- आयुर्वेदिक थेरेपी – स्नेहन, स्वेदना (Swedana), विरेचन और बस्ती
- आयुर्वेदिक औषधियां – त्रिफला, ईसबगोल भूसी, आंवला और हरड़।
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विरेचन क्रम
दस्त के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए विरेचन क्रिया की जाती है। इसमें जड़ी बूटियों और कई जड़ी बूटियों से मिलकर बनी दवाओं के जरिए आंतों को साफ किया जाता है। विरेचन कर्म में दस्त करवाकर शरीर की सफाई की जाती है।
विरेचन क्रिया के लिए एलोवेरा, सेन्ना और रूबर्ब का इस्तेमाल किया जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को साफ कर के बीमारियों का कारण बनने वाले असंतुलित दोषों में संतुलन लाता है। विरेचन से शरीर में हल्कापन महसूस होता है और मस्तिष्क शांत रहता है। इससे पाचन में भी सुधार आता है। इसी वजह से पेट से जुड़ी बीमारियों और पेट दर्द को दूर करने के लिए विरेचन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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वमन कर्म
वमन क्रिया में जड़ी बूटियों से उलटी करवाई जाती है। पेट को साफ करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए यह क्रिया की जाती है। इससे नाड़ियों और छाती में जमा विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाता है। वमन में कुटज और वच का इस्तेमाल कर उलटी लाई जाती है और आंवला, नीम और पिप्पली से उल्टी लाने वाली जड़ी बूटियों के प्रभाव को बढ़ाया जाता है। वमन क्रिया अपच, गैस्ट्रोएनट्राइटीटीस, जीर्ण बुखार, जुकाम, खांसी और अस्थमा के इलाज में उपयोगी है।
वमन क्रिया करने के बाद व्यक्ति को पर्याप्त आराम करने के लिए कहा जाता है और गलके पेय पदार्थ दिए जाते हैं। इस क्रिया की खास बात यह है कि इससे शरीर की सारी गंदगी उल्टी के जरिए बाहर निकाल जाती है और शरीर में तीनों दोष (वात, पिट पिट और कफ) संतुलन में आ जाता है।
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इलाज
पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? (Ayurvedic Treatments For Stomach Pain)
पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of abdominal pain) निम्नलिखित है। जैसे:
पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 1: अजवाइन (Celery Seeds)
अजवाइन में फ्लेवोनॉइड, एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीएसिटलिनस एवं ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने में सहायक होता है। इसलिए इसका पेट दर्द में सेवन की सलाह देते हैं।
2: दशमूलारिष्ट (Dashmularishta)
आयुर्वेदिक चिकित्षक पेट दर्द होने पर दशमूलारिष्ट के सेवन की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सेवन खाना खाने के बाद या खाली पेट करने से पेट दर्द में राहत मिलती है। अगर किसी व्यक्ति को भूख न लगने की परेशानी है, तो यह परेशानी भी दूर हो सकती है। यह दवा पेट में दर्द का इलाज करने के लिए बहुत असरकारी है।
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3: पुदीना (Mint) से करें पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of abdominal pain)
पुदीना सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें फोस्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयरन, कैल्शियम एवं मैग्नीशियम जैसे विशिष्ट पौष्टिक तत्व उपस्थित होते हैं। पुदीने से पेट दर्द का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट पुदीने की पत्ते से निकले जूस की कुछ बूंदें पानी में डाल कर सेवन करने की सलाह देते हैं। क्योंकि पुदीने के सेवन से पेट दर्द की परेशानी को दूर किया जा सकता है।
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4: लहसुन (Garlic)
पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करना चाहते हैं, तो आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन में एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीफंगल जैसे गुण मौजूद होते हैं। इन गुणों के साथ-साथ इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कच्चे लहसुन का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी परेशानी दूर होती है।