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अर्ली ऑनसेट पार्किंसन (Early Onset Parkinson) पार्किंसन डिजीज से कैसे अलग है?

लोग जो अर्ली ऑनसेट पार्किंसन डिजीज से ग्रसित होते हैं उनकी फैमिली हिस्ट्री में पार्किंसन बीमारी ज्यादा होती है। यंग ऑनसेट पीडी से पीड़ित निम्न बातों का अनुभव कर सकते हैं।
- पार्किंसन के लक्षणों का धीमा विकास
- डिस्टोनिया (Dystonia’s) की प्रॉब्लम बार-बार होना। जिसमें क्रैम्पिंग और एब्नॉर्मल पॉश्चर जैसी तकलीफें होना शामिल है।
अर्ली ऑनसेट पार्किंसन डिजीज के कारण क्या हैं? (Early Onset Parkinson’s Disease Causes)
अब तक इस बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है कि किसी भी उम्र में पार्किंसन डिजीज होने के कारण क्या हैं। जेनेटिक फैक्टर्स, एनवायरमेंटल फैक्टर्स मिलकर इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं। यह स्थिति तब होती है जब मस्तिष्क के उस भाग की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं जो डोपामाइन का उत्पादन करता है। डोपामाइन मस्तिष्क के संकेतों को भेजने के लिए जिम्मेदार है जो मूवमेंट को नियंत्रित करता है।
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पार्किंसन डिजीज के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? (Risk factors of Parkinson’s Disease)
आपको पार्किंसन डिजीज होने के चांसेज बेहद बढ़ जाते हैं अगर आप :
- पुरुष हैं
- किसी ऐसे एरिया में रहते हैं जहां पर ऑर्गैनिक और इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन होता है
- आप किसी ऐसी जगह पर काम करते हैं जहां पर आपका सामना टॉक्सिक कैमिकल जैसे कि मैग्नीज या लेड से होता है
- आपकी कोई हेड इंजरी हुई है
अर्ली ऑनसेट पार्किंसन (Early Onset Parkinson’s) डिजीज को रोकने के लिए क्या करें?
पार्किंसन से बचने के लिए कोई निणार्यक तरीका नहीं है। कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें उठाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
कैफीन का उपयोग
जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार कैफीन अर्ली मोटर और नॉनमोटर (Early Motor and Nonmotor ) लक्षणों को रिस्टोर करने में मदद कर सकती है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए।
एंटी इंफ्लामेट्री ड्रग का उपयोग
अमेरिकन एकेडेमी ऑफ न्यूरोलॉजी में पब्लिश्ड एक स्टडी के मुताबिक एंटी इंफ्लामेट्री ड्रग (Anti-inflammatory Drugs) पार्किंसन को रोकने में मदद कर सकती हैं। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
विटामिन डी
पार्किंसन डिजीज से पीड़ित कई लोगों में विटामिन डी (Vitamin D) की पर्याप्त मात्रा नहीं पाई जाती। विटामिन डी सप्लिमेंट्स इस रिस्क को कम कर सकते हैं। किसी भी सप्लिमेंट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
एक्टिव रहें
एक्सरसाइज मसल्स स्टिफनेस और मोबेलिटी को इम्प्रूव करती है। यह डिप्रेशन (Depression) को कम करने का भी काम करती है। एक्टिव रहना पार्किंसन के रिस्क को भी कम कर सकता है। इसलिए नियमित एक्सरसाइज जरूर करें। चाहे तो वॉक ही कर लें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और जुवेनाइल पार्किंसन और अर्ली ऑनसेट पार्किंसन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।