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“कहते हैं सादा भोजन उच्च विचार हेल्दी रहने का मूल मंत्र है” लेकिन, बदलते जीवन शैली का असर हमसभी की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता जा रहा है। अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना अच्छी बात है लेकिन, बदलाव सकारात्मक होना चाहिए। देखा जाए तो समय के अभाव में हेल्दी खाना-पीना दो कदम पीछे होते हुए जंक फूड हमसभी के साथ चलने लगा है। इसका सबसे ज्यादा और सबसे पहले नकारात्मक प्रभाव पेट पर पड़ता है और धीरे-धीरे पूरा शरीर कमजोर पड़ने लगता है। आज इस आर्टिकल में जानेंगे पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of abdominal pain) क्या है? पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of abdominal pain) कैसे किया जाता है? क्या है पेट दर्द के लक्षण और कारण?
पेट दर्द के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे – (Stomach Pain Symptoms)
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए ऊपर बताई गई परेशानियां महसूस होने पर इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द आयुर्वेद एक्सपर्ट से मिलें।
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पेट दर्द के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
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ये सामान्य कारणों के साथ-साथ कुछ अन्य कारणों को भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे –
इन शारीरिक परेशानियों के अलावा खाद्य पदार्थों के सेवन से भी पेट दर्द की समस्या हो सकती है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। यह भी ध्यान रखना चाहिए की वैसे खाद्य पदार्थों के भी सेवन से बचना चाहिए जिनके सेवन से आपको एलर्जी हो।
पेट दर्द होने का सबसे सामान्य कारण कब्ज होती है। पेट दर्द कब्ज की समस्या का संकेत देता है। कब्ज एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को मल त्याग के दौरान परेशानी आती है या वल मल त्याग करने में असफल रहता है।
सामान्य रूप से हर व्यक्ति को एक सप्ताह में कम से कम 3 बार मल त्याग अवश्य करना चाहिए। इससे कम अवधि को कब्ज की स्थिति माना जाता है।
कब्ज आमतौर पर फाइबर या पानी की कमी के कारण होती है। ऐसे में इसका भी आयुर्वेद में एक बेहतरीन उपचार मौजूद है। कब्ज के कारण पेट दर्द होने पर इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं –
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विरेचन क्रम
दस्त के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए विरेचन क्रिया की जाती है। इसमें जड़ी बूटियों और कई जड़ी बूटियों से मिलकर बनी दवाओं के जरिए आंतों को साफ किया जाता है। विरेचन कर्म में दस्त करवाकर शरीर की सफाई की जाती है।
विरेचन क्रिया के लिए एलोवेरा, सेन्ना और रूबर्ब का इस्तेमाल किया जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को साफ कर के बीमारियों का कारण बनने वाले असंतुलित दोषों में संतुलन लाता है। विरेचन से शरीर में हल्कापन महसूस होता है और मस्तिष्क शांत रहता है। इससे पाचन में भी सुधार आता है। इसी वजह से पेट से जुड़ी बीमारियों और पेट दर्द को दूर करने के लिए विरेचन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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वमन कर्म
वमन क्रिया में जड़ी बूटियों से उलटी करवाई जाती है। पेट को साफ करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए यह क्रिया की जाती है। इससे नाड़ियों और छाती में जमा विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाता है। वमन में कुटज और वच का इस्तेमाल कर उलटी लाई जाती है और आंवला, नीम और पिप्पली से उल्टी लाने वाली जड़ी बूटियों के प्रभाव को बढ़ाया जाता है। वमन क्रिया अपच, गैस्ट्रोएनट्राइटीटीस, जीर्ण बुखार, जुकाम, खांसी और अस्थमा के इलाज में उपयोगी है।
वमन क्रिया करने के बाद व्यक्ति को पर्याप्त आराम करने के लिए कहा जाता है और गलके पेय पदार्थ दिए जाते हैं। इस क्रिया की खास बात यह है कि इससे शरीर की सारी गंदगी उल्टी के जरिए बाहर निकाल जाती है और शरीर में तीनों दोष (वात, पिट पिट और कफ) संतुलन में आ जाता है।
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पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of abdominal pain) निम्नलिखित है। जैसे:
अजवाइन में फ्लेवोनॉइड, एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीएसिटलिनस एवं ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने में सहायक होता है। इसलिए इसका पेट दर्द में सेवन की सलाह देते हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्षक पेट दर्द होने पर दशमूलारिष्ट के सेवन की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सेवन खाना खाने के बाद या खाली पेट करने से पेट दर्द में राहत मिलती है। अगर किसी व्यक्ति को भूख न लगने की परेशानी है, तो यह परेशानी भी दूर हो सकती है। यह दवा पेट में दर्द का इलाज करने के लिए बहुत असरकारी है।
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पुदीना सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें फोस्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयरन, कैल्शियम एवं मैग्नीशियम जैसे विशिष्ट पौष्टिक तत्व उपस्थित होते हैं। पुदीने से पेट दर्द का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट पुदीने की पत्ते से निकले जूस की कुछ बूंदें पानी में डाल कर सेवन करने की सलाह देते हैं। क्योंकि पुदीने के सेवन से पेट दर्द की परेशानी को दूर किया जा सकता है।
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पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करना चाहते हैं, तो आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन में एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीफंगल जैसे गुण मौजूद होते हैं। इन गुणों के साथ-साथ इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कच्चे लहसुन का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी परेशानी दूर होती है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट पेट दर्द की परेशानी को दूर करने के लिए पंचसकार चूर्ण के सेवन की सलाह देते हैं। आयुर्वेद से जुड़े जानकार के सलाह अनुसार पंचसकार चूर्ण का सेवन लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से पेट के भारीपन की शिकायत दूर होने के साथ ही पेट साफ भी रहता है। पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करना चाहते हैं, तो आप पंचसकार चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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पेट दर्द की समस्या या पेट फूलने की परेशानी को दूर करने के लिए हिंगावाष्टक चूर्ण अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसका सेवन रोजाना सुबह एवं शाम को करने से फायदा मिलता है। लेकिन, बेहतर होगा अपनी परेशानी बता कर आयुर्वेद एक्सपर्ट से इसकी सही मात्रा में सेवन की सलाह लेकर हिंगावाष्टक चूर्ण का बेहतर लाभ उठाया जा सकता है।
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काले नमक का सेवन पेट के लिए लाभकारी माना जाता है। लेकिन, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का मानना है की काले नमक को हिंग, अजवाइन और सोंठ के साथ मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पेट में होने वाली गुड़गुड़ाहट या पेट में होने वाले ऐंठन से राहत मिल सकती है।
पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज इन ऊपर बताये गए तरीकों से किया जाता है। लेकिन, खुद से अपना इलाज शुरू करने से बेहतर होगा आयुर्वेदिक जानकार से सलाह लेकर करें। ऐसा करने से पेट दर्द की परेशानी से जल्द राहत मिल सकती है। वैसे पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज के साथ-साथ घरेलू उपाय को भी अपनाना बेहद जरूरी है।
किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन और इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए तभी उपचार का लाभ मिल पाता है वरना फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।
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पेट दर्द की परेशानी से बचने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं। जैसे
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इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर पेट दर्द की परेशानी से बचा जा सकता है। लेकिन, अगर यूरिन या मोशन के दौरान ब्लड आने की परेशानी हो, अत्यधिक पेट दर्द हो या पेट में जलन की परेशानी दूर न हो देर न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आप पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज से जुड़े या पेट दर्द की परेशानी से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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