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उपचार (Treatment): इस आंखों के रोग (Eye Disease) के उपचार डॉक्टर सबसे पहले मरीज को अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन के लिए कहते हैं ताकि ब्लड ग्लूकोज की मात्रा संतुलित रहे। इसके साथ ही कुछ अन्य तरीके भी अपनाएं जा सकते हैं, जैसे:
- कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)
- स्कैटर लेज़र सर्जरी (Scatter Laser Surgery)
- एंटी-VEGF इंजेक्शन थेरेपी (Anti-VEGF Injection Therapy)
- विटरेक्टॉमी (Vitrectomy)
- फोकल/ग्रिड मैकुलर लेज़र सर्जरी (Focal/grid macular Laser Surgery)
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ड्राई आइज सिंड्रोम (Dry Eyes Syndrome)
ड्राई आइज सिंड्रोम एक सामान्य स्थिति है, जो तब होती है जब आंसू हमारी आंखों के लिए पर्याप्त लुब्रिकेशन प्रदान करने में सक्षम नहीं होते हैं। आंसू कई कारणों से अपर्याप्त और अनस्टेबल हो सकते हैं। इस समस्या के लक्षण इस प्रकार हैं:
- आंखों में जलन या खुजली होना (Burning or Scratchy Sensation in your Eyes)
- आपकी आंखों के अंदर या आसपास गाढ़ा बलगम (Stringy Mucus in or around your Eyes)
- रोशनी के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity to Light)
- आंखों का लाल होना (Eye Redness)
- ऐसा महसूस होना जैसे आंखों में कुछ है (Sensation of having Something in Your Eyes)
- कॉन्टेक्ट लेंस पहनने में समस्या (Difficulty wearing Contact Lenses)
- रात को ड्राइव करने में समस्या (Difficulty with Nighttime Driving)
- धुंधली रोशनी या आंखों का थकना (Blurred Vision or Eye Fatigue)
कारण (Causes): ड्राई आइज सिंड्रोम कई उन कारणों से हो सकता है, जिनसे हेल्दी टेअर फिल्म को नुकसान होता है। हमारी टेअर फिल्म तीन परतों से बनती होती है। इन तीनों परतों में से अगर किसी में भी समस्या हो तो वो इस सिंड्रोम का कारण बन सकती है। इन फिल्मों को नुकसान होने के काई कारण होते हैं, जैसे हॉर्मोन में बदलाव, ऑटोइम्यून डिजीज आदि। इन स्थितियों में जोखिम बढ़ सकता है:
- 50 साल से अधिक उम्र (Being older than 50)
- महिलाओं को इसका जोखिम अधिक होता है (Being a Women)
- आहार में विटामिन A की कमी (Eating a Diet that is Low in Vitamin A)
- कॉन्टेक्ट लैंसेस पहनना (Wearing Contact Lenses)
उपचार (Treatment) : हल्की ड्राई आइज सिंड्रोम की समस्या के उपचार के लिए ओवर- द-काउंटर आइड्रॉप्स ले सकते हैं। इसके कुछ उपचार उन स्थितियों को मैनेज करना है, जिनसे यह समस्या होती है। इसके उपचार इस प्रकार हैं:.
- आइलिड की सूजन को दूर करने के लिए दवाई (Drugs to reduce eyelid Inflammation)
- कॉर्निया की सूजन को कम करने के लिए आइड्रॉप्स (Eyedrops to control Cornea Inflammation)
- टेयर स्टिमुलेटिंग दवाई (Tear-stimulating Drug)
- खुद के खून से बनी आइड्रॉप्स (Eyedrops made from your Own Blood)
आंखों के रोगों का निदान (Diagnosis of Eye Disease)
आंखों की समस्याओं का निदान और उनकी गंभीरता को जांचने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। यह टेस्ट डॉक्टर मरीज के लक्षणों के अनुसार भी हो सकते हैं। जानिए आंखों की समस्याओं के निदान के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं:
- एंजियोग्राफी (Angiography)
- एलेक्ट्रोरेटिनोग्राफी (Electroretinography)
- अल्ट्रासोनोग्राफी (Ultrasonography)
- ऑप्टिकल कोहेरेन्स टोमोग्राफी (Optical Coherence Tomography)
- कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग Magnetic Resonance Imaging

आंखों के रोग से बचने के लिए क्या करना जरूरी है? (Prevention for Eye Disease)
आंखों के रोगों (Eye Disease) से बचना संभव है। इसके लिए आपको केवल अपने लाइफस्टाइल में कुछ परिवर्तन करने चाहिए। इन परिवर्तनों से आपको आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलेगी। जानिए कौन से हैं वो तरीके, जिन्हें अपना कर आप आंखों की समस्याओं को दूर रख सकते हैं:
- सही आहार का सेवन करें (Right Diet) : आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ खाद्य पदार्थ बेहद लाभदायक होते हैं जैसे हरी सब्जियां, मेवे, अंडे, फल, साबुत अनाज आदि।
- स्मोकिंग न करें (Don’t Smoke) : स्मोकिंग करने से आंखों के रोग (Eye Disease) होने की संभावना बढ़ती है। इसलिए अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे छोड़ दें।
- व्यायाम करें (Exercise) : व्यायाम करने से न केवल हमारा संपूर्ण शरीर हेल्दी रहता है बल्कि हमारी आंखों को भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इसलिए व्यायाम करें।
- सूरज की हानिकारक किरणों से बचें (Avoid the Sun’s Harmful Rays) सूरज की हानिकारक किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इनके संपर्क में आने से बचे।
- पर्याप्त नींद लें (Enough Sleep) : शरीर के साथ ही आंखों को भी पर्याप्त आराम और नींद की जरूरत होती है। इसलिए पर्याप्त नींद लें। इसके साथ ही तनाव से भी बचें।
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अगर आप चाहते हैं कि आंखों के रोग (Eye Disease) आपसे दूर रहें तो साल में कम से कम एक बार डॉक्टर से चेकअप जरूर कराएं। भले ही आपको आंखों से जुड़ी कोई समस्या हो या नहीं। इससे आपको आंखों के रोगों से बचने में आसानी होगी। आंखों के रोग (Eye Disease) की गंभीरता को समझें और कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।