रिसर्च के अनुसार 15 प्रतिशत बच्चे एब्डॉमिनल माइग्रेन से पीड़ित होते हैं। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों में यह बीमारी ज्यादा होती है। एब्डॉमिनल माइग्रेन (Abdominal Migraine) की समस्या सिर्फ 2 प्रतिशत वयस्कों में देखी जाती है। बच्चों में पहली बार यह बीमारी 2 से 10 साल की उम्र के बीच होती है। वैसे बच्चे जो एब्डॉमिनल माइग्रेन की चपेट में आ जाते हैं, उनमें बड़े होने के बाद उन्हें सिरदर्द का माइग्रेन होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। एक स्टडी के अनुसार 90 प्रतिशत बच्चों को यह बीमारी अपने भाई-बहन या माता-पिता से मिलती है। इसलिए इसे जेनेटिकल भी माना जाता है। इस आर्टिकल में समझेंगे एब्डॉमिनल माइग्रेन से जुड़ी पूरी जानकारी।