पर्यावरण (Environment)
इस कारक में कई चीजें आती हैं जो माइग्रेन की समस्या को बढ़ा देती हैं जैसे मौसम में बदलाव, तनाव, भोजन, बदबू और नींद की कमी आदि।
तनाव (Depression)
ऐसा माना जाता है कि जो लोग तनाव जैसी समस्या से पीड़ित होते हैं, उनमे भी माइग्रेन होने की संभावना अधिक होती है ऐसे में ही अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों में भी यह प्रॉब्लम हो सकती है।
नींद और माइग्रेन के बीच क्या संबंध है?
क्या आप जानते हैं कि नींद और माइग्रेन का भी गहरा रिश्ता है? अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती या आपको अच्छे से नींद नहीं आती है तो भी आप माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं। शोध से यह बात साबित हो चुकी है कि अगर आपकी रात को नींद खराब होती रहती है तो आपको अन्य समस्याओं के साथ ही माइग्रेन होने की संभावना भी रहती है। इसके साथ यह भी माना जाता है कि रात को अगर नींद पूरी न हुई हो तो अगली सुबह माइग्रेन का जोखिम ज्यादा होता है। लेकिन, दूसरे या तीसरे दिन भी यह समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए अपनी नींद को खराब न होने दें ताकि आप बिना किसी समस्या के पूरी और आरामदायक नींद लें।
सिरदर्द और माइग्रेन का उपचार (Treatment of Headache and Migraines)
हालांकि, सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) का कोई खास उपचार नहीं है। लेकिन, दवाइयां और लाइफस्टाइल में बदलाव इसके लक्षणों को कम करने और भविष्य में इसके एपिसोड को कम करने में प्रभावी है। जानिए इसके उपचारों के बारे में विस्तार से।
ओवर द काउंटर दवाइयां (Over the Counter Medicines)
सिरदर्द और माइग्रेन (Headache and Migraines) को दूर करने के लिए कुछ ओवर द काउंटर दवाइयां जैसे एसिटामिनोफेन (Acetaminophen), आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) और एस्पिरिन (Aspirin) ली जाती है, जो सिरदर्द और कम माइग्रेन में सहायक हैं। इसके अलावा मेलाटोनिन (Melatonin) भी माइग्रेन और क्लस्टर सिरदर्द को रोकने में मदद कर सकती है। हालांकि, हर स्थिति और व्यक्ति के अनुसार सही खुराक बदलती है, इसलिए इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें।
यह भी पढ़ें: Migraine: माइग्रेन क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार
डॉक्टर की सलाह के बाद ली जाने वाली दवाईयां (Prescription drugs)
अगर आपको गंभीर माइग्रेन रोजाना हो रही है तो ओवर द काउंटर ट्रीटमेंट (Over the Counter Treatment) आपकी काम नहीं आने वाले। ऐसे में आप के लिए डॉक्टर की सलाह और उनकी बताई दवाई लेना जरूरी है। ताकि माइग्रेन की गंभीरता को कम किया जा सके। इसमें यह दवाइयां शामिल हैं
- ब्लड प्रेशर की दवाईयां जैसे बीटा ब्लॉकर्स (beta Blockers)
- एंटीडिप्रेसेंट्स दवाईयां(Antidepressants)
- एंटी-सीजर (Anti-Seizure Medicines)
- बोटुलिनम टोक्सिन A इंजेक्शंस (Botulinum Toxin A (Botox) Injections)