यदि बच्चे में ऊपर बताए कोई लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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फिश ऑयल के सेवन के साइड इफेक्ट (Side effects of taking fish oil)
जिन लोगों को मछली से एलर्जी होती है, उन्हें फिश ऑयल (fish oil) से भी एलर्जी हो सकती है। कुछ लोगों को फिश ऑयल के सेवन से साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें एलर्जी है, ये बस साइड इफेक्ट होते हैं।
- मितली (nausea)
- एसिड रिफ्लक्स (acid reflux)
- पेट संबंधी समस्या (upset stomach)
- ब्लोटिंग (bloating)
- डायरिया (diarrhea)
- लो ब्लड प्रेशर (low blood pressure)
- मसूड़ों से खून आना (bleeding gums)
- अनिद्रा (insomnia)
फिश एलर्जी का निदान (Diagnosis of fish allergies)
आपको मछली से एलर्जी का पता लक्षणों से ही चल जाता है। यदि आपको महसूस हो कि आपको एलर्जी हुई है, तो डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर पता लगाता है कि क्या आपको मछली से ही एलर्जी हुई है। इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकता है।
स्किन प्रिक टेस्ट – इसमें सुई में फिश प्रोटीन का छोटा सा हिस्सा डालकर डॉक्टर उसे आपकी त्वचा में डालता है। यदि आपकी त्वचा में प्रतिक्रिया होती है जैसे लाल निशान उभर आते हैं 15-20 मिनट के अंदर तो आपको एलर्जी है।
ब्लड एंटीबॉडी टेस्ट – यह एंटी परवल्बुमिन एंटीबॉडी नामक इम्यून प्रोटीन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए किया जाता है, जो फिश एलर्जेन (fish allergen) के प्रतिक्रिया स्वरूप आपका शरीर उत्पन्न करता है।
यदि इन टेस्ट से एलर्जी की पुष्टि नहीं होती है तो डॉक्टर ओरल फूड चैलेंज की सलाह दे सकता है। इस प्रक्रिया के तहत आपको थोड़ी मात्रा में मछली खाने के लिए दिया जाता है, जिसका मकसद यह देखना होता है कि क्या इससे आपको किसी तरह की एलर्जी होती है। इस परीक्षण थोड़ा जोखिम भरा होता है, क्योंकि किसी-किसी को इससे गंभीर एलर्जी हो सकती है, इसलिए यह हमेशा प्रशिक्षित मेडिकल प्रशिक्षक की निगरानी में ही किया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी मेडिकल सहायता की जा सके।