सोरायसिस के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं और हो सकता है कि किसी में एक लक्षण दिखाई दे और दूसरे में दूसरा लक्षण। किसी व्यक्ति में यह पैच छोटे हो सकते हैं और किसी में बड़े। अधिकतर मरीजों में इस चर्मरोग के लक्षण बदलते रहते हैं और गंभीर होते जाते हैं। उचित जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना सही रहेगा।
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कारण
सोरायसिस (Psoriasis) का कारण क्या है?
सोरायसिस इंफेक्शन के पीछे की सटीक वजह का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कई चीजों के मिलने के कारण हो सकता है। इसमें से इम्यून सिस्टम और जेनेटिक कारण मुख्य हैं। सोरायसिस इंफेक्शन में इम्यून सिस्टम से उत्पादित होने वाली ब्लड सेल्स, जिसे टी-सेल्स भी कहा जाता है, गलती से स्वस्थ स्किन सेल्स पर हमला करने लगती है, जिस कारण यह ऑटोइम्यून कंडीशन विकसित हो जाती है। इसके अलावा, कुछ लोगों में यह जेनेटिक जीन के कारण हो सकता है, जो कि उन्हें अपने माता-पिता या परिवार में से किसी से मिलते हैं।
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निदान
सोरायसिस (Psoriasis) के बारे में पता कैसे लगाएं?
इस चर्मरोग की जांच करने के लिए डॉक्टर द्वारा मुख्यतः दो तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। जैसे-
शारीरिक जांच
अधिकतर बार डॉक्टर सिर्फ शारीरिक जांच के जरिए सोरायसिस का पता लगा लेते हैं। जिसमें मुख्यतः इसके लक्षणों को देखा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं और दूसरी स्थितियों से काफी अलग होते हैं। इसमें निम्नलिखित जगहों पर पैच या स्कैल्प का पता लगाया जाता है। जैसे-
- सिर की त्वचा
- कान
- कोहनी
- घुटने
- नाभी के पास
- नाखून