एच. पाइलोरी संक्रमण और पेप्टक अल्सर में क्या है संबंध?
पेप्टिक अल्सर खुला घाव होता है, जो स्टमक लाइनिंग या छोटी आंत के ऊपर (duodenum) हो सकता है। जो अल्सर स्टमक में होता है, उसे गैस्ट्रिक अल्सर (gastric ulcer)कहते हैं। ज्यादातर अल्सर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन के कारण होते हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच नजदीकी और फीकल मैटर (fecal matter) या उल्टी के संपर्क में आने से ये संक्रमण फैलता है। बैक्टीरिया के कारण प्रोटेक्टिव स्टमक म्युकस कमजोर पड़ने लगता है, जिसके कारण एसिड सेंसिटिव लाइनिंग में पहुंच जाता है। एसिड और बैक्टीरिया के कारण स्टमक लाइनिंग में अल्सर की समस्या हो जाती है। जिन लोगों को पेप्टिक अल्सर की समस्या होती है, उन पेशेंट्स का एच. पाइलोरी टेस्ट भी किया जाता है। पेप्टिक अल्सर होने का कारण पेट में अधिक मात्रा में एसिड का बनना भी हो सकता है। जो लोग स्पाइसी खाना ज्यादा खाते हैं, उन्हें भी पेप्टिक अल्सर या फिर स्टमक अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्मोकिंग, एल्कोहॉल का अधिक सेवन, डायबिटीज या स्ट्रेस अधिक लेने भी पेप्टिक अल्सर की समस्या हो जाती है। एच. पाइलोरी इन्फेक्शन जब लंबे समय तक रहता है, तो टिशू की ग्रोथ भी अचानक से बढ़ने लगती है, जो पेट के कैंसर का कारण बन सकती है। ये जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को एच. पाइलोरी इन्फेक्शन हुआ हो, उन्हें कैंसर भी हो जाए। कुछ केसेज में कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन से पाना है छुटकारा, तो इन बातों का रखें ध्यान
आपको उपरोक्त जानकारी से ये तो पता ही चल गया होगा कि एच. पाइलोरी इन्फेक्शन किन कारणों से फैलता है और ये कैसे कैंसर का कारण बन सकता है। अगर समय पर इस संक्रमण का इलाज न कराया जाए, तो ये जानलेवा भी हो सकता है। आपको एच. पाइलोरी का ट्रीटमेंट कराने के साथ ही कुछ सावधानियां भी रखनी होंगी, ताकि ये संक्रमण आपको दोबारा न हो सके।
- एच. पाइलोरी संक्रमण से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ख्याल रखने की जरूरत है। हमारे आसपास बहुत से सूक्ष्म जीव होते हैं, जो हमे संक्रमित कर सकते हैं। आपको खाना खाने के पहले, बाथरूम का इस्तेमाल करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। बेहतर होगा कि आप अपना जूठा खाना अन्य को न खिलाएं क्योंकि ये इन्फेक्शन लार के माध्यम से भी फैल सकता है।
- आप जिन सब्जियों या फिर फलों का इस्तेमाल करने वाली है, उन्हें थोड़ी देर तक पानी में ही रखें और फिर साफ करें। बिना धुलें सब्जियों या फलों को बिल्कुल भी न खाएं।
- अगर बहुत जरूरी न हो, तो बाहर का खाना खाने से बचें। एच. पाइलोरी के फैलने का मुख्य कारण दूषित भोजन और पानी है। अगर आप घर से ही पानी और भोजन ले जाएंगे, तो बेहतर होगा।
- खाने में पौष्टिक आहार शामिल करने से आपको कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। आपको पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
- कोई भी सब्जी या फिर मीट को आधा कच्चा न खाएं। खाना अच्छी तरह से पका कर खाएं।
उपरोक्त बातों का ध्यान रख आप हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन से बच सकते हैं। फिर भी अगर आपको एच. पाइलोरी संक्रमण के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं और ट्रीटमेंट कराएं।