बेबी वैक्सिनेशन: हेमोफिलस इनफ्लेंजा टाइप बी (Hib) वैक्सीन
Hib वैक्सीन 3-4 डोज में दिया जाता है। हालांकि, यह इसके ब्रांड पर भी निर्भर करता है कि बच्चे को कितने डोज दिए जाएं। इसका पहला डोज 2 महीने, दूसरा चार महीने पर और जरूरत पड़ने पर तीसरा डोज छह महीने पर दिया जाता है। इसका आखिरी डोज 12-15 महीनों के बीच दिया जाता है।
बेबी वैक्सिनेशन: इन्फ्लूएंजा(Flu)
प्रत्येक बच्चे को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के छह महीने पर दिया जाता है। वहीं, नौ वर्ष से छोटे बच्चों को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के दो डोज की जरूरत होती है। यदि आपके बच्चे को भी एक से अधिक डोज की जरूरत हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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बेबी वैक्सिनेशन: खसरे का टीका (mumps)
यह वैक्सीन बच्चों को खसरे की बीमारी से बचाता है। बच्चों को एमएमआर (खसरे) वैक्सीन के दो डोज दिए जाते हैं। पहला डोज 12-15 महीने पर और दूसरा डोज 4-6 वर्ष की उम्र के बीच दिया जाता है। हाल ही के कुछ वर्षों में खसरा एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरा है।
बेबी वैक्सिनेशन: न्यूमोकोकल वैक्सीन
न्यूमोकोकल बीमारी एक प्रकार का संक्रमण होता है, जो स्टेरेप्टेकोकोकस न्यूमोनिया बैक्टीरिया से होता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे निमोनिया के नाम से जाना जाता है। इससे कान में संक्रमण और मेनिनगिटिस जैसी समस्या हो सकती है। इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को प्रेनव्नार (पीसीवी) के चार डोज दिए जाते हैं। इसका पहला डोज दो महीने, दूसरा चार महीने और तीसरा डोज छह महीने पर दिया जाता है। इसका चौथा डोज 12-15 महीनों पर दिया जाता है।
वहीं, कुछ बच्चों को न्यूमोवेक्स (पीपीएसवी) के एक डोज की जरूरत होती है। न्यूमोकोकल बीमारी से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए यदि आपके बच्चे को एक्सट्रा डोज की जरूरत पड़ती है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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पोलिया (IPV) वैक्सीन
पोलिया एक ऐसी घातक बीमारी है, जिससे शिशुओं की बॉडी में लकवा मार जाता है। इससे बचाव के लिए बच्चों को पोलियो वैक्सीन (IPV) के चार डोज की जरूरत होती है। इसका पहला डोज दो महीने और दूसरा डोज चार महीने पर दिया जाता है। पोलियो वैक्सीन का तीसरा डोज 6-18 महीने और चौथा डोज 4-6 वर्ष की उम्र में दिया जाता है।
अंत में हम यही कहेंगे बच्चे का टीकाकरण (वैक्सिनेशन) सबसे ज्यादा जरूरी है। जानलेवा संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए अपने बच्चों को सही समय पर टीके अवश्य लगवाएं। हर मां को अपने बच्चे का टीकाकरण कराना चाहिए। टीकाकरण बच्चों को जीवन भर हेल्दी रखने में मददगार साबित होता है।