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जानें मेमोरी लॉस क्या है? (What is memory loss)
डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) के बारे में जानने से पहले जानें मेमोरी लॉस के बारे में। मेमोरी लॉस यानि कि भूल जाने की बीमारी होना, जिसका एक कारण लोगों की बढ़ती उम्र भी हो सकती है। इसे भूलने की बीमारी भी कही जाती है। यह बीमारी मस्तिष्क से जुड़ी हुई है। वैसे तो कई व्यक्तियों में मेमोरी लॉस की वजह अल्जामइर या डेमेंशिया हो सकती है। लेकिन बुहुत से लोगों में इसके अलग-अलग कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि बढ़ती उम्र, ब्रेन की कोई प्रॉब्लम (Brain problem) या डायबिटीज का साइड इफैक्ट (Diabetes side effect)आदि। जिसमें लोग नाम भूल जाते हैं, क्या कर रहे थें या कोई समान रखकर भूल जाना आदि अब मेमोरी लॉस के ही लक्षण हैं।
मेमाेरी लाॅस के कुछ गंभीर लक्षण इस प्रकार हैं, जैसे कि:
ऐसे लक्षणों के दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज और मेमाेरी लॉस में क्या संबंध है? (Relation between diabetes and memory loss)
डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) के बीच संबंध देखा जा सकता है। बढ़ती उम्र इन दोनों के बीच कॉमन फैक्टर का काम करती है। यानि उम्र बढ़ने के साथ लोगों में डायबिटीज होने पर इसका प्रभाव नसों पर भी पड़ता है। एजिंग के साथ भूलने की समस्या (Alzheimer’s disease) भी होना स्वाभाविक है। मेमोरी लॉस और जनर्ल कॉग्नेटिव इम्पेयरमेंट, दोनों ही एक-दूसरे के लक्षण हैं, यह दोनों टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े हुए हो सकते हैं। शुगर पेशेंट (Diabetes Patient) के रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुचना आम है। डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) को लेकर एक अध्ययन के स्रोत के परिणाम में इस बात का पता चला है कि डिमेंशिया मस्तिष्क की समस्या ब्रेन में इंसुलिन सिग्नलिंग और मेटाबॉलिज्म से जुड़ा हुआ है। मस्तिष्क में इंसुलिन रिसेप्टर्स होते हैं और ये संरचनाएं इंसुलिन (Insulin) को पहचानती हैं। जब शरीर में इंसुलिन का असंतुलन होता है, तो इससे मेमोरी भी प्रभावित होती है। इससे अल्जामइमर डिजीज (Alzheimer’s disease)के लिए आपका जोखिम बढ़ जाता है। यह असंतुलन टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ज्यादा देखा गया है।
वैज्ञानिकों ने भी यह पाया है कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षणों का प्रभाव मेमोरी पर भी देखा गया है। जिसके कारण मेमोरी लाॅस की प्रॉब्ल्म (Memory Loss Problem) हो जाती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम टाइप 2 मधुमेह के लिए जोखिम के कुछ कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) से संबंधित सिंड्रोम के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- बल्ड प्रेशर में वृद्धि (Blood Pressure)
- हाय ब्लड शुगर लेवल (Sugar Level)
- असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर (cholesterol)
- विशेष रूप से कमर के आसपास शरीर में वसा का बढ़ना (Fat)
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अध्ययनों में यह निष्कर्ष मिला है कि डायबिटीज और एडी यानि अल्जाइमर डिजीज (Alzheimer’s Disease) या डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) के उच्च स्तर के बीच संबंध है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले लोगों में एडी विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। एडी के शिकार वाले लोग अक्सर हायपरग्लाइसेमिया (Hyperglycemia) और इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करते हैं।
ये निष्कर्ष फ्रंटियर्स इन न्यूरोसाइंसेसट्रस्ट (Neurosciences) सोर्स में प्रकाशित समीक्षा द्वारा प्रबलित हैं। हालांकि शोधकर्ता इस समय कनेक्शन की पूरी सीमा को नहीं जानते हैं, इंसुलिन सिग्नलिंग और अल्जाइमर रोग के बीच संबंध स्पष्ट हूं।
इसी के साथ ही ऐसे मरीजों में कई चीजों को लेकर दिलचस्पी भी समय के साथ खत्म होने लगती है। कई बार लोग सुस्त महसूस करने लगते हैं। वह काफी सुस्त महसूस करने लगते हैं। कई बार पेशेंट रो कुछ भी समझने में असमर्थ महसूस करता है, तो ऐसे में उसका स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है। जो उसके साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी परेशान करता है। ऐसे में डाॅक्टर की मेडिकेशन (Medication) बहुत जरूरी है। डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) के संबंध में आप अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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डायबिटीज और मेमोरी लॉस: डॉक्टर से मिलें (Treatment of memory loss)
अगर आपको डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) की समस्या हो रही है, तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। उसी के बाद ही आपको पता चल पाएगा कि आपकी मेमोरी लॉसस प्रॉब्लम की वजह डायबिटीज है या कुछ और वजह है। उसी के अनुसार डॉक्टर आपका मेडिकेशन शुरु कर देंगे। हो सकता है कि आपको कुछ लाइफस्टाइल बदलाव की जरूरत हो, जो आपके इस रिस्क को कम कर सकती है। यदि अल्जाइमर डिजीज (Alzheimer’s disease) है आपके मेमोरी लॉस का कारण, तो डॉक्टर कोलेलिनेस्टरेज (Cholinesterase) इनहिबिटर शुरू करने की सलाह दे सकते हैं। यह आपकी मानसिक हालत और मेमोरी लॉस (Memory loss) की प्रॉब्ल्म में सुधार ला सकत हैं। इसके अलावा बाकी का मेडिकेशन (Medication) इस बात पर निर्भर करता है कि आपको मेमोरी लॉस किस स्टेज की है और उसके होने के कारण पर।
इसके अलावा अपने खानपान में ऐसे फूड को शामिल करें, जैसे कि हर पत्तेदार सब्जियां (Leafy Vegetable), दूध, दही, विटामिन (Vitamin) वाले फूड। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड को भी डायट (Diet) में शामिल करना जरूरी है। नट़स में अखरोट (Nuts) का सेवन जरूर करें। इस बीमारी के इलाज में आपकी डायट की भी अहम भूमिका है।
आपको डायबिटीज और मेमोरी लॉस (Diabetes and memory loss) के बीच के संबंध समझ में आ गया होगा शायद। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर बार मेमोरी लॉस का कारण डायबिटीज की समस्या हो, और भी बहुत से कारण हो सकते है, जैसे कि ब्रेन टयूमर (Brain Tumor), कोई चोट या एक्सिडेट या कोई हादसा होने पर। इसका कारण कोई क्रॉनिक डिजीज भी हो सकती है। कई बार हैवी डोज की दवाइयों के कारण भी लोगों को मेमोरी लॉस की शिकायत हो जाती है। इस तहर के कोई भी लक्षण दिखने पर आपको देर नहीं करनी चाहिए, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से मिलें।