और पढ़ें : आंखों पर स्क्रीन का असर हाेता है बहुत खतरनाक, हो सकती हैं कई बड़ी बीमारियां
आंख की इस बीमारी का निदान कैसे किया जाता है?
एपिस्क्लेरिटिस (Episcleritis) के निदान के लिए नेत्र चिकित्सक आई चेकअप करवाने की सलाह देते हैं। इस दौरान डॉक्टर आंखों के रंग को देखकर आई चेकअप करते हैं। अगर लाल रंग की जगह हल्के नीले बैंगनी का इस्तेमाल करते हैं, तो वे आपको स्केलेराइटिस का निदान कर सकते हैं। वहीं एक और अन्य तरह से आई चेकअप की जा सकती है, जिसे स्लिप लैंप एग्जामिनेशन कहते हैं। इस टेस्ट के दौरान स्लिट लैंप नाम की मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर आंखों के सामने एक 3 डी-दृश्य रखते हैं। यह ध्यान रखें की इस आई चेकअप के दौरान डॉक्टर आंखों में आई ड्रॉप डालते हैं।
और पढ़ें : डॉक्टर आंख, मुंह, से लेकर पेट, नाक, कान तक का क्यों करते हैं फिजिकल चेकअप
एपिस्क्लेरिटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
आंख में सूजन या लाल होने पर एपिस्क्लेरिटिस का इलाज नहीं किया जाता है और यह अपने आप ही ठीक होने वाली परेशानी है। इससे आंखों को कोई तकलीफ भी नहीं पहुंचती है। लेकिन अगर तकलीफ ज्यादा होती है, डॉक्टर निम्नलिखित तरह से इलाज किया जा सकता है। जैसे:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड आई ड्रॉप्स आंखों में डालने की सलाह देते हैं।
- कृत्रिम आंसू की बूंदें डालकर।
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, जैसे इबुप्रोफेन आदि।
मुख्यतः इन्हीं तरहों से इलाज किया जाता है। लेकिन आप अपनी मर्जी से इलाज करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। अगर एपिस्क्लेरिटिस की परेशानी आपको महसूस होती है, तो शुरुआती वक्त में कुछ घरेलू उपाय का सहारा ले सकते हैं। इस आर्टिकल में आगे जानिए इसके घरेलू उपायों के बारे में।
एपिस्क्लेरिटिस के क्या हैं घरेलू उपाय?
आंखों की इस परेशानी को दूर करने के लिए निम्नलिखित आसान से घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं। इन उपायों में शामिल है:
- आई कूल आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें।
- आंखों को बर्फ से सेकें (आप सॉफ्ट कॉटन के कपड़ों में बर्फ दाल कर आंख की सिकाई करें)
- धूप में बाहर निकलने से पहले सनग्लास पहनना न भूलें।
- आंखों में ताजे पानी के छीटें मारें।
- टीवी, कंप्यूटर या मोबाइल फोन से दूरी बनायें।
इन छोटे-छोटे उपायों से आंखों की परेशानी खासकर एपिस्क्लेरिटिस से आसानी से बचा जा सकता है।