आपने फूड एलर्जी के बारे में तो सुना ही होगा, जैसे कुछ लोगों को सोयाबीन, दूध, पीनट या किसी खास सब्जी से एलर्जी होती है। यानी उसे खाने के बाद उल्टी, पेटदर्द या शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। ऐसे ही लक्षण यदि आपको मछली खाने के बाद फिश ऑयल के सेवन करने के बाद दिखे, तो समझ लीजिए कि आपको फिश एलर्जी (fish allergy) है। वैसे यह बाकी चीज़ों के मुकाबले फिश एलर्जी (fish allergy) के मामले कम ही देखने को मिलते है। आइए जानते हैं फ़िश एलर्जी से जुड़ी कुछ ख़ास बातें।
क्या होती है फिश एलर्जी? (What is fish allergy)
फिश एलर्जी ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें आपका इम्यून सिस्टम (immune system) टूना (tuna), सैलमन (salmon), हलीबूट (halibut) जैसे फिन्ड फिश के प्रति प्रतिक्रिया करता है। यानी आपका शरीर इसे सामान्य फूड आइटम्स की तरह पचा नहीं पाता या इसे हानिकारक समझकर प्रतिक्रिया करता है। यह एलर्जी आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होती है। अक्सर फिश एलर्जी बचपन से ही होने लगती है और अंडे और दूध की एलर्जी (milk allergy) के विपरित स्कूल जाने की उम्र के बाद भी बनी रहती है। इसके लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, जिसमें त्वचा पर चकत्ते उभरने के साथ ही श्वसन प्रणाली से जुड़ी परेशानी, पेट से जुड़ी समस्या और एनाफिलेक्सिस (anaphylaxis- एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति) शामिल है। जिन लोगों को मछली खाने से एलर्जी होती है उन्हें फिश ऑयल के सेवन से भी एलर्जी हो सकती है और इसकी वजह से कई बार गंभीर व जानलेवा प्रतिक्रिया भी हो सकती है। दरअसल, मछली की मांसपेशियों में पाया जाने वाला परवल्बुमिन (parvalbumin) नामक प्रोटीन इसके लिए जिम्मेदार होता है और संभव है कि यह प्रोटीन (protein) कई फिश ऑयल में भी पाया जाता है। वैसे तो किसी भी प्रकार की मछली से एलर्जी हो सकती है, लेकिन टूना (tuna), सैलमन (salmon), हलीबूट (halibut) से एलर्जी ज्यादा देखी जाती है।
फिश एलर्जी के कारण (Causes of fish allergies)
सभी तरह की एलर्जी में हमारा इम्यून सिस्टम खास एलर्जिक ट्रिगर्स (एलर्जेन/ allergens) के लिए प्रतिक्रिया करता है। इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी (antibody) उत्पन्न करता है जो एलर्जेन का पता लगाता है और इन्फ्लामेट्री रिएक्शन (inflammatory reaction) देकर हिस्टामाइन (histamine) नामक केमिकल का स्राव करता है। हिस्टमाइन के कारण हाइव्स (hives), हे फीवर (hay fever) और एलर्जी के दूसरे लक्षण दिखते हैं। सेलफिश और फिश में मौजूद खास अणु (molecule) जो एलर्जी को ट्रिगर करते हैं, वह कई तरह के खाद्य पदार्थों में मौजूद हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को किसी खास तरह की फिश से एलर्जी है, तो उसे किसी दूसरी मछली से भी एलर्जी हो सकती है। एलर्जी का कारण इम्यून सिस्टम की असमान्य प्रतिक्रिया है।
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फिश एलर्जी के लक्षण (Symptoms of fish allergies)
हर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अलग होता है इसलिए मछली से होने वाली एलर्जी (allergy) के लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। कई लोगों में फूड एलर्जी (food allergy) के कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन कुछ के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। वैसे तो यह एलर्जी सीफूड (seafood) के सेवन से होती है, लेकिन कई बार इसकी महक, इसे छूने या फिश ऑयल (fish oil) के सेवन से भी एलर्जी हो सकती है।