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कुपोषण से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा प्यार और सपोर्ट की जरूरत
वैसे तो हर बीमारी व्यक्ति को एक्सट्रा केयर और सपोर्ट की जरूरत होती है, वहीं परिवार वालों के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि उन्हें सपोर्ट दिया जाए। ऐसे में कुपोषण का निवारण तभी संभव है जब बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल के साथ उसे सपोर्ट किया जाए। ताकि वो इस बीमारी से जल्द से जल्द निजात पा सके। इसलिए जरूरी तथ्यों पर एक नजर :
- कुपोषण का इलाज तभी संभव है यदि कोई खुद से खाना बनाने में असमर्थ है तो उसके परिवार या फिर परिचय के लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि उसके घर पर जाकर खाना बना दें, घर तक खाना पहुंचा दें।
- ऑक्यूपेशन थेरेपी के तहत कुपोषण का निवारण संभव है। व्यक्ति की दिनचर्या को ध्यान देकर बीमारी का इलाज करना चाहिए।
- कुपोषण से पीड़ित व्यक्ति के घर पर मील ऑन व्हील्स के सहारे यदि खाना पहुंचाया जाए तो कुपोषण का निवारण संभव है। ऐसा कर कुपोषण का इलाज किया जा सकता है।
- एक्सपर्ट की मदद लेकर क्या खाना है और कितनी मात्रा में खाना है इन बातों पर ध्यान देकर बीमारी में सुधार किया जा सकता है।
बेहद ही खतरनाक बीमारी है कुपोषण
कुपोषण का इलाज न किया गया तो उसके कारण मौत हो सकती है। बता दें कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में आधे से ज्यादा की मौत सिर्फ कुपोषण के कारण हो जाती है। कुछ इंफेक्शन के कारण यह बीमारी होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। बता दें कि 2019 तक विश्वभर में 21.3 फीसदी बच्चे कुपोषण की बीमारी से पीड़ित थे। जहां औसतन पांच बच्चों में एक इस बीमारी से पीड़ित पाया गया। वहीं 2000 और 2019 के आंकों की बात करें तो 2000 में जहां विश्वभर में 32.4 फीसदी बच्चे बीमारी से पीड़ित थे वहीं 2019 के आते आते 21.3 फीसदी बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं। वहीं 199.5 मीलियन बच्चों से घटकर 144 मीलियन पर यह आंकड़ा पहुंच गया, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज भी विश्वभर में कुपोषण बड़ी चुनौती है। वहीं साउथ एशिया में रहने वाले पांच बच्चों में से दो बच्चे इस बीमारी से प्रभावित हैं।
वहीं ओवरवेट की बात करें तो 2019 में मीडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में सबसे ज्यादाबच्चे ओवरवेट से ग्रसित पाए गए। इनमें करीब 11 फीसदी बच्चों में मोटापा देखा गया। वहीं सबसे कम यदि कहीं ओवरवेट की समस्या देखने को मिली तो वह साउथ एशिया है, जहां सिर्फ 2.5 फीसदी बच्चों में ही ओवरवेट की समस्या देखने को मिली।
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बच्चों में कुपोषण का इलाज
बच्चों में कुपोषण का इलाज तभी किया जाता है जब कोई बच्चा लंबे समय में शारिरिक बीमारी से जूझ रहा हो, इस कारण पौष्टिक आहार न मिलने के कारण शारिरिक रूप से कमजोर हो गया हो, तभी इलाज किया जाता है। ट्रीटमेंट या कुपोषण रोकने के उपाय में इनको किया जाता है शामिल, देंखें :
- खानपान में बदलाव कर जैसे खाने में हाई एनर्जी और न्यूट्रीएंट्स युक्त पौष्टिक आहार का सेवन कर
- वैसे परिवार जो पौष्टिक आहार का सेवन नहीं कर पा रहे हैं वैसे बच्चों के परिवार को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराकर
- कुपोषण से पीड़ित बच्चे को बेहतर डॉक्टरी सेवाएं उपलब्ध कराकर
- विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट देकर
- वैसे खाद्य पदार्थ जिनमें हाई एनर्जी और न्यूट्रीएंट्स शामिल हो उसका ज्यादा से ज्यादा सेवन कर कुपोषण का इलाज किया जा सकता है।
माना जाता है कि बीमारी से बच्चों में कुपोषण का इलाज करने के लिए उन्हें अच्छे खानपान के साथ देखभाल की भी जरूरत होती है। वहीं उन्हें एकाएक सामान्य डायट नहीं दी जाती, बल्कि अस्पताल में कुछ दिनों तक इलाज करने के बाद ही उन्हें अच्छी डायट दी जाती है। एक बार जब वो बीमारी से ठीक हो जाते हैं तो वो खुद ब खुद ही अच्छे से खाने का सेवन करने लगते हैं। स्थिति में सुधार आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर पर ही पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है। वहीं यह जरूरी है कि बीमारी का इलाज करने के लिए बीमारी से पीड़ित बच्चे को समय समय पर डॉक्टरी सलाह उपलब्ध कराई जाए। ताकि यह पता किया जा सके कि इलाज अच्छे से हो रहा है या नहीं, यदि कमी दिखती है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है। वहीं वैसे बच्चे जिनमें किसी प्रकार का कोई असर नहीं दिखता है तो उन्हें बीमारी से संबंधित एक्सपर्ट की सलाह लेने को कहा जाता है।
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कुपोषण के होने के रिस्क फैक्टर पर एक नजर
यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रेन्स फंड के अनुसार कुपोषण के रिस्क फैक्टर को बताया गया है। इसमें बेसिक और वैसे कारणों को बताया गया है जिसकी वजह से यह बीमारी होती है। वहीं यह तत्थ यह भी बताते हैं कि आखिर क्यों बच्चों को कुपोषण की बीमारी होती है। बच्चों में कुपोषण की बीमारी होने का कारण जहां पारिवारिक के साथ पर्यावरण, आर्थिक तंगी सहित अन्य हैं, जानें यहां :
- नियमित मात्रा में पौष्टिक आहार न मिलने के कारण
- अनियमित स्तनपान के कारण पौष्टिक आहार न मिलने से
- सही तरह से भ्रूण विकसित न हो पाने की स्थिति में
- अच्छे से साफ सफाई न रखने के कारण
- शिशु को पालने को लेकर मां-पिता को अधिक जानकारी का न होना
- फैमिली साइज बड़ी होने की स्थिति में
- सही से वैक्सीनेशन न देने के कारण
- गरीबी
- अर्थव्यवस्था, राजनीतिक सहित प्राकृतिक कारणों के वजह से
इन तमाम वजहों से कोई भी बच्चा कुपोषण से ग्रसित हो सकता है वहीं समय पर कुपोषण का इलाज न किया जाए तो उसकी मौत हो सकती है। भारत में हुए शोध से यह भी पता चला है कि शिशु को पौष्टिक आहार दिए जाने के साथ उसे स्वच्छ पानी, साफ सफाई और हाईजीन भी मेनटेन करना चाहिए। नहीं तो यह बीमारी हो सकती है।
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इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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