आज की दुनिया में बिगड़ती जीवशैली ही सबसे बड़ी बीमारी है। हाइपरटेंशन के कारणों में भी खराब लाइफस्टाइल भी आता है। हाइपरटेंशन का मुख्य कारण खराब डायट, एक्सरसाइज ना करना व स्ट्रेस या तनाव ही है। मोटापा, धूम्रपान, शराब, आहार उच्च रक्तचाप में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए इनको कंट्रोल में रखना जरूरी है। आप चाहें तो बी एम आई कैलक्युलेटर के तीन स्टेप में ही आप जान सकते हैं कि आप मोटापे के कितने करीब हैं?
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हाई ब्लड प्रेशर के खतरे क्या हैं?
- आंखों की रोशनी धुंधली हो जाती है या अंधापन भी आ सकता है।
- धमनियां संकुचित हो जाती हैं। इस कारण ही दिल, किडनी, मस्तिष्क सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है। इसके कारण ही अंगों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा हो जाता है। हार्ट अटैक, किडनी फेलियर या इरेक्टाइल डिसफंक्शन इसी के परिणाम हैं।
- हाइपरटेंशन के खतरे में दिल के बाद दिमाग आता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण याद्दाश्त में कमी के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक व ब्रेन हैमरेज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। चूंकि दिमाग को काम करने के लिए सुचारू रक्त व ऑक्सिजन के प्रवाह की आवश्यकता होती है।
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कैफीन क्या है ?
कैफीन का सेवन अधिकतर लोग करते हैं। कुछ विशेषज्ञों की मानें तो कैफीन आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। कैफीन कॉर्टिसोल( cortisol) और एड्रेनल (adrenaline) को शरीर में बढ़ाने का काम करता है। यह स्टीमूलेंट की तरह काम करते हैं, जिस कारण सेंट्रल नर्व सिस्टम और ब्रेन तेजी से काम करने लगता है। कैफीन और ब्लड प्रेशर का संबंध कैफीन के कारण बढ़े हुए हार्ट रेट और शरीर के तापमान के कारण से भी समझा जा सकता है। दिल का तेजी से काम करना या शरीर का तापमान बढ़ने के कारण रक्त वाहिकाओं को भी तेजी से काम करना पड़ता है जिस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना होती है। यदि कैफीन के नुकसानों की बात की जाए तो कैफीन के कारण हृदय असामान्य तरह से काम करता है। डिहाइड्रेशन, बार-बार पेशाब आना, सिर दर्द, नींद न आना या बेचैनी और मितली आना आदि की स्थितियां कुछ लोगों में दिखाई दे सकती हैं। कैफीन के सेवन से पीरियोडिक लिंब मूवमेंट डिसऑर्डर के होने का भी खतरा होता है।
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