मूल (origin)
आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से आपकी सभी परेशानियों को ठीक कर सकता है। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स इंजेस्टिबल होते हैं। किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या के लिए इनका इस्तेमाल परामर्श के साथ किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ सामान्य उत्पाद का उपयोग बड़ी जनसंख्या के द्वारा किया जाता है। आयुर्वेद में साइंटिफिक वैल्यू के साथ कई बड़ी-बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स का हल मौजूद है। कुछ विद्वानों का कहना है कि आयुर्वेद की उत्पत्ति प्रागैतिहासिक काल में हुई थी। कुछ कहते हैं कि आयुर्वेद की कुछ अवधारणाएँ सिंधु घाटी सभ्यता के समय या उससे भी पहले से मौजूद हैं। हालांकि, वैदिक काल के दौरान आयुर्वेद में काफी विकास हुआ।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट्स के अनुसार “ऑर्गेनिक खेती (organic farming) एक तरह का प्रोडक्शन सिस्टम है जो मिट्टी, इको सिस्टम (eco system) और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखती है। यह पूरी तरह से इकोलॉजिकल (ecological) प्रोसेस, जैव विविधता (biodiversity) और लोकल कंडीशन के अनुकूल होती हैं। जैविक कृषि ट्रेडिशन, इनोवेशन और साइंस का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। इससे पर्यावरण को तो लाभ मिलते ही हैं और साथ भी साथ व्यक्ति के जीवन की अच्छी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाती है।’ एग्रीकल्चर सामान्य रूप से एक हजार साल पुरानी है और ऑर्गेनिक फार्मिंग का आईडिया हानिकारण पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर के इस्तेमाल की वजह से अस्तित्व में आया।
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आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लाभ क्या हैं?
- आयुर्वेद जीवन शैली का एक विकल्प है, जब इसे सही तरीके से अपनाया जाता है, तो यह आपके स्वास्थ्य में चार चांद लगा देता है। व्यायाम करना, एक एक्टिव लाइफस्टाइल, पर्याप्त सूर्य के संपर्क में रहना, उचित उपचार और भावनात्मक रूप से मजबूत रहने से व्यक्ति का शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। इसका अच्छा असर आपके शरीर के साथ-साथ दिमाग और स्किन पर भी दिखता है। आयुर्वेद, अल्टरनेटिव मेडिसिन के साथ बढ़िया काम करता है।
- आयुर्वेद संतुलित आहार दिशानिर्देश, स्लीप पैटर्न, घरेलू उपचार, दैनिक और मौसमी दिनचर्या, योग और एक्सरसाइज पैटर्न के साथ हेल्थ को फिर से सही करने में मदद करता है।
- योग, ध्यान (meditation), हर्बल सेवन और पर्याप्त नींद के माध्यम से एकाग्रता का स्तर बढ़ता है जिससे गोल-बेस्ड सेटिंग्स को फिर से पाने में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से पाचन में सुधार होता है जिससे भूख और इम्युनिटी भी बढ़ती है।
- आयुर्वेद के बेसिक्स प्रिंसिपल्स कहते हैं – ब्रेकफास्ट न छोड़ें, हल्का खाना खाएं, देर से सोना और जागना छोड़ दें, हायड्रेट रहें, जैविक उत्पाद का इस्तेमाल करें, धूम्रपान और शारब से दूर रहें और सक्रिय जीवनशैली बनाए रखें।