॉक्सिंग जैसे अन्य वर्कआउट भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
हाई इंटेंसिटी वर्कआउट की प्रक्रिया के दौरान हार्ट को ब्लड की अधिक जरूरत पड़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से हृदय गति काफी बढ़ जाती हैं जो कि होने वाली मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी कोई भी एक्सरसाइज नहीं करें जिससे पीठ या पेट पर दबाव पड़ता हो। कुछ मिनटों के लिए पीठ के बल व्यायाम करना तो ठीक है, लेकिन जैसे-जैसे गर्भाशय भारी होने लगता है शिशु तक ब्लड सर्क्युलेशन पहुंचना बंद हो सकता है। ऐसे योगा पोज, क्रंचेस और अन्य गतिविधियों से बचें जिसमें पीठ के बल एक-दो मिनट से ज्यादा दबाव पड़ता हो। 16 सप्ताह के बाद पीठ के बल व्यायाम करने से कुछ महिलाओं को लो ब्लड प्रेशर और चक्कर की समस्या भी हो सकती है।
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कोई भी खेल जिसको खेलते समय आपका शरीर दूसरे के संपर्क में आता हो उसे कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स कहते हैं जैसे-बास्केटबॉल, बेसबॉल, फुटबॉल, आइस हॉकी आदि। इन स्पोर्ट्स को खेलने से आपको पेट पर चोट लग सकती है इसलिए, गर्भावस्था के दौरान हाई इम्पैक्ट स्पोर्ट्स से दूर रहें। खासतौर पर पहली तिमाही (एक सप्ताह से बारह सप्ताह) के बाद इन खेलों को खेलने से बचें क्योंकि इस समय तक पेट का साइज बढ़ जाता है। इन खेलों को खेलने से प्लेसेंटा के टूटने से लगता भ्रूण को खतरा हो सकता है।
बॉडी को फिट रखने के लिए वर्कआउट जरूरी है लेकिन, अगर आप छठे महीने में एक्सरसाइज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के छठे महीने में एक्सरसाइज को लेकर जानकारी दी गई है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है, तो आप उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों के प्रश्नों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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