के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हेपेटाइटिस बी संक्रमण लिवर की एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी हेपेटाइटिस-बी वायरस (Hepatitis-B Virus [HBV]) के कारण होती है। यह एक प्रकार का वायरस है, जो लिवर को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस-बी के दो रूप हैं:
यह एक कम समय तक रहने वाली बीमारी है, जो HBV के संपर्क में आने के पहले छह महीनों के भीतर होती है। एक्यूट संक्रमण का समय पर निदान नहीं हुआ तो यह क्रोनिक संक्रमण का रूप भी ले सकता है।
यह एक लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है, जो तब होती है, जब वायरस किसी व्यक्ति के शरीर में पहले से रहता है। अगर एक्यूट संक्रमण का समय पर निदान नहीं हुआ, तो आगे चलकर वही क्रोनिक संक्रमण का रूप ले लेता है।
वयस्क लोगों में इस बीमारी के लक्षण जैसे एक्यूट इलनेस,अधिक आम है। वयस्क की तुलना में, शिशुओं और बच्चों में क्रोनिक संक्रमण के ज्यादा मामले पाए जाते हैं। WHO के चौकने वाले आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में करीब दो अरब लोगों को हेपेटाइटिस-बी है। विशेषकर, एशिया में 250 मिलियन लोग HBV से ग्रस्त हैं।
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हेपेटाइटिस-बी संक्रमण को एक ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है क्योंकि, कई लोगों में इस बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं पाए जाते हैं। इसलिए, इस रोग पर अक्सर वर्षों तक किसी का कोई ध्यान नहीं जाता है।
हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) के प्राथमिक लक्षण नीचे बताए गए हैं :
हेपेटाइटिस-बी की समस्या गंभीर होने पर सिरोसिस (लिवर स्कारिंग) का भी रूप ले सकती है, जो आगे चलकर लिवर फेल जैसी गंभीर समस्या भी बन सकती है।
ऐसे अन्य कई लक्षण हैं, जिनका उल्लेख नहीं किया जा सकता। यदि आपके पास हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) के दुष्प्रभावों के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
यदि ऊपर बताए गए किसी संकेत या लक्षण आपको अपने शरीर में मिलते हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें। इसके अलावा, यदि आपको पता चलता है कि आप हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) के संपर्क में हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप वायरस की चपेट में आने के 24 घंटे के भीतर उपचार कराते हैं, तो आप संक्रमण के खतरों को कम कर सकते हैं।
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हेपेटाइटिस-बी के होने का मुख्य कारण HBV है। यह वायरस संक्रमित लोगों के साथ यौन संबंध और नॉन स्टेराइल सुइयों के उपयोग से फैलता है। संक्रमित खून और अन्य शरीर के तरल पदार्थ (जैसे, वीर्य, योनि स्राव, स्तन से निकला दूध, आंसू, लार और खुले घाव) वायरस को फैला सकते हैं। संक्रमित माताओं से यह बच्चों तक फैल सकता है।
हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) की बीमारी संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलती है। हेपेटाइटिस-बी संक्रमण को बढ़ाने के मुख्य कारण ये है :
अगर इनमे से कोई भी जोखिम आपकी जीवनशैली में नहीं हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बीमार नहीं हो सकते। ये संकेत केवल कुछ उदाहरण के लिए हैं। आपको अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
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यहां दी गई कोई भी जानकारी किसी भी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह की जगह प्रयोग नहीं की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
यदि आपके डॉक्टर को इस बात का संदेह है कि आपको हेपेटाइटिस-बी है, तो वह आपके खून की जांच कर सकता है। ब्लड टेस्ट (Blood Test) यह निर्धारित कर सकता है कि आपके शरीर में वायरस है या नहीं और यदि है तो कितना नया या पुराना है। आपके डॉक्टर इस बात को निर्धारित करने के लिए आपकी लिवर बायोप्सी भी कर सकते हैं। इस परीक्षण में, आपका डॉक्टर आपकी त्वचा से होते हुए आपके लिवर में एक पतली सी सुई डालता है और टिश्यू का एक नमूना टेस्ट के लिए भेज देता है।
यदि आप जानते हैं कि आप हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) के वायरस से संक्रमित हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। यदि वायरस के संपर्क में आने के 12 घंटे के भीतर आप हेपेटाइटिस-बी इम्यून ग्लोब्युलिन (Immune globulin) का एक इंजेक्शन लगवाते हैं, तो इस बीमारी की आपके शरीर में विकसित होने की संभावना कम हो सकती है। यदि आप कोई भी टीका नहीं लगवाते हैं, तो आपको एक्यूट या क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी हो सकता है। आपका उपचार इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का हेपेटाइटिस-बी है:
यदि आपके डॉक्टर आपके शरीर में एक्यूट हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण की पहचान करते हैं, तो इसका मतलब यह है कि ये बीमारी अपने आप दूर हो सकती है और आपको किसी उपचार की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके साथ-साथ,आपका डॉक्टर आपको आराम करने की सलाह दे सकता है। शारीरिक संबंध बनाने और तरल पदार्थों से बचें। इसके अलावा, जो लोग आपके संपर्क में आते हैं, उन्हें इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन दो सप्ताह के भीतर जरूर लगवाएं।
यदि आपके डॉक्टर ने आपके शरीर में क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी का संक्रमण पाया है, तो आपको लिवर की बीमारी (Liver disease) के जोखिमों को कम करने और दूसरों को संक्रमण फैलने से रोकने के लिए नीचे बताए उपचार बता सकते हैं :
कई एंटीवायरल दवाएं, जैसे लामिवुडिन (Lamivudine), एडिफॉविर (Adefovir),टेलबिवुडिन (Telbivudine) और एंटेकेविर (Entecavir) वायरस से लड़ने में मदद कर सकते हैं और आपके लिवर की क्षति को कम कर सकते हैं।
जो लोग लंबी अवधि के उपचार से गुजरना नहीं चाहते हैं या जो महिलाए कुछ वर्षों के भीतर गर्भवती होना चाहती हैं, वो इस इंजेक्शन का प्रयोग कर सकते हैं। इस इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स में डिप्रेशन (Depression) की समस्या, सांस लेने में कठिनाई और सीने में जकड़न शामिल हो सकते हैं।
यदि आपका लिवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, तो लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant) एक विकल्प हो सकता है। लिवर ट्रांसप्लांट के दौरान, सर्जन आपके खराब लिवर को हटा देता है और उसे स्वस्थ लिवर से बदल देता है।
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B) से लड़ने में मदद कर सकते हैं:
यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो अपने बेहतर समाधान को समझने के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
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