पेशाब में खून आना
हिमेचूरिया (hematuria) इस बीमारी के होने के मुख्य रूप से तीन से चार लक्षण हैं। वहीं यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। डा. संजय बताते हैं कि,’ रोग होने का लक्षण यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन (urinary tract infection) होने से पेशाब का रंग बदलकर उसमें खून आए, जलन, दर्द और बुखार आता हैं। दूसरा कारण यूरिनरी स्टोन (urinary stone) या कैंसर होने के कारण होता है। ऐसा होने से यूरिनरी सिस्टम में किडनी, यूरेटर, पेशाब की नली, थैली, ब्लॉडर में स्टोन है तो इस कारण भी पेशाब से खून आ सकता है। तीसरा कारण यूरिनरी ब्लैडर कैंसर (urinary bladder cancer) या पेशाब की थैली के कैंसर के कारण भी खून का रिसाव हो सकता है। यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में अधिक होती है, वहीं यह पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है, क्योंकि रोग के होने का 70% फीसदी कारण किसी भी प्रकार का तंबाकू, गुटका, खैनी, पान, धूम्रपान आदि का सेवन करना है, जिसमें निकोटीन की मात्रा होती है। इस बीमारी का मुख्य लक्षण पीठ या पेट में दर्द, पेशाब से खून आना, खून के थक्कों का आना है। यदि किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उन्हें डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए। पेशाब के रंग में यदि इस प्रकार के बदलाव दिखें तो जरूरी है कि आप सचेत हो जाएं।
पेशाब में वीर्य का लक्षण दिखे तो हो जाए सचेत
यूरोलाजिस्ट डा. संजय बताते हैं कि स्पर्मेच्यूरिया (Spermaturia) के रोग को भारत में धात की बीमारी या धात सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी साइकोलॉजिकल बीमारी है, जो युवाओं में 18-20 साल के उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीमारी का लक्षण यही है कि यूरिन में स्पर्म आने लगता है। इस बीमारी का इलाज दवा के साथ काउंसलिंग के जरिए किया जाता है। युवाओं को लगता है कि पेशाब रंग बदल गया है वहीं उसमें से वीर्य निकल रहा होता है। ऐसे में डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
इन दवाओं के सेवन से भी बदलता है पेशाब का रंग
यूरोलाजी केयर फाउंडेशन के लेख के अनुसार फेनाजोफायरिडीन (Phenazopyridine (Pyridium) दवा का सेवन करने से पेशाब संबंधी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। दवा के अंदर मौजूद तत्व पेशाब का रंग रेडिश ऑरेंज में परिवर्तन कर सकते हैं। वहीं सूजन को कम करने की दवा जैसे सलफासालाजीन (sulfasalazine (Azulfidine), फेनाजोफायरेडीन (phenazopyridine) व कीमोथैरेपी के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली दवा के इस्तेमाल से भी पेशाब का रंग ऑरेंज रंग में बदल जाता है। वहीं अवसादरोधी दवा एमीट्रपिटीलाइन (amitriptyline) व दर्द निरोधक दवा प्रोपोफोल (डिप्रिवन) (propofol (Diprivan) का सेवन करने से भी पेशाब का रंग नीले से हरा हो सकता है।